• हरभजन सिंह ने माना कि क्रिकेट में हार-जीत की वजह से घर में हुए झगड़ों का उन्हें अब पछतावा है।

  • क्रिकेटर से कमेंटेटर बने इस खिलाड़ी ने इस बात पर जोर दिया कि पारिवारिक झगड़ों में जो समय बर्बाद होता है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती।

‘मैं अपनी पत्नी से लड़ता था’: हरभजन सिंह को परिवार पर गुस्सा निकालने का पछतावा
हरभजन सिंह अपनी पत्नी गीता बसरा के साथ (फोटो: X)

मैदान पर अपनी शानदार गेंदबाज़ी और बेहतरीन रिकॉर्ड के लिए मशहूर पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने अपनी निजी ज़िंदगी की एक ईमानदार झलक साझा की है। उन्होंने माना कि क्रिकेट करियर में आने वाली निराशाओं का असर उनके परिवार पर भी पड़ा। रविचंद्रन अश्विन के पॉडकास्ट ‘कुट्टी स्टोरीज़ विद ऐश’ में हरभजन ने अपने पुराने व्यवहार पर अफसोस जताया, खासकर अपनी पत्नी गीता बसरा और परिवार के बाकी लोगों के प्रति।

हरभजन सिंह ने भावुक बयान दिया

भारत के लिए 365 मैच खेल चुके और 700 से ज़्यादा विकेट ले चुके हरभजन ने बताया कि क्रिकेट में मिली नाकामियों का असर उनके घर और करीबी लोगों पर भी पड़ा। उन्होंने कहा, “खेल को सिर्फ खेल की तरह खेलना चाहिए, यह हमारी ज़िंदगी का सब कुछ नहीं होना चाहिए।”

45 वर्षीय हरभजन ने कहा, “जब मैदान पर या बाहर कुछ गलत होता था, तो मैं घर आकर अपनी पत्नी से झगड़ पड़ता था। जो गुस्सा मेरे अंदर होता था, वो घर की बातचीत में भी दिखता था। जबकि उसमें उनकी कोई गलती नहीं होती थी।”

उन्होंने यह भी माना कि वो निजी और प्रोफेशनल ज़िंदगी को अलग नहीं कर पाए और इसी वजह से उन्हें कई बार पछताना पड़ा। उन्होंने कहा, “कई बार मेरा दौरा खराब गया और घर लौटकर मैंने अपने परिवार से ठीक से बात तक नहीं की। वो समय निकल गया और मैंने उसे खुद ही बिगाड़ दिया। एक बार मेरी बहन मुझसे मिलने आई, लेकिन मैंने उससे भी बात नहीं की।”

हरभजन ने युवा खिलाड़ियों को सलाह दी कि खेल की वजह से अपनी निजी खुशियों को प्रभावित न होने दें। उन्होंने कहा, “खेल को ज़िंदगी का सब कुछ मत बनाइए। काम और परिवार के बीच सही संतुलन ज़रूरी है।” उनकी यह ईमानदारी एक बड़े खिलाड़ी की आमतौर पर दिखने वाली मजबूत छवि से अलग, एक भावुक और सच्चा पक्ष दिखाती है।

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“वह समय बीत चुका है”: हरभजन

अब सांसद और मशहूर कमेंटेटर बन चुके हरभजन ने कहा कि उन्हें परिवार में बेहतर बातचीत और भावनाओं को समझने की अहमियत उनकी पत्नी गीता बसरा ने सिखाई। 2015 में शादी करने वाले इस जोड़े के दो बच्चे हैं।

हरभजन ने माना कि एक क्रिकेटर के तौर पर मिली परेशानियों का असर उनके परिवार पर भी पड़ा। उनकी यह स्वीकारोक्ति इस बात पर रोशनी डालती है कि खेल से जुड़े लोग मानसिक दबाव झेलते हैं और इसका असर उनके घरवालों पर भी होता है।

उन्होंने कहा कि गुस्से और गलतफहमियों में जो वक्त परिवार के साथ खो गया, वो कभी वापस नहीं आएगा। हरभजन ने अपने साथियों और प्रशंसकों से अपील की कि अपने करीबियों की कदर करें, क्योंकि अगर घर में शांति और समझदारी नहीं है, तो बाहर की कामयाबी भी अधूरी लगती है। हरभजन ने साफ कहा, “वो वक्त अब लौटकर नहीं आएगा, और मैंने उसे बर्बाद कर दिया। लेकिन अगर मेरी कहानी सुनकर कोई और ऐसी गलती करने से बच सके, तो इसे बताना ज़रूरी है।”

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श्रेणी:: फीचर्ड भारत हरभजन सिंह

लेखक के बारे में:
क्रिकेट की दुनिया में जीते हैं। इस खेल के बारे में लिखना और देखना दोनों पसंद... धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक। जुनूनी क्रिकेट राइटर जो दिलचस्प कंटेंट तैयार करने से पीछे नहीं हटते। पुलकित से संपर्क करने के लिए pulkittrigun@crickettimes.com पर मेल करें।