• बेन स्टोक्स, जो रूट को पीछे छोड़ते हुए, लॉर्ड्स में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए।

  • स्टोक्स के हरफनमौला प्रदर्शन ने इंग्लैंड को क्रिकेट के घर में भारत पर नाटकीय टेस्ट जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इंग्लैंड बनाम भारत: लॉर्ड्स में जो रूट को पछाड़कर बेन स्टोक्स ने रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया अपना नाम
इंग्लैंड बनाम भारत तीसरे टेस्ट के बाद लॉर्ड्स में बेन स्टोक्स ने अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ जो रूट को पीछे छोड़ दिया (फोटो: X)

जब दबाव सबसे ज़्यादा होता है और लॉर्ड्स का मैदान कुछ खास करने की उम्मीद करता है, तब बेन स्टोक्स कमाल कर जाते हैं। इंग्लैंड और भारत के बीच तीसरे टेस्ट में, स्टोक्स ने अपनी टीम को 22 रन की रोमांचक जीत दिलाई। उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर ऐसा कारनामा किया जो उनसे पहले कोई भी खिलाड़ी नहीं कर पाया था, और इसी के साथ उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।

लॉर्ड्स टेस्ट में बेन स्टोक्स के ऑलराउंड प्रदर्शन ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया है।

इंग्लैंड के कप्तान के रूप में स्टोक्स ने खेल में अपना संतुलन और सादगी दिखाकर सबका दिल जीत लिया। उन्होंने दोनों पारियों में ज़रूरी रन बनाए। पहली में 44 और दूसरी में 33 रन। गेंदबाज़ी में भी कमाल किया, पहली पारी में दो विकेट और दूसरी में तीन विकेट लिए। उन्होंने लगातार तेज़ गेंदबाज़ी की और पूरा ध्यान बनाए रखा। उनके एक शानदार डायरेक्ट-हिट रन आउट ने दिखाया कि वह फील्डिंग में भी कितने असरदार हैं और उसी मोड़ पर मैच का रुख बदल गया।

आखिरी दिन जब रवींद्र जडेजा की अगुवाई में भारत मज़बूत वापसी कर रहा था, तब स्टोक्स ने सब पर भारी पड़ते हुए इंग्लैंड को जीत दिलाई और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। लेकिन यह सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं था, इस जीत के साथ स्टोक्स लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट मैचों में चार बार ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने जो रूट, ग्लेन मैक्ग्रा और स्टुअर्ट ब्रॉड को पीछे छोड़ दिया, जिनके नाम तीन-तीन ऐसे अवॉर्ड थे।

लॉर्ड्स में स्टोक्स की खास शुरुआत 2015 में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक शानदार शतक और तीन विकेट से हुई थी। 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया और 2019 की एशेज में मैच बचाने वाला शतक भी लगाया। अब 2025 में, उनके पांच विकेट और अहम रन फिर से इंग्लैंड को जीत दिलाने में काम आए और उनकी महानता को और मजबूत कर दिया।

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बेन स्टोक्स: हिम्मत, जज़्बा और जीत की मिसाल

स्टोक्स को सिर्फ़ उनके आँकड़े ही खास नहीं बनाते, बल्कि उनका जज़्बा और वो ऊर्जा भी उन्हें अलग बनाती है जो वो हर टेस्ट मैच में मैदान पर लाते हैं। भारत के खिलाफ आखिरी दिन, जब मैच का नतीजा तय नहीं था, स्टोक्स ने पूरी ताकत के साथ लगातार 11 ओवर की गेंदबाज़ी की। दर्द और थकावट के बावजूद उन्होंने पीछे हटने का नाम नहीं लिया। उनके इस हौसले ने टीम को यह भरोसा दिया कि चाहे हालात कितने भी मुश्किल हों, जीत मुमकिन है।

मैच के बाद स्टोक्स थोड़े भावुक थे। उन्होंने बताया कि एक ऑलराउंडर होना कितना खास होता है: “मैं एक ऑलराउंडर हूँ, और मुझे खेल को बदलने के चार मौके मिलते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अगर एक चीज़ नहीं चलती, तो दूसरी होती है। मैंने एक अहम स्पेल डाला और मैं बहुत जोश में था।” स्टोक्स की ये अटूट इच्छाशक्ति और दबाव में शानदार प्रदर्शन करने की कला ही उन्हें इंग्लैंड टेस्ट टीम का असली हीरो बनाती है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी, हमेशा खुद को आगे बढ़ाया और लॉर्ड्स में दिखा दिया कि एक सच्चा कप्तान और मैच विजेता कैसा होता है।

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श्रेणी:: इंग्लैंड जो रूट टेस्ट मैच फीचर्ड बेन स्टोक्स

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