• इंग्लैंड की टीम लंदन के प्रतिष्ठित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे टेस्ट मैच में भारत से भिड़ेगी।

  • 5 मैचों की टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबर है।

इंग्लैंड बनाम भारत 2025, तीसरा टेस्ट: लॉर्ड्स पिच रिपोर्ट और टॉस फ़ैक्टर
लॉर्ड्स पिच रिपोर्ट और टॉस फैक्टर (फोटो: X)

प्रसिद्ध लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान 10 जुलाई से इंग्लैंड और भारत के बीच पांच मैचों की सीरीज के तीसरे टेस्ट की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सीरीज अभी 1-1 से बराबर है और दोनों टीमें ‘क्रिकेट के घर’ में बढ़त हासिल करने की कोशिश करेंगी। पहले दो टेस्ट मैच बहुत रोमांचक रहे। इंग्लैंड ने हिम्मत दिखाते हुए 371 रन का बड़ा लक्ष्य हासिल कर भारत को चौंका दिया था। लेकिन भारत ने दूसरे टेस्ट में जबरदस्त वापसी की और इंग्लिश टीम को 336 रनों से हराया। अब परिस्थितियां बदल रही हैं और लॉर्ड्स की पिच पर एक नई चुनौती होगी, जिससे दर्शक एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद कर सकते हैं। भारत की टीम को तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की वापसी से ताकत मिलेगी, जिन्हें दूसरे टेस्ट के लिए आराम दिया गया था। ये दोनों खिलाड़ी खास तौर पर लॉर्ड्स की पिच पर शुरुआती सीम और स्विंग गेंदबाजी में मदद कर सकते हैं। बढ़त पाने के लिए दोनों विश्वस्तरीय टीमें और कुछ बड़े खिलाड़ियों की वापसी के साथ, लॉर्ड्स टेस्ट एक यादगार मुकाबला होने वाला है।

लॉर्ड्स पिच रिपोर्ट: चुनौती और मौका

दूसरे टेस्ट मैच से पहले लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड की पिच चर्चा में है। पिच पर अच्छी घास है और यह हरी-भरी नजर आ रही है, जो एजबेस्टन और हेडिंग्ले की पिचों से ज्यादा तेज गेंदबाजों को मदद दे सकती है। मैच शुरू होने में अभी दो दिन बाकी हैं, इसलिए पिच पर थोड़ी कटौती हो सकती है, लेकिन अभी भी गेंदबाजों को बल्लेबाजों की अच्छी परीक्षा लेने का मौका मिलेगा। इतिहास में देखा गया है कि लॉर्ड्स की पिच पर पहली और दूसरी पारी में रन कम बनते हैं, खासकर शुरुआत में गेंदबाजों को ज्यादा फायदा होता है। यहाँ की जमीन और ढलान तेज गेंदबाजों के लिए उपयुक्त रहती है।

लॉर्ड्स की सबसे खास बात है मैदान की आठ फुट लंबी ढलान, जो गेंद के मूवमेंट को प्रभावित करती है। पवेलियन एंड से दाएं हाथ के बल्लेबाजों को गेंद दूर जाने की समस्या होती है, जबकि नर्सरी एंड से गेंद ज्यादा स्विंग करती है। इसलिए बल्लेबाजों को अपने बल्लेबाजी के तरीके और गार्ड में बदलाव करना जरूरी होता है।

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हालांकि, शुरुआत में पिच मुश्किल हो सकती है, लेकिन जो बल्लेबाज धैर्य से खेलेंगे और खुद को परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे, वे सफल होंगे। जैसे-जैसे पिच नरम होगी और आउटफील्ड तेज होगी, रन बनाना आसान होगा। लॉर्ड्स में खेलने वाले क्रिकेटर अक्सर थोड़ा अंदर आकर या गार्ड बदलकर स्विंग गेंदों का सामना करते हैं। गेंदबाजों को मदद मिलने के बावजूद बल्लेबाजों के पास रन बनाने का अच्छा मौका रहेगा, बशर्ते वे पूरी मेहनत करें।

लॉर्ड्स में टॉस का फ़ैसला: कप्तानों के लिए मुश्किल

लॉर्ड्स में टॉस जीतना हमेशा जीत की गारंटी नहीं होता। यहां खेले गए 148 टेस्ट मैचों में देखा गया है कि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने 53 बार जीत हासिल की है, जबकि पहले गेंदबाजी करने वाली टीमों ने 44 बार जीत दर्ज की है। यह दिखाता है कि लॉर्ड्स की पिच और मौसम पांच दिन के मैच में कैसे बदलते हैं। शुरुआत में पिच हरी होती है और गेंद जल्दी स्विंग करती है, इसलिए कप्तान अक्सर पहले गेंदबाजी करना पसंद करते हैं, खासकर जब आसमान में बादल हों। लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ता है, पिच सूखती है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है, जिससे पहले बल्लेबाजी करना भी सही विकल्प बन जाता है। इसलिए लॉर्ड्स में टॉस जीतकर कैसा फैसला लेना है, यह उस दिन की पिच और मौसम पर निर्भर करता है। दोनों विकल्पों में बराबर जोखिम और फायदा होता है।

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श्रेणी:: इंग्लैंड टेस्ट फीचर्ड भारत

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