भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने भारत में महिला क्रिकेट के सफर की एक दिलचस्प और प्रेरणादायक झलक पेश की है। उन्होंने दिखाया कि यह रास्ता भले ही मुश्किलों से भरा रहा हो, लेकिन आखिरकार जीत और सफलता हासिल हुई।
मिताली राज ने भारतीय महिला टीम के शुरुआती संघर्षों पर डाला प्रकाश
हाल ही में मिताली ने “द लल्लनटॉप” के शो “गेस्ट इन द न्यूज़रूम” में महिला क्रिकेट से जुड़ी सच्चाईयों को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था जब महिला क्रिकेटरों को ना तो अच्छा वेतन मिलता था और ना ही बुनियादी सुविधाएं। उस दौर में भारतीय महिला टीम के लिए खेलना गर्व की बात तो थी, लेकिन सुविधाएं बहुत कम थीं। मिताली ने याद किया कि तब खिलाड़ी साधारण ट्रेन के डिब्बों में सफर करते थे और मैच खेलने के बावजूद फीस नहीं मिलती थी, क्योंकि क्रिकेट बोर्ड के पास भी उतना पैसा नहीं होता था। उन्होंने कहा, “हमें मैच फीस नहीं मिलती थी, क्योंकि खेल में पैसा ही नहीं था। संघों के पास भी फंड नहीं होता था, तो खिलाड़ी क्या उम्मीद करें?”
2005 महिला विश्व कप में भारत उपविजेता रहा, फिर भी हर खिलाड़ी को सिर्फ ₹1,000 प्रति मैच यानी पूरे टूर्नामेंट के लिए ₹8,000 मिले। मिताली ने यह भी बताया कि बीसीसीआई ने महिला खिलाड़ियों के लिए वार्षिक अनुबंध काफी बाद में शुरू किए। आज महिला क्रिकेट में जो सुधार दिखता है, वह इन तमाम संघर्षों के बाद संभव हो सका है।
यह भी पढ़ें: क्या नीतीश कुमार रेड्डी काव्या मारन की SRH टीम छोड़ेंगे? ऑलराउंडर ने किया साफ
बीसीसीआई की समान वेतन नीति
महिला क्रिकेट के लिए बड़ा बदलाव तब आया जब बीसीसीआई ने इसे अपने अंतर्गत ले लिया। इस फैसले के बाद खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। पहले उन्हें हर सीरीज़ के लिए पैसे मिलने लगे, फिर यह भुगतान हर मैच के हिसाब से होने लगा। इससे महिला क्रिकेट में प्रोफेशनल अंदाज़ की शुरुआत हुई। आगे चलकर बीसीसीआई ने महिला और पुरुष क्रिकेट के बीच समानता लाने के लिए कई अच्छे कदम उठाए। केंद्रीय अनुबंध लागू किए गए और दोनों टीमों को एक जैसी सुविधाएं और इनाम देने की कोशिश शुरू हुई। सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब महिला और पुरुष क्रिकेटरों की मैच फीस बराबर कर दी ग ई- टेस्ट मैच के लिए ₹15 लाख, वनडे के लिए ₹6 लाख और टी20 के लिए ₹3 लाख।
यह एक ऐतिहासिक फैसला था, जिसने महिला क्रिकेट को बराबरी और पहचान का हक दिलाया। भारतीय महिला टीम के शानदार प्रदर्शन ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई। 2017 वनडे वर्ल्ड कप में टीम उपविजेता रही, जिसके बाद हर खिलाड़ी को बीसीसीआई ने ₹50 लाख का इनाम दिया। मिताली राज ने इन कामयाबियों का श्रेय बीसीसीआई के सहयोग और समर्थन को दिया, जो महिला क्रिकेट के लिए एक नया दौर लेकर आया।