बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच 2025 दौरे का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इंग्लैंड ने पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया, लेकिन भारत ने पहले दिन 310 रन पर 5 विकेट खोकर मजबूत स्थिति बना ली। इसका सबसे बड़ा श्रेय कप्तान शुभमन गिल को जाता है, जिन्होंने शानदार शतक लगाया। यह मैच 2 जुलाई 2025 से शुरू हुआ और सीरीज़ के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। गिल ने कप्तान बनने के बाद लगातार दूसरे टेस्ट में शतक लगाया है, जिससे उन्होंने अपने नाम को दिग्गज खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल करवा लिया है।
एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन
बर्मिंघम में शुभमन गिल की पारी संयम और खूबसूरत शॉट्स की मिसाल थी। लीड्स में अपने पहले टेस्ट में कप्तान के रूप में शतक लगाने के बाद गिल पर बड़ी उम्मीदों का दबाव था, लेकिन उन्होंने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए नाबाद 114 रन बनाए।
उनकी बल्लेबाज़ी में सटीक ड्राइव, आत्मविश्वास से भरा फुटवर्क और दबाव में टिके रहने की खासियत दिखी जो भारत के बेहतरीन कप्तानों की याद दिलाती है। इस शतक के साथ गिल कप्तान के रूप में अपने पहले दो टेस्ट मैचों में दो शतक लगाने वाले केवल चौथे भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं, जो उनकी प्रतिभा और शांत मिज़ाज को दर्शाता है। गिल की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने एजबेस्टन में शतक बनाकर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की लिस्ट में अपना नाम जोड़ लिया है।
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कप्तान के तौर पर पहले दोनों टेस्ट मैचों में शतक लगाने वाले 4 भारतीय बल्लेबाज
केवल चार भारतीय बल्लेबाजों ने कप्तान के रूप में अपने पहले दो टेस्ट मैचों में कई शतक बनाने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है:
1. विराट कोहली:

कोहली ने 2014-15 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कप्तान के रूप में एक नया मानदंड स्थापित किया । उन्होंने अपने पहले तीन टेस्ट मैचों की हर पारी में शतक लगाया। एडिलेड में उन्होंने 115 और 141 रन की शानदार पारियां खेलीं, और उसके बाद एक और शतक जड़ा। इन पारियों ने दिखाया कि कोहली आक्रामक सोच वाले कप्तान हैं, जो खुद आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करते हैं। कोहली के कप्तानी के दौर को उनकी जबरदस्त बल्लेबाज़ी ने खास बनाया। उन्होंने कप्तान रहते हुए 20 टेस्ट शतक लगाए जो किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे ज़्यादा हैं। बड़े स्कोर बनाने की उनकी भूख ने अक्सर टीम को ऐतिहासिक जीतों तक पहुंचाया ।
2. सुनील गावस्कर:

अपनी शानदार तकनीक और मजबूत इरादों के लिए मशहूर महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कप्तान के रूप में अपने पहले दो टेस्ट मैचों में दो शतक लगाए। उनकी कप्तानी की खासियत थी दबाव में शांत रहना और स्थिरता बनाए रखना । इन शुरुआती शतकों ने उनके कप्तानी के सफर की बेहतरीन शुरुआत की और उन्हें भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में शामिल कर दिया ।
3. विजय हजारे:

भारतीय क्रिकेट के शुरुआती दौर के महान खिलाड़ियों में से एक विजय हजारे ने 1951 में इंग्लैंड के खिलाफ़ दिल्ली में नाबाद 164 और मुंबई में 155 रन बनाकर यह खास उपलब्धि हासिल की थी। उनके ये शतक उस समय आए जब भारत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहा था। कप्तान के रूप में हजारे का प्रदर्शन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
4. शुभमन गिल:

लीड्स में 147 और बर्मिंघम में नाबाद 114 रन बनाकर शुभमन गिल अब एक खास ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं । कप्तान बनने के बाद उनका यह शानदार बदलाव, जिसमें लगातार दो शतक शामिल हैं, गिल और भारतीय क्रिकेट दोनों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है । ये शतक सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि गिल के इरादे और नेतृत्व की ताकत को दिखाते हैं । यह वो पल हैं जब कप्तानी और बल्लेबाज़ी की प्रतिभा मिलकर भारतीय क्रिकेट की दिशा तय करती है ।