2025 में भारत के इंग्लैंड दौरे का क्रिकेट फैन्स बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। इस दौरे का आखिरी टेस्ट मैच लंदन के ऐतिहासिक केनिंग्टन ओवल मैदान में खेला जाएगा। जून से अगस्त 2025 तक चलने वाली यह सीरीज 2025-2027 आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा है और इसमें भारत और इंग्लैंड के बीच कुल पाँच टेस्ट मैच खेले जा रहे हैं। 31 जुलाई 2025 से शुरू होने वाला ओवल का यह आखिरी मुकाबला बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है, क्योंकि पूरी सीरीज में कड़ी टक्कर, शानदार खेल और कई यादगार पल देखने को मिले हैं।
लंदन के ओवल में दशकों से भारत की यात्रा
टेस्ट क्रिकेट में भारत का सफर द ओवल मैदान पर 1936 से शुरू हुआ था। 2021 तक इस मैदान पर भारत ने कुल 14 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 2 जीते, 5 हारे और 7 मैच ड्रॉ रहे। इसका मतलब है कि भारत का जीत-हार का अनुपात 0.400 रहा है। भारत ने यहां 24 पारियां खेली हैं, जिनमें बल्लेबाजों का औसत स्कोर 31.60 रहा है। इस मैदान पर भारतीय बल्लेबाजों की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी 164 रन की रही है, जबकि सबसे कम 94 रन भी बनाए गए हैं। भारत का रन रेट यानी प्रति ओवर रन 2.92 रहा है।
इतिहास बताता है कि भारत ने द ओवल में कुछ अच्छी पारियां खेली हैं, लेकिन लगातार जीत हासिल करना हमेशा मुश्किल रहा है। यह मैदान भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है, क्योंकि इंग्लैंड की टीम घरेलू परिस्थितियों का अच्छे से फायदा उठाती है। फिर भी, भारत ने कई बार चौंकाने वाले प्रदर्शन भी किए हैं। खासतौर पर 2025 की सीरीज के दौरान जब भारत ने द ओवल में पहली बार टेस्ट मैच जीता और ऐसा करने वाली पहली एशियाई टीम बन गई।
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द ओवल, लंदन में भारत का प्रदर्शन:
- खेले गए मैच: 14
- जीते गए मैच: 2
- हारे हुए मैच: 5
- मैच ड्रा: 7
- मैच बराबर: 0
- उच्चतम स्कोर: 664
- न्यूनतम स्कोर: 94
एंडरसन-तेंदुलकर 2025 सीरीज़ बराबर करने के लिए भारत को अहम जीत की तलाश
2025 में द ओवल में होने वाले आखिरी टेस्ट मैच से पहले भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है। यह सीरीज अब तक काफी रोमांचक और कड़ी टक्कर वाली रही है, जिसमें दोनों टीमों ने अपने-अपने दबदबे के पल दिखाए हैं।
भारत इस टेस्ट को जीतकर कम से कम सीरीज को ड्रॉ करना चाहता है, ताकि इंग्लैंड की धरती पर अपनी मजबूती दिखा सके। यह मैच इसलिए भी खास है क्योंकि द ओवल में जीत भारत के लिए हमेशा मुश्किल रही है। अगर भारत यहां जीतता है, तो यह सिर्फ सीरीज का नतीजा नहीं होगा, बल्कि एक ऐतिहासिक और गर्व का पल भी होगा। इस समय की भारतीय टीम, जिसमें युवा और अनुभवी दोनों खिलाड़ी हैं, द ओवल की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। यह पिच आमतौर पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती है और यहां धैर्य से बल्लेबाजी करनी पड़ती है। पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए, भारत से उम्मीद है कि वह इस आखिरी टेस्ट में मजबूत बल्लेबाजी करेगा, अनुशासित गेंदबाजी करेगा और पूरे मैच में रणनीति और धैर्य के साथ खेलेगा।