तेज गेंदबाज और होनहार ऑलराउंडर गस एटकिंसन की स्कूल क्रिकेट से लेकर इंग्लैंड की टेस्ट टीम में जगह बनाने तक की यात्रा ने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। अपनी तेज गेंदबाजी और जरूरत पड़ने पर बल्ले से उपयोगी योगदान देने की क्षमता के कारण एटकिंसन को इंग्लिश क्रिकेट का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है।
अब जब उन्हें प्रतिष्ठित लॉर्ड्स टेस्ट के लिए इंग्लैंड की टीम में चुना गया है, तो यह उनके करियर का एक बड़ा मुकाम है। उनकी यह तेज़ तरक्की दिखाती है कि मेहनत और प्रतिभा के बल पर कैसे कोई युवा खिलाड़ी जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बना सकता है।
प्रारंभिक जीवन: वांड्सवर्थ में नींव

19 जनवरी 1998 को लंदन के वैंड्सवर्थ में जन्मे एंगस अलेक्जेंडर पैट्रिक एटकिंसन ऐसे परिवार में बड़े हुए जहाँ पढ़ाई और खेल दोनों को अहमियत दी जाती थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई नॉर्थकोट लॉज और फिर ब्रैडफील्ड कॉलेज से की। यहीं पर उनकी क्रिकेट की प्रतिभा उभरकर सामने आई। एटकिंसन के शुरुआती जीवन में उन्हें परिवार से अच्छा समर्थन मिला। हालांकि, 2020 में उनकी माँ कैरोलिन की एक कार दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन इससे उन्होंने और भी मजबूत बनने की प्रेरणा पाई और अपने खेल के प्रति उनका संकल्प और गहरा हो गया।
स्कूल क्रिकेट: एक युवा सितारे का निर्माण

एटकिंसन का क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही साफ नजर आता था। वह अपने इलाके में खूब क्रिकेट खेलते थे और 2013 से 2016 तक स्कूली प्रतियोगिताओं में ब्रैडफील्ड कॉलेज की ओर से खेले। वह ब्रैडफील्ड कॉलेज की अंडर-17 टीम और ब्रैडफील्ड वेफ्स के लिए अहम खिलाड़ी रहे। उनकी तेज गेंदबाजी और मुकाबले की भावना ने सभी का ध्यान खींचा। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने सरे की जूनियर टीमों के लिए भी खेला। वहां भी उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और स्वाभाविक क्रिकेट प्रतिभा से कोचों को खूब प्रभावित किया।
घरेलू क्रिकेट: रैंकों के माध्यम से आगे बढ़ना

एटकिंसन की घरेलू क्रिकेट में शुरुआत सरे की युवा टीमों से हुई। उन्होंने अगस्त 2020 में बॉब विलिस ट्रॉफी के दौरान सरे के लिए अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला। उसी साल उन्होंने टी20 डेब्यू किया और 2021 में लिस्ट ए क्रिकेट में भी कदम रखा। 2017 से 2019 के बीच उन्हें लगातार तीन बार स्ट्रेस फ्रैक्चर की परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी मेहनत रंग लाई और वह 2022 में सरे की काउंटी चैम्पियनशिप जीतने वाली टीम के अहम खिलाड़ी बन गए।
द हंड्रेड में उन्होंने सदर्न ब्रेव और ओवल इनविंसिबल्स की ओर से शानदार प्रदर्शन किया। उनकी गेंदबाजी की रफ्तार अक्सर 90 मील प्रति घंटा (144 किमी प्रति घंटा) से ज्यादा होती थी, जिससे उनकी पहचान और भी मजबूत हो गई।
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अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण: इंग्लैंड के लिए इतिहास रचना

एटकिंसन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता सितंबर 2023 में मिली, जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच में डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 20 रन देकर 4 विकेट लिए और इंग्लैंड की ओर से डेब्यू पर सबसे अच्छी गेंदबाजी का रिकॉर्ड बना दिया।
इसके बाद उन्होंने वनडे में भी जल्दी ही डेब्यू किया और भारत में हुए 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड की टीम में चुने गए। वहां उन्होंने तीन मैचों में कुल 4 विकेट लिए। अपनी तेज रफ्तार और विकेट लेने की क्षमता के कारण एटकिंसन की तुलना जोफ़्रा आर्चर से की जाने लगी। जल्द ही वे इंग्लैंड की टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट की टीम का अहम हिस्सा बन गए।

हालिया फॉर्म और लॉर्ड्स टेस्ट के लिए बुलावा

2025 के मध्य तक, गस एटकिंसन ने 12 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 22.31 की शानदार औसत से 55 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने तीन बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 45 रन देकर 7 विकेट रहा। बल्ले से भी उन्होंने अच्छा योगदान दिया है और एक टेस्ट शतक बनाकर यह साबित कर दिया है कि वे एक सच्चे ऑलराउंडर हैं। भारत के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में न खेलने के बाद अब उनकी लॉर्ड्स टेस्ट में वापसी हो रही है।
इसे इंग्लैंड टीम में तेज़ी और विविधता लाने वाला फैसला माना जा रहा है। चयनकर्ता और फैंस दोनों ही अब उम्मीद कर रहे हैं कि एटकिंसन एक बार फिर बड़े मंच पर दमदार प्रदर्शन करेंगे।