एक रोमांचक टी20I सीरीज़ के बाद अब इंग्लैंड और भारत की महिला टीमें इस हफ़्ते से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज़ में आमने-सामने होंगी। यह सीरीज़ अब 50 ओवर के फ़ॉर्मेट में खेली जाएगी, जिसके मैच साउथेम्प्टन, लंदन और चेस्टर-ले-स्ट्रीट जैसे अलग-अलग हालात वाले मैदानों पर होंगे। इससे दोनों टीमों की तैयारी और तालमेल की अच्छी परीक्षा होगी।
टी20I सीरीज़ में इंग्लैंड को 3-2 से हराने के बाद भारत का आत्मविश्वास ऊँचा है। आक्रामक और बेखौफ क्रिकेट के दम पर भारत ने निर्णायक मैच जीतकर पहली बार इंग्लैंड में टी20I सीरीज़ अपने नाम की। अब टीम की कोशिश इस दौरे को एक और सीरीज़ जीत के साथ शानदार तरीके से खत्म करने की होगी।
नैट साइवर-ब्रंट की वापसी
दूसरी तरफ, इंग्लैंड की टीम वनडे फॉर्मेट में वापसी कर अपना दबदबा फिर से साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह फॉर्मेट हमेशा से इंग्लैंड की ताकत रहा है। टीम को अपनी कप्तान नैट साइवर-ब्रंट की वापसी से बड़ा सहारा मिला है, जो चोट की वजह से टी20 सीरीज़ के आखिरी हिस्से में नहीं खेल पाई थीं। उनकी मौजूदगी से टीम को बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में संतुलन और मज़बूती मिलेगी।
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भारत के खिलाफ महिला वनडे सीरीज के लिए इंग्लैंड की शीर्ष पसंद प्लेइंग-XI:
1. टैमी ब्यूमोंट
- भूमिका: सलामी बल्लेबाज
- ताकत: तकनीकी रूप से सक्षम, शीर्ष क्रम में अनुभवी एंकर
- उम्मीदें: ब्यूमोंट इंग्लैंड की पारी को स्थिर शुरुआत देने और उसकी नींव रखने में अहम भूमिका निभाएँगी। उनका शांत स्वभाव और स्विंग व स्पिन को झेलने की क्षमता उन्हें एक भरोसेमंद ओपनर बनाती है। भारत की स्पिन-प्रधान परिस्थितियों में, उनका स्वीप और रिवर्स-स्वीप खेल एक अहम भूमिका निभाएगा। इंग्लैंड पारी के अंत तक बल्लेबाजी करने और अपने अनुभव से मध्य क्रम को दिशा देने के लिए उन पर निर्भर रहेगा।
2. एम्मा लैम्ब
- भूमिका: सलामी बल्लेबाज और अंशकालिक ऑफ स्पिनर
- ताकत: आक्रामक शुरुआत और गेंद के साथ आसान ओवर
- उम्मीदें: लैम्ब पावरप्ले में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से ब्यूमोंट का साथ देंगी। तेज़ गेंदबाज़ों का सामना करने और तेज़ शुरुआत देने की उनकी क्षमता बेहद अहम होगी। ज़रूरत पड़ने पर गेंद से भी वह कुछ ओवर ऑफ स्पिन देकर लचीलापन बढ़ा सकती हैं। इंग्लैंड को उम्मीद होगी कि मध्यक्रम पर दबाव कम करने के लिए वह बल्ले से लगातार अच्छी शुरुआत दिलाएँ।
3. एलिस कैप्सी
- भूमिका: शीर्ष क्रम बल्लेबाज और ऑफ स्पिनर
- ताकत: निडर स्ट्रोक प्ले और प्रभावशाली खिलाड़ी
- उम्मीदें: कैप्सी की निडर बल्लेबाजी इंग्लैंड के पक्ष में पलड़ा भारी कर सकती है, खासकर भारतीय स्पिनरों के खिलाफ। वह शीर्ष क्रम में ऊर्जा और कौशल लाती हैं और तेज़ी से रन बनाने की क्षमता रखती हैं। इंग्लैंड चाहेगा कि वह स्पिन का जवाबी हमला करें, आक्रामक क्रिकेट खेलें और मध्य ओवरों में आक्रामक बल्लेबाज़ी करें। उनकी गेंदबाजी भी इंग्लैंड को एक अतिरिक्त विकल्प देती है।
4. नैट साइवर-ब्रंट (c)
- भूमिका: मध्यक्रम बल्लेबाज और सीम-गेंदबाजी ऑलराउंडर
- ताकत: उत्कृष्ट सर्वांगीण क्षमता और शांत नेतृत्व
- उम्मीदें: कप्तान और सबसे अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते, साइवर-ब्रंट इस टीम की जान हैं। उनसे दबाव झेलने और बल्ले और गेंद दोनों से मैच जिताऊ योगदान देने की उम्मीद है। बल्ले से, वह इंग्लैंड की मध्य-ओवरों में सबसे बेहतरीन स्टेबलाइज़र और फ़िनिशर हैं। महत्वपूर्ण ओवरों में गेंदबाज़ी करने और हालात को संभाले रखने की उनकी क्षमता टीम को संतुलन प्रदान करती है। नेतृत्व के लिहाज़ से, उन्हें भारतीय परिस्थितियों में रणनीतिक स्पष्टता दिखानी होगी।
5. इंग्लैंड (विकेट कीपर)
- भूमिका: विकेटकीपर-बल्लेबाज
- ताकत: स्टंप के पीछे तेज़ हाथ और विस्फोटक बल्लेबाजी
