लंदन के मशहूर लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड और भारत के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच की रोमांचक शुरुआत हुई। सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी, इसलिए दोनों टीमें इस खास मैदान पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रही थीं। यह मैदान अपनी ऐतिहासिकता और बदलते मौसम के लिए जाना जाता है, जिससे मैच में कई नाटकीय पल आए। आखिरी दिन न केवल क्रिकेट की कला, बल्कि खिलाड़ियों के मज़ेदार अंदाज और दिमागी खेल ने भी मुकाबले को और रोमांचक बना दिया।’
लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन हैरी ब्रक के व्यंग्य ने रवींद्र जडेजा को भड़का दिया
लॉर्ड्स में पांचवां दिन सिर्फ रोमांचक क्रिकेट का दिन नहीं था, बल्कि दिमागी खेलों का भी एक मंच था। इंग्लैंड के हैरी ब्रूक और बेन डकेट ने भारत के रवींद्र जडेजा का मैदान पर मजाक उड़ाकर एक चुटीला उपकथानक पेश किया। स्टार स्पोर्ट्स द्वारा साझा किए गए “नेवर स्लेज जडेजा” नामक पर्दे के पीछे के एक क्लिप में ब्रूक को स्लिप क्षेत्र से मजाक करते हुए कहा जाता है, “क्या उसे यहां टीम में नहीं होना चाहिए, दोस्तों?” डकेट ने भी उनका साथ देते हुए चुटकी ली, “ऐसा लगता है कि वह ऐसा खेलने वाला नहीं है,” जिस पर ब्रूक ने दोहराया, “उसे यहां टीम में नहीं होना चाहिए, दोस्तों।” उस वक्त ये बातें सामान्य स्लेजिंग लग सकती थीं, लेकिन जैसे-जैसे जडेजा ने बढ़ते दबाव के बीच भारत की पारी संभाली, उन्होंने मौखिक जवाब देने की बजाय अपनी पूरी ताकत क्रीज पर लगाई। उनकी प्रतिक्रिया बहुत कुछ कहती है क्योंकि उन्होंने शांतिपूर्वक इंग्लैंड के आक्रमण को रोका और लगभग असाधारण वापसी कर ली।
यह भी पढ़ें: इंग्लैंड बनाम भारत: हर्शल गिब्स ने लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की हार के पीछे मुख्य कारण बताया
वीडियो यहां देखें:
Rule No. 1: Never sledge Jadeja
Rule No. 2: Read the 1st rule again!Hats off, @imjadeja 🫡#ENGvIND | 4th Test starts WED, 23rd JULY, 2:30 PM | Streaming on JioHotstar! pic.twitter.com/FAuaFQIBlX
— Star Sports (@StarSportsIndia) July 14, 2025
अकेले योद्धा जडेजा डटे रहे, लेकिन इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में भारत को हराया
भारत को 193 रनों के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ी मुश्किल हुई। लंच तक टीम 8 विकेट गिराकर केवल 112 रन ही बना पाई। तभी रवींद्र जडेजा मैदान पर आए, जो बहुत ही शांत और मजबूत दिखे। उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर बल्लेबाजी की। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ उनकी साझेदारियां इस बात का सबूत थीं कि जडेजा हार नहीं मान रहे थे और टीम को जीत के करीब लेकर जाने की कोशिश कर रहे थे।
लॉर्ड्स के दर्शक हर रन पर बहुत ध्यान से देख रहे थे, क्योंकि बाउंड्री कम थी और जोखिम ज्यादा था। जडेजा ने 181 गेंदों में 61 रन बिना आउट होकर बनाए, जो उनके करियर की सबसे खास पारियों में से एक थी। बुमराह ने भी साथ दिया और 54 गेंदें खेलीं। जडेजा नॉन-स्ट्राइकर एंड पर फंसे रहे, लेकिन उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए मैच को करीब से खेला। उनके इस प्रयास की लॉर्ड्स में खूब तारीफ हुई। उन्होंने अपने बल्ले से सबको दिखा दिया कि वह कितने मजबूत खिलाड़ी हैं, चाहे बाहर के लोग कुछ भी कहें। इंग्लैंड ने अंत में 22 रनों से मैच जीत लिया और सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। ब्रूक और डकेट की स्लेजिंग और जडेजा की जबरदस्त बल्लेबाजी ने टेस्ट क्रिकेट की असली भावना और नाटकीयता को पूरी तरह से दिखाया।