• माइकल वॉन ने टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों के गंभीर चोटिल होने पर निष्पक्षता बनाए रखने के लिए रिप्लेसमेंट की अनुमति देने की वकालत की।

  • ऋषभ पंत को हाल ही में इंग्लैंड बनाम भारत चौथे टेस्ट के पहले दिन टखने में गंभीर चोट लगी थी।

इंग्लैंड बनाम भारत: ऋषभ पंत की चोट के बाद माइकल वॉन ने ICC से की टेस्ट क्रिकेट में रिप्लेसमेंट की मांग
माइकल वॉन ने ऋषभ पंत की चोट के बाद आईसीसी से टेस्ट क्रिकेट में स्थानापन्न खिलाड़ियों को अनुमति देने की मांग की (फोटो: X)

टेस्ट क्रिकेट, जो अपनी सहनशक्ति और रणनीति के लिए जाना जाता है, हाल ही में मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में एक विवादास्पद पल का गवाह बना। भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत मैच की शुरुआत में ही बुरी तरह चोटिल हो गए और पूरे दिन मैदान से बाहर रहना पड़ा।

अब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के लिए सब्स्टीट्यूट (विकल्प खिलाड़ी) को लेकर बहस छेड़ दी है। उनका मानना है कि अगर किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगती है, तो उसकी जगह किसी और को खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि ऐसे बड़े मैचों में खेल का संतुलन और निष्पक्षता बनी रहे।

माइकल वॉन ने आईसीसी से नियम बदलने का किया आग्रह 

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब पंत इंग्लैंड के गेंदबाज़ क्रिस वोक्स के खिलाफ रिवर्स स्वीप करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद सीधे उनके टखने पर लग गई। चोट इतनी गंभीर थी कि पंत को मैदान से बाहर ले जाना पड़ा और वह न तो बल्लेबाज़ी कर पाए और न ही विकेटकीपिंग कर सके। अभी मैच में चार दिन का खेल बाकी था, लेकिन भारत अब 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहा था, जो टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे और थकाऊ फ़ॉर्मेट में बहुत बड़ा नुकसान होता है।

इसी को लेकर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान वॉन ने बीबीसी स्पोर्ट्स से बात करते हुए टेस्ट क्रिकेट के नियमों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “मुझे ये अच्छा नहीं लगा कि मैच में अभी चार दिन बचे हैं और भारत को 10 बनाम 11 के हिसाब से खेलना पड़ रहा है।”

वॉन ने माना कि पहले सिर में चोट (कंसकशन) के लिए सब्स्टीट्यूट की अनुमति देना एक अच्छा कदम था, लेकिन अब समय आ गया है कि इस नियम को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि जब किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगे और वह आगे खेलने में असमर्थ हो, तो टीम को एक विकल्प खिलाड़ी देना चाहिए, ताकि मैच का संतुलन बना रहे। हालाँकि, वॉन ने चेतावनी भी दी कि इस नियम का गलत इस्तेमाल न हो, इसलिए इसे सिर्फ पहले पारी तक ही सीमित रखा जाना चाहिए और सिर्फ उन्हीं मामलों में लागू होना चाहिए जहाँ चोट साफ़ दिखाई दे और उसका मेडिकल सबूत मौजूद हो। उनका कहना है कि इससे खेल की निष्पक्षता और खेल भावना दोनों बनी रहेंगी, साथ ही जिन टीमों को ऐसे हालातों में नुकसान उठाना पड़ता है, उन्हें भी थोड़ी राहत मिलेगी।

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सर एलेस्टेयर कुक ने नियम परिवर्तन के दुरुपयोग पर चिंता जताई

वॉन के सुझाव से सभी लोग सहमत नहीं हैं। इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर एलेस्टेयर कुक ने इस पर व्यावहारिक चिंताएं जताईं, खासकर जब चोट की गंभीरता साफ़ नहीं होती। पंत की चोट पर बात करते हुए कुक ने सवाल उठाया कि क्या हर बार किसी खिलाड़ी को चोट या थोड़ी तकलीफ होने पर उसकी जगह किसी और को खेलने दिया जा सकता है।

उन्होंने पूछा, “अगर ये सिर्फ एक हल्की चोट हो, तो क्या खिलाड़ी को फिर भी बाहर बैठना चाहिए?” कुक को चिंता है कि अगर प्रतिस्थापन के नियम बहुत लचीले हो गए, तो टीमें इसका फायदा उठाकर रणनीति के तौर पर इसका गलत इस्तेमाल कर सकती हैं।

कुक की यह शंका इस जटिल संतुलन को दिखाती है जिसे क्रिकेट के नियम बनाने वालों को संभालना होगा यानी खिलाड़ियों की सेहत का ध्यान रखना, लेकिन साथ ही टेस्ट क्रिकेट की निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धा को भी बनाए रखना। हर चोट गंभीर नहीं होती और सभी खिलाड़ी इतने अक्षम नहीं होते कि तुरंत बदला जाए, जबकि सिर की चोट के मामले में कड़े मेडिकल नियम और जांच होती है। यही अनिश्चितता इस बहस को आगे बढ़ा रही है कि क्या सिर की चोट के अलावा भी किसी खिलाड़ी को बदलने की अनुमति दी जाए और अगर हाँ, तो उसके लिए साफ़ और सख्त नियम कैसे बनाए जाएं।

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श्रेणी:: टेस्ट मैच फीचर्ड माइकल वॉन

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