न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और अपने दौर के सबसे सम्मानित बल्लेबाजों में से एक केन विलियमसन जिम्बाब्वे के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम का हिस्सा नहीं हैं।
न्यूजीलैंड के चयनकर्ताओं ने जिम्बाब्वे दौरे के लिए केन विलियमसन को क्यों नहीं चुना?
30 जुलाई से शुरू हो रही न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज एक खास मौके को दर्शाती है, क्योंकि यह मुकाबले नई विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC 2025-27) का हिस्सा नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जिम्बाब्वे WTC में शामिल नहीं है।
न्यूजीलैंड के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तानविलियमसन इस सीरीज में टीम का हिस्सा नहीं होंगे। इसकी वजह है उनकी पहले से की गई प्रतिबद्धता – इंग्लिश काउंटी क्लब मिडलसेक्स और द हंड्रेड टूर्नामेंट में लंदन स्पिरिट के लिए खेलना। द हंड्रेड 5 अगस्त से शुरू हो रहा है, जो जिम्बाब्वे सीरीज के साथ टकरा रहा है। इसी वजह से विलियमसन को अपनी राष्ट्रीय टेस्ट टीम के बजाय फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट को प्राथमिकता देनी पड़ी।
यह फैसला आधुनिक क्रिकेट के उस ट्रेंड को दिखाता है, जहां टी20 और दूसरी लीगों के बढ़ते प्रभाव के कारण कई बड़े खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना लेते हैं। हालांकि, 2024 में विलियमसन ने न्यूजीलैंड के 13 में से 9 टेस्ट खेले, जिससे यह साबित होता है कि उनकी टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी अब भी बरकरार है। ऐसे में उनकी जिम्बाब्वे सीरीज से गैरमौजूदगी और भी अहम हो जाती है।
न्यूजीलैंड के मुख्य कोच रॉब वाल्टर ने बताया कि केन विलियमसन और माइकल ब्रेसवेल ने इस दौरे को लेकर पहले ही NZC से खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा, “भले ही हर टेस्ट मैच खास होता है, लेकिन चूंकि यह सीरीज WTC का हिस्सा नहीं है, इसलिए इसने हमारी बातचीत को कुछ हद तक प्रभावित किया।” यह बात साफ दिखाती है कि न्यूजीलैंड क्रिकेट को विलियमसन के फैसले की पूरी समझ है और यह एक सोचा-समझा रणनीतिक कदम है।
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विलियमसन की गैरमौजूदगी में अन्य खिलाड़ियों को मिलेगा खुद को साबित करने का मौका
विलियमसन की अनुपस्थिति में न्यूजीलैंड की टीम 27 जुलाई को बुलावायो में जुटेगी। यह मैच जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के बीच हो रही टी20 त्रिकोणीय सीरीज के खत्म होने के कुछ ही दिन बाद शुरू होगा। यह सीरीज रेड-बॉल (टेस्ट) क्रिकेट से पहले ब्लैककैप्स को व्हाइट-बॉल क्रिकेट की अच्छी तैयारी का मौका देगी।
हालांकि जिम्बाब्वे के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का हिस्सा नहीं है, फिर भी यह न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के लिए काफी अहम मानी जा रही है। यह मौका कोचिंग स्टाफ को नए संयोजन आज़माने, युवा खिलाड़ियों की काबिलियत परखने और उन खिलाड़ियों को खेलने का मौका देने का अवसर देगा जो आमतौर पर टेस्ट टीम में जगह नहीं बना पाते।
खासकर बल्लेबाजी लाइनअप में जो खिलाड़ी टेस्ट टीम में स्थायी जगह बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे अपने खेल से चयनकर्ताओं का भरोसा जीतें और इंटरनेशनल स्तर पर अपनी क्षमता दिखाएं। यह दौरा खिलाड़ियों के विकास के लिहाज़ से भी अहम है, क्योंकि इससे उन्हें अलग-अलग परिस्थितियों और चुनौतियों का अनुभव मिलेगा, जो लंबे समय में उनके खेल को निखारेगा। भले ही विलियमसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी की कमी टीम को खलेगी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति बाकी खिलाड़ियों के लिए सामने आकर नेतृत्व और बल्लेबाजी में जिम्मेदारी निभाने का अच्छा मौका लेकर आई है।