जैसे-जैसे इंग्लैंड और भारत के बीच पाँच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का चौथा मुकाबला करीब आ रहा है, पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने ऋषभ पंत को लेकर चिंता जताई है। दरअसल, पंत को लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन उंगली में चोट लग गई थी, जिसके बाद वे पूरे मैच में विकेटकीपिंग नहीं कर पाए। उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने कीपिंग की ज़िम्मेदारी निभाई।
अब जबकि अगला टेस्ट मैनचेस्टर में होने वाला है, खबर है कि टीम मैनेजमेंट पंत को फिर से टीम में शामिल करना चाहता है। लेकिन शास्त्री का मानना है कि अगर पंत पूरी तरह से फिट नहीं हैं, तो उन्हें खिलाना सही नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि आधे-अधूरे फिट खिलाड़ी को मैदान में उतारना टीम के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
रवि शास्त्री ने बताया, ऋषभ पंत को मैनचेस्टर टेस्ट क्यों नहीं खेलना चाहिए?
शास्त्री ने साफ कहा है कि पंत को मैनचेस्टर टेस्ट तब तक नहीं खेलना चाहिए जब तक वह पूरी तरह फिट न हो जाएँ और दोनों जिम्मेदारियाँ बल्लेबाज़ी और विकेटकीपिंग ठीक से निभा पाने की हालत में न हों। शास्त्री का मानना है कि अगर पंत को सिर्फ़ बल्लेबाज़ के तौर पर खिलाया गया और उन्हें फील्डिंग करनी पड़ी, तो उनकी उंगली की चोट और बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि विकेटकीपिंग के दौरान दस्ताने थोड़ी सुरक्षा देते हैं, लेकिन फील्डिंग करते वक्त बिना दस्तानों के चोट लगने का खतरा बहुत ज़्यादा होता है।
शास्त्री ने कहा, “अगर वो मैदान में उतरता है और कोई गेंद या चोट उस जगह पर लगती है, तो परेशानी और बढ़ सकती है। इसलिए वो तभी खेले जब दोनों रोल निभाने के लिए पूरी तरह फिट हो। अगर उंगली में फ्रैक्चर है, तो उसे आराम देना बेहतर होगा ताकि वो ओवल टेस्ट के लिए तैयार रह सके।”
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शानदार फॉर्म, लेकिन फिटनेस अहम
पंत इस टेस्ट सीरीज़ में शानदार फॉर्म में रहे हैं। उन्होंने लीड्स में पहले टेस्ट में इतिहास रच दिया, जब वह एक ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले दूसरे विकेटकीपर बने। पहली पारी में उन्होंने 134 और दूसरी पारी में 118 रन बनाए। इसके बाद पंत ने दूसरे टेस्ट में 65 रन और तीसरे टेस्ट में 74 रन की अहम पारी खेली। उन्होंने लगातार अच्छे रन बनाए और टीम की बल्लेबाज़ी की रीढ़ बने रहे। तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने अब तक 70.83 की औसत से 425 रन बनाए हैं, और वह सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में दूसरे नंबर पर हैं। हालांकि, भारत सीरीज़ में 1-2 से पीछे है, लेकिन पंत की बल्लेबाज़ी ने टीम को मुकाबले में बनाए रखा है और उनके प्रदर्शन ने भारत को लड़ने का हौसला दिया है।