भारतीय टीम के बीच अच्छे माहौल को दिखाने वाले एक मजेदार पल में, अनुभवी बल्लेबाज़ करुण नायर ने हँसी-मज़ाक में खुद को ‘अब की टीम का सबसे अच्छा फुटबॉलर’ बताया।
भारत की टेस्ट टीम में वापसी की चुनौतियों के बीच करुण नायर का ‘सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर’ होने का दावा
इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्ट से पहले भारतीय टीम का माहौल हल्का-फुल्का रहा। टीम ने मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाड़ियों से मुलाकात की, जहाँ क्रिकेट और फुटबॉल दोनों खेलों को लेकर मज़ेदार बातचीत और दोस्ताना मुकाबले भी हुए। इसी दौरान, बल्लेबाज़ नायर ने मज़ाक में खुद को टीम का “सबसे अच्छा फुटबॉलर” बताया और कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस समय मुझसे बेहतर कोई है।”
हालांकि, यह बयान मजेदार था, लेकिन करुण के लिए यह समय थोड़ा मुश्किल भरा भी रहा। टेस्ट टीम में वापसी के बाद भी उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाड़ियों से यह मुलाकात टीम के लिए टेस्ट मैच से पहले एक अच्छा ब्रेक साबित हुई, लेकिन नायर की हल्की-फुल्की बातों के पीछे उनके करियर की गंभीर चुनौती भी छुपी हुई है।
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— Manchester United (@ManUtd) July 23, 2025
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एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में बल्ले से खराब प्रदर्शन और मैनचेस्टर टेस्ट से बाहर
33 साल के करुण नायर ने सात साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की थी। उनकी वापसी घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन और भारत ए के लिए एक दोहरे शतक के चलते हुई थी। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन कमजोर रहा। उन्होंने तीन टेस्ट में नंबर 3 पर छह पारियाँ खेलीं और सिर्फ 21.83 की औसत से 131 रन बनाए। उनका सबसे बड़ा स्कोर लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में 40 रन रहा। उनके स्कोर रहे: 14, 40, 26, 31, 20 और 0 जो दिखाता है कि वह अच्छी शुरुआत के बाद बड़ी पारी नहीं बना पाए।
इसी वजह से ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के लिए उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह युवा साई सुदर्शन को मौका मिला। कप्तान शुभमन गिल के समर्थन के बावजूद, नायर टेस्ट में अपनी फॉर्म नहीं दिखा पाए। इस मैच में अंशुल कंबोज को डेब्यू का मौका मिला, जबकि शार्दुल ठाकुर की भी चोट के बाद वापसी हुई। इससे साफ है कि टीम इंडिया जीत का सही संयोजन ढूंढ रही है ताकि सीरीज बराबर की जा सके। नायर अब घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक के लिए खेलते हुए वापसी की कोशिश करेंगे। विदर्भ के साथ तीन साल बिताने के बाद उन्होंने फिर से कर्नाटक लौटने का फैसला किया है, जिससे साफ है कि वो फिर से फॉर्म में लौटकर टीम इंडिया में जगह बनाना चाहते हैं।