ओल्ड ट्रैफर्ड में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज़ का चौथा टेस्ट अब करीब है, और भारतीय टीम एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से पीछे चल रही टीम पर इस मैच को जीतकर सीरीज़ बराबर करने का बड़ा दबाव है। कई अहम खिलाड़ियों की फिटनेस पर नजर रखी जा रही है, और टीम मैनेजमेंट इस ज़रूरी मुकाबले के लिए पूरी तैयारी में जुटा है।
इंग्लैंड बनाम भारत मैनचेस्टर टेस्ट के लिए जसप्रीत बुमराह की उपलब्धता पर मोहम्मद सिराज का अपडेट
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने मैनचेस्टर में होने वाले चौथे टेस्ट मैच से पहले यह साफ किया है कि जसप्रीत बुमराह खेलेंगे। मीडिया से बात करते हुए सिराज ने कहा, “जस्सी भाई तो खेलेंगे, मुझे यही पता है।” सिराज का यह बयान टीम के लिए राहत की बात है, क्योंकि बुमराह का खेलने को लेकर काफी चर्चा हो रही थी।
बुमराह ने अब तक सीरीज़ में शानदार गेंदबाज़ी की है और लगातार इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को परेशान किया है। उनकी मौजूदगी भारत के लिए बहुत फायदेमंद होगी, खासकर तब जब तेज़ गेंदबाज़ों की चोटें बढ़ती जा रही हैं। आकाश दीप कमर की तकलीफ़ से जूझ रहे हैं और अर्शदीप सिंह हाथ की चोट के कारण बाहर हो गए हैं। उनकी जगह अंशुल कंबोज को टीम में बुलाया गया है।
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इंग्लैंड बनाम भारत: ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत की मुश्किलें
अभी तक खेली गई तीन टेस्ट मैचों में यह सीरीज़ काफी रोमांचक रही है और इंग्लैंड फिलहाल 2-1 से आगे है।
- पहला टेस्ट (हेडिंग्ले, लीड्स): इंग्लैंड ने भारत को 5 विकेट से हराया।
- दूसरा टेस्ट (एजबस्टन, बर्मिंघम): भारत ने जोरदार वापसी करते हुए इंग्लैंड को 336 रनों से हराया।
- तीसरा टेस्ट (लॉर्ड्स, लंदन): इंग्लैंड ने भारत पर कड़े मुकाबले में 22 रनों से जीत हासिल की।
हालांकि, ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां उसका टेस्ट रिकॉर्ड अब तक काफी कमजोर रहा है। 1936 से अब तक भारत ने इस मैदान पर 9 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाया है। इनमें से चार मैच भारत हार चुका है और पांच ड्रॉ रहे हैं। 2014 में एमएस धोनी की कप्तानी में भारत को यहां एक पारी से करारी हार मिली थी।
यह लंबा सूखा भारत के लिए दबाव को और बढ़ाता है। इस टेस्ट में न सिर्फ सीरीज़ बराबर करने की चुनौती है, बल्कि टीम 89 साल से चली आ रही हार की इस परंपरा को तोड़ने की भी कोशिश करेगी। अगर भारत यहां फिर से नहीं जीत पाया, तो यह मैदान टेस्ट इतिहास में वह जगह बन जाएगा जहाँ भारत ने 10 या उससे ज़्यादा टेस्ट खेले हों और एक भी नहीं जीता हो।