ड्यूक्स क्रिकेट गेंद बनाने वाली कंपनी, ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड ने इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए पहले तीन टेस्ट मैचों में इस्तेमाल हुई गेंदों की जांच करने की बात कही है। यह फैसला खिलाड़ियों और एक्सपर्ट्स की बढ़ती शिकायतों के बाद लिया गया है, क्योंकि उनका कहना है कि गेंदें अपनी पुराने स्तर की गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरी हैं।
एजबेस्टन टेस्ट के बाद शुभमन गिल ने लाल झंडा उठाया
भारत के टेस्ट कप्तान शुभमन गिल एजबेस्टन टेस्ट के दौरान गेंद की खराब हालत को लेकर पहले खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने अपनी निराशा जताई। उन्होंने कहा कि ड्यूक्स गेंद जल्दी ही अपनी कठोरता खो रही थी, जिससे बल्लेबाजों के लिए गेंद खेलना आसान हो गया और गेंदबाजों को वह तेज़ी और स्विंग नहीं मिल रही थी जो आमतौर पर इंग्लैंड की परिस्थितियों में मिलती है। गिल की इस बात से क्रिकेट जगत में चिंता बढ़ गई, क्योंकि ड्यूक्स गेंद को लंबा चलने और अच्छी स्विंग देने के लिए जाना जाता है। इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी गेंद की गिरती गुणवत्ता पर अपनी निराशा जताई थी। अपने शानदार करियर में ड्यूक्स गेंद के साथ सफल रहे ब्रॉड ने कहा कि बल्ले और गेंद के बीच सही संतुलन बनाए रखने के लिए गेंद की तेज़ी बहुत जरूरी है।
यह भी पढ़ें: ENG vs IND: गेंद बदलने की बढ़ती मांग के बीच एलेस्टेयर कुक ने की गेंदबाजों की लगातार शिकायतों की आलोचना
ड्यूक्स ने गहन जांच का दिया आश्वासन
ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड के मालिक दिलीप जाजोदिया ने शिकायतें मानते हुए गेंद की पूरी जांच करने का भरोसा दिया है। उन्होंने बीबीसी स्पोर्ट को बताया कि वे गेंद बनाने की हर चीज़ जैसे चमड़ा, टैनिंग का तरीका और बाकी सामग्री को ध्यान से देखेंगे। जाजोदिया ने कहा, “हम सब कुछ जांचेंगे और अगर लगे कि कुछ सुधार करने की जरूरत है, तो हम करेंगे।”
इस मामले ने टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले देशों में इस्तेमाल होने वाली गेंदों के चुनाव पर फिर से चर्चा शुरू कर दी है। भारत एसजी गेंद का इस्तेमाल करता है, ऑस्ट्रेलिया कूकाबुरा गेंद को पसंद करता है, और इंग्लैंड पारंपरिक रूप से ड्यूक्स गेंद का इस्तेमाल करता है। ड्यूक्स गेंद खासतौर पर घरेलू मैचों में गेंदबाजों की मदद करने के लिए जानी जाती है। लेकिन इस सीरीज में गेंद ने लंबा समय तक स्विंग या सीम नहीं किया, जिससे एक्सपर्ट्स सवाल कर रहे हैं कि क्या यह गेंद की खराब गुणवत्ता की वजह से है या फिर ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बल्लेबाजी आसान हो सके।