लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में 22 रनों से हार के बाद अब सबकी निगाहें 23 जुलाई से मैनचेस्टर में ओल्ड ट्रैफ़र्ड में होने वाले चौथे टेस्ट पर टिकी हैं। भारत 2-1 से पीछे है और उसे अब हर हाल में जीत चाहिए। इसी बीच, टीम के भरोसेमंद विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत की उपलब्धता पर सवाल है। उनकी मौजूदगी भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को लगी चोट
भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज पंत को लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान चोट लग गई। यह चोट उन्हें 34वें ओवर में जसप्रीत बुमराह की गेंद को पकड़ते समय बाएं हाथ की तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) में लगी। पंत को तुरंत दर्द महसूस हुआ और मैदान पर ही इलाज मिला। उन्होंने ओवर तो पूरा किया, लेकिन इसके बाद विकेटकीपिंग नहीं कर सके। उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने विकेट के पीछे जिम्मेदारी संभाली।
हालांकि, चोट के बावजूद पंत ने हिम्मत नहीं हारी और दोनों पारियों में बल्लेबाजी की। पहली पारी में उन्होंने 112 गेंदों में 74 रन बनाए और पांचवें नंबर पर शानदार खेल दिखाया। बल्लेबाजी के दौरान कई बार उन्हें अपना घायल हाथ पीछे हटाते हुए देखा गया। आखिरी दिन जब भारत रन चेज़ कर रहा था, तब भी हर बार गेंद लगने पर उनके चेहरे पर दर्द साफ नजर आ रहा था।
यह भी पढ़ें: इंग्लैंड बनाम भारत: लॉर्ड्स टेस्ट में मोहम्मद सिराज पर लगे जुर्माने को लेकर स्टुअर्ट ब्रॉड ने की ICC की आलोचना
शुभमन गिल ने पंत की चोट पर अपडेट साझा किया
मैच खत्म होने के बाद, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने एक राहत भरी खबर दी जिससे ड्रेसिंग रूम और फैंस की चिंता कम हो गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने बताया, “ऋषभ स्कैन के लिए गए थे और अच्छी बात ये है कि उन्हें कोई बड़ी चोट नहीं है। मुझे लगता है वह अगले टेस्ट तक ठीक हो जाएंगे।”
गिल ने माना कि पंत को मैच के दौरान दर्द और तकलीफ जरूर हुई थी, लेकिन स्कैन में कुछ गंभीर नहीं निकला। उन्होंने कहा, “ऋषभ ठीक हैं कोई बड़ी परेशानी नहीं है, जो बहुत अच्छी बात है।” भारतीय मेडिकल टीम पंत की देखभाल कर रही है और उनका इलाज चल रहा है। मैनचेस्टर टेस्ट से पहले अभी नौ दिन बाकी हैं, ऐसे में उम्मीद है कि पंत पूरी तरह ठीक होकर खेलने के लिए तैयार होंगे।
मौजूदा टेस्ट सीरीज में पंत का प्रभाव
पंत की संभावित उपलब्धता बेहद अहम है। वह इस सीरीज़ में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने छह पारियों में 70.83 की औसत से 425 रन बनाए हैंजो उनके फॉर्म और दबाव में उनके धैर्य का प्रमाण है। उनकी धमाकेदार बल्लेबाज़ी और विकेट के पीछे उनकी लगातार मौजूदगी भारतीय टीम के लिए अहम रही है।