इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की करीबी हार ने क्रिकेट जगत में कई तरह की प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं। इन्हीं में एक अहम प्रतिक्रिया पूर्व भारतीय कोच और मशहूर कमेंटेटर रवि शास्त्री की रही। इस बेहद कड़े मुकाबले पर बात करते हुए शास्त्री ने बताया कि यह मैच भारत की पकड़ में लग रहा था, लेकिन कुछ गलतियों के चलते टीम को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने भारत की दूसरी पारी में अचानक हुए विकेटों के पतन को हार की सबसे बड़ी वजह बताया।
रवि शास्त्री ने लॉर्ड्स के रोमांचक मैच में खेल बदलने वाले पल का ज़िक्र किया
आईसीसी रिव्यू में संजना गणेशन से बात करते हुए ,शास्त्री ने कहा कि ऋषभ पंत का पहली पारी में आउट होना इस मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट था। उन्होंने बेन स्टोक्स की चतुराई और लंच के समय उनके रन-आउट को भी खास बताया, जिसने मैच की दिशा बदल दी।
शास्त्री ने कहा, “इस टेस्ट मैच का टर्निंग पॉइंट मेरे लिए पंत का रन-आउट था। लंच से ठीक पहले, स्टोक्स ने दाहिने छोर पर जाकर समझदारी से क्षेत्ररक्षण किया और शानदार फील्डिंग से पंत को रन-आउट कर दिया। अगर वह विकेट न गिरता, तो भारत बढ़त बना सकता था और जीत की ओर बढ़ रहा था।” तीसरे दिन , जब केएल राहुल और पंत ने 141 रन की साझेदारी की थी, तब भारत मजबूत स्थिति में था और इंग्लैंड दबाव में आ गया था। दोनों बल्लेबाज़ पूरे नियंत्रण में लग रहे थे। लेकिन स्टोक्स के एक शानदार फील्डिंग मूव से न सिर्फ़ साझेदारी टूटी, बल्कि मैच का पूरा मोमेंटम इंग्लैंड की ओर चला गया।
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शास्त्री ने भारत के शीर्ष क्रम के बारे में भी खुलकर बात की
शास्त्री ने भारत की हार के पीछे आखिरी दिन टॉप ऑर्डर की एकाग्रता की कमी को भी अहम कारण बताया। उन्होंने दूसरी पारी में करुण नायर के आउट होने को खास तौर पर ज़िक्र किया और कहा कि सीधी गेंद को छोड़ देना एक बड़ी गलती थी , जिसने इंग्लैंड की वापसी का रास्ता खोल दिया ।
शास्त्री ने कहा, “दूसरी पारी में जब भारत का स्कोर 40/1 था, तब करुण नायर ने एक सीधी गेंद छोड़ दी, जो एक नॉन-बॉल भी थी। यही पल इंग्लैंड के लिए दरवाज़ा खुलने जैसा था।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के टॉप ऑर्डर में शॉट चयन और मानसिक मजबूती की कमी दिखी। इसके बावजूद जब सिराज, बुमराह और जडेजा जैसे निचले क्रम के बल्लेबाज़ खेलने आए, तो उन्होंने अच्छी धैर्य और समझदारी दिखाई। शास्त्री बोले, “आपने देखा होगा कि जब गेंद 40 ओवर पुरानी हो गई थी, तो हमारे निचले क्रम के बल्लेबाज़ शायद ही कोई गलती कर रहे थे। इसका मतलब है कि अगर टॉप ऑर्डर थोड़ा और ध्यान केंद्रित और मानसिक रूप से मज़बूत होता, तो यह मैच भारत जीत सकता था।”