- उम्मीदें: जोन्स की भूमिका स्टंप के पीछे और बल्ले से फिनिशर के रूप में महत्वपूर्ण होगी। उनकी विकेटकीपिंग की धार, खासकर स्पिनरों का सामना करते हुए, भारतीय पिचों पर बेहद कारगर साबित होगी। बल्ले से, वह डेथ ओवरों में तेज़ी से रन बनाने में सक्षम हैं। इंग्लैंड को उम्मीद होगी कि वह अच्छी शुरुआत को प्रभावशाली फिनिश में बदल सकेंगी और अगर मैच लड़खड़ाता है तो स्थिरता प्रदान कर सकेंगी।
6. मैया बाउचियर
- भूमिका: मध्यक्रम बल्लेबाज
- ताकत: बहुमुखी प्रतिभा और दबाव में धैर्य
- उम्मीदें: बाउचर से शीर्ष क्रम और निचले मध्य क्रम के बीच कड़ी की भूमिका निभाने की उम्मीद है। स्ट्राइक रोटेट करने और ज़रूरत पड़ने पर तेज़ी से रन बनाने की उनकी क्षमता उन्हें पांचवें या छठे नंबर पर एक विश्वसनीय विकल्प बनाती है। वह अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार ढल सकती हैं और बल्लेबाज़ी में ज़रूरी गहराई प्रदान करती हैं। इंग्लैंड चाहेगा कि वह ज़रूरत पड़ने पर टीम को संभाले या अगर शीर्ष क्रम आक्रामक हो तो आक्रामक पारी खेले।
7. चार्ली डीन
- भूमिका: ऑफ स्पिनर और निचले क्रम के बल्लेबाज
- ताकत: विविधता और किफायती गेंदबाजी के साथ स्मार्ट स्पिनर
- उम्मीदें: डीन सीमित ओवरों के क्रिकेट में इंग्लैंड की सबसे प्रभावी स्पिनरों में से एक हैं। उनकी उड़ान, नियंत्रण और साझेदारियाँ तोड़ने की क्षमता उन्हें भारत के मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम के खिलाफ एक प्रमुख विकल्प बनाती है। बल्ले से, वह निचले क्रम में बहुमूल्य रन बना सकती हैं। इंग्लैंड को उम्मीद है कि वह बीच के ओवरों में एक अहम विकेट लेने वाली गेंदबाज़ होंगी और दबाव के क्षणों को शांति से संभालेंगी।
8. सोफी एक्लेस्टोन
- भूमिका: बाएं हाथ के स्पिनर
- ताकत: विश्व स्तरीय विकेट लेने की क्षमता, खासकर स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों में
- उम्मीदें: एक्लेस्टोन भारतीय परिस्थितियों में इंग्लैंड के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगी। उनका नियंत्रण, विविधता और पावरप्ले और डेथ ओवरों में गेंदबाज़ी करने की क्षमता उन्हें अपरिहार्य बनाती है। इंग्लैंड उनसे भारत के मध्यक्रम पर दबदबा बनाने और समय पर विकेट चटकाने की उम्मीद करेगा। भारत के शीर्ष बल्लेबाज़ों के खिलाफ उनकी टक्कर मैच का रुख तय करेगी।
9. केट क्रॉस
- भूमिका: दाएं हाथ का मध्यम तेज गेंदबाज
- ताकत: लाइन और लेंथ विशेषज्ञ, नई गेंद से अच्छा
- उम्मीदें: क्रॉस इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण में अनुभव और निरंतरता लेकर आएंगी। वह अपनी सटीकता और धीमी पिचों पर भी सीम मूवमेंट हासिल करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं। इंग्लैंड शुरुआती सफलताओं और बीच के ओवरों में किफायती गेंदबाजी के लिए उन पर निर्भर रहेगा। उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में उनका अनुभव दबाव की परिस्थितियों से निपटने में अहम साबित होगा।
10. लॉरेन बेल
- भूमिका: दाएं हाथ का तेज गेंदबाज
- ताकत: स्विंग और उछाल, खासकर नई गेंद के साथ
- उम्मीदें: बेल की स्वाभाविक आउटस्विंग और लंबाई उन्हें नई गेंद से बढ़त दिलाती है। वह शुरुआती ओवरों में अपनी गति और उछाल से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकती हैं। इंग्लैंड उनसे शुरुआत में ही लय हासिल करने, आक्रामक गेंदबाजी करने और रन गति को नियंत्रण में रखने की उम्मीद करेगा। डेथ ओवरों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता उनकी उपयोगिता को और बढ़ा देती है।
11. लॉरेन फाइलर
- भूमिका: तेज गेंदबाज
- ताकत: तेज़ गति और विकेट लेने की क्षमता
- उम्मीदें: फाइलर की गति और आक्रामकता इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण को एक अलग आयाम प्रदान करती है। वह छोटी गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है और आक्रामक गेंदबाजी कर सकती है। धीमी पिचों पर भी, उसकी गति अंतर पैदा कर सकती है। इंग्लैंड को उम्मीद होगी कि वह बीच के ओवरों में सफलता दिलाए और अपनी गति और तीव्रता से बल्लेबाजों को डराए।