एजबेस्टन में भारत से 336 रन से मिली बड़ी हार के बाद, इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले एक अहम फैसला लिया है। तेज गेंदबाज गस एटकिंसन को टीम में वापस शामिल किया गया है। एटकिंसन हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण पहले दो टेस्ट नहीं खेल पाए थे, लेकिन अब वो फिट होकर लौट आए हैं।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट 10 जुलाई से लॉर्ड्स में शुरू होगा। अभी सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। इंग्लैंड की गेंदबाजी पहले ही थकी हुई लग रही है, ऐसे में टीम को उम्मीद है कि एटकिंसन की वापसी से गेंदबाजी को नई ताकत मिलेगी। यह फैसला टीम की जरूरत और खिलाड़ी की वापसी की तैयारी, दोनों को दिखाता है।
गस एटकिंसन की वापसी से इंग्लैंड को मिली नई ताकत, लॉर्ड्स टेस्ट में अहम भूमिका की उम्मीद
एटकिंसन का टीम में शामिल होना इंग्लैंड के लिए एक अहम मोड़ पर हुआ है। पहले दो टेस्ट में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने मिलकर कुल 234 ओवर फेंके हैं, जिससे उनकी थकान साफ नजर आ रही है और गेंदबाजी में संसाधन कम हो गए हैं।
27 साल के एटकिंसन ने आखिरी बार मई में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट खेला था, लेकिन हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण वो वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज से भी बाहर हो गए थे। अपनी तेज रफ्तार और उछाल के लिए पहचाने जाने वाले एटकिंसन अब उस सीम गेंदबाजी लाइनअप में गहराई जोड़ते हैं, जिसमें पहले से ही जोफ्रा आर्चर, क्रिस वोक्स, जोश टंग, जेमी ओवरटन और ब्रायडन कार्स जैसे नाम शामिल हैं।
हालांकि, सबसे जरूरी बात खिलाड़ियों की रोटेशन और रिकवरी है, क्योंकि तीसरे टेस्ट से पहले सिर्फ दो दिन का ब्रेक है। लॉर्ड्स की पिच की शुरुआत में स्विंग मिलने की उम्मीद है, जो एटकिंसन के लिए फायदेमंद हो सकती है। अब कप्तान बेन स्टोक्स और टीम प्रबंधन के सामने चुनौती हैअनुभव और नए खिलाड़ियों के बीच संतुलन बनाना। एटकिंसन की वापसी न सिर्फ एक मौका है, बल्कि इंग्लैंड के लिए यह याद भी है कि इस सीरीज में अब गलतियों की गुंजाइश बहुत कम है। इंग्लैंड की नजर अब सीरीज में दोबारा बढ़त लेने पर है।
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भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में इंग्लैंड की लय हासिल करने की कोशिश
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 1-1 की बराबरी पर है और अब लॉर्ड्स का टेस्ट इस रोमांचक सीरीज का अहम मोड़ बन गया है। लीड्स में इंग्लैंड ने अनुशासित खेल दिखाकर जीत हासिल की थी, लेकिन बर्मिंघम में भारत ने शानदार वापसी की। शुभमन गिल की बेहतरीन बल्लेबाजी और आकाश दीप की तेज गेंदबाजी ने मैच का रुख पलट दिया।
अब इंग्लैंड एक थकी हुई गेंदबाजी और कमजोर मनोबल के साथ मैदान में उतरेगा। लॉर्ड्स उनके लिए जाना-पहचाना मैदान जरूर है, लेकिन दबाव बहुत ज्यादा है। टीम का टॉप ऑर्डर लगातार फ्लॉप हो रहा है और शोएब बशीर जैसे स्पिन गेंदबाजों का असर भी बहुत कम रहा है, जिससे टीम रणनीतिक उलझन में फंसी हुई है।
जो रूट और स्टोक्स को फॉर्म में लौटना होगा, जबकि क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर जैसे अनुभवी गेंदबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। एटकिंसन की वापसी सिर्फ गेंदबाजी की गहराई बढ़ाने के लिए नहीं की गई है, बल्कि यह इंग्लैंड की ऊर्जा और इरादे को नया रूप देने की कोशिश है। आर्चर की फिटनेस पर भी सबकी नजरें होंगी, खासकर उनकी सफेद गेंद क्रिकेट में वापसी को देखते हुए। दूसरी तरफ भारत आत्मविश्वास और रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सिर्फ दो दिन के ब्रेक में इंग्लैंड मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को कितना तैयार कर पाता है। यही तय करेगा कि क्रिकेट के इस ऐतिहासिक मैदान पर कौन सी टीम बाजी मारेगी।
भारत के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट के लिए इंग्लैंड की टीम
बेन स्टोक्स (कप्तान), जोफ्रा आर्चर, गस एटकिंसन, शोएब बशीर, जैकब बेथेल, हैरी ब्रूक, ब्रायडन कार्से, सैम कुक, जैक क्रॉली, बेन डकेट, जेमी ओवरटन, ओली पोप, जो रूट, जेमी स्मिथ (विकेट कीपर), जोश टंग , क्रिस वोक्स।