• आईसीसी ने विस्थापित अफगान महिला क्रिकेटरों के लिए सहायता योजना का खुलासा किया है।

  • कई निर्वासित खिलाड़ियों के लिए आईसीसी का समर्थन खेल से परे भी है।

आईसीसी ने विस्थापित अफगान महिला क्रिकेटरों के समर्थन पर जारी किया अपडेट
अफ़ग़ान महिला क्रिकेटर (फोटो: X)

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अफगानिस्तान की उन महिला क्रिकेटरों के लिए नई मदद और जुड़ाव के मौके देने की घोषणा की है, जो तालिबान के 2021 में देश पर कब्जा करने के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में थीं। यह ऐलान ICC के वार्षिक सम्मेलन के दौरान हुआ और यह दिखाता है कि क्रिकेट की दुनिया अब इन खिलाड़ियों को फिर से खेल से जोड़ने और उन्हें समर्थन देने के लिए गंभीर है। यह कदम क्रिकेट में समावेश और उम्मीद की भावना को मजबूत करता है।

अफ़ग़ान महिला क्रिकेटरों की कहानी

जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता दोबारा संभाली, तो महिलाओं को क्रिकेट समेत कई खेलों में भाग लेने से रोक दिया गया। इसके कारण कई अफगान महिला क्रिकेटरों को देश छोड़कर भागना पड़ा। ज़्यादातर खिलाड़ी अब ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। वहां उन्हें सुरक्षा तो मिली, लेकिन वे अपनी पुरानी टीमों, अभ्यास और उस क्रिकेट परिवार से दूर हो गईं, जिसका वे एक समय हिस्सा थीं।

आईसीसी का सहायता कार्यक्रम: मुख्य विवरण

आईसीसी के नए बयान से यह साफ हुआ है कि अफगानिस्तान की विस्थापित महिला क्रिकेटर दो आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेंगी। 2025 महिला वनडे वर्ल्ड कप (भारत और श्रीलंका) और 2026 महिला टी20 वर्ल्ड कप (इंग्लैंड) में अफगान विस्थापित महिला क्रिकेटर शामिल होंगी। इन मौकों पर उन्हें: अंतरराष्ट्रीय कोचों की ट्रेनिंग वर्कशॉप और कोचिंग क्लीनिक में हिस्सा लेने, मशहूर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से मिलने और बातचीत करने, और खास ट्रेनिंग कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया मेंजहाँ ज़्यादातर खिलाड़ी अब रह रही हैं, उन्हें घरेलू क्रिकेट में खेलने के मौके भी दिए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: अहान पांडे ने अपनी डेब्यू फिल्म ‘सैयारा’ में विराट कोहली को लेकर बोला है जबरदस्त डायलॉग, इंटरनेट पर वायरल है वीडियो; देखें

ICC के उपाध्यक्ष इमरान ख्वाजा की अगुवाई में तैयार किया गया है कार्यक्रम

यह पूरा कार्यक्रम ICC के उपाध्यक्ष इमरान ख्वाजा की अगुवाई में बीसीसीआई (भारत), ईसीबी (इंग्लैंड) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से तैयार किया गया है। यह योजना हरारे में हुई एक बैठक में बनी थी, जिसका मकसद इन खिलाड़ियों के भविष्य को बेहतर बनाना था। हालांकि ICC ने सभी विवरण सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, इन खिलाड़ियों को खेल से जुड़े रहने, मानसिक व तकनीकी सहायता पाने और दोबारा आत्मविश्वास बनाने में मदद मिलेगी। वर्कशॉप्स और ट्रेनिंग न सिर्फ उनके खेल को बेहतर करेंगी, बल्कि उन्हें मौजूदा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से सीखने का मौका भी देंगी।

“घरेलू क्रिकेट अवसरों” का मतलब है कि वे ऑस्ट्रेलिया की स्थानीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकती हैं, जिससे उन्हें नियमित खेल और धीरे-धीरे पेशेवर क्रिकेट में वापसी का मौका मिलेगा अगर अभी इंटरनेशनल टीम में वापसी न हो।

इन महिला क्रिकेटरों के लिए ICC का ये समर्थन केवल क्रिकेट तक सीमित नहीं है। ये उन्हें एक नई पहचान, सम्मान और उम्मीद देता है—खासतौर पर तब जब अपने देश में उन्हें खेलने की इजाज़त नहीं है। इस साल की शुरुआत में मेलबर्न में उन्होंने एक दोस्ताना मैच भी खेला था, जिसमें उनके देश का कोई झंडा या प्रतीक नहीं था जो उनके संघर्ष और जज़्बे दोनों का प्रतीक है। ICC का कहना है कि यह कार्यक्रम एक मज़बूत सपोर्ट सिस्टम देने और दुनिया को यह संदेश देने के लिए है कि हर किसी को क्रिकेट खेलने का हक है, चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों।

यह भी पढ़ें: विश्व टेस्ट चैंपियनशिप: आईसीसी ने अगले तीन डब्ल्यूटीसी फाइनल के मेजबान का किया खुलासा

क्या आप इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ना चाहते हैं? यहाँ क्लिक करें

टैग:

श्रेणी:: अफगानिस्तान फीचर्ड महिला क्रिकेट

लेखक के बारे में:
क्रिकेट की दुनिया में जीते हैं। इस खेल के बारे में लिखना और देखना दोनों पसंद... धोनी के बहुत बड़े प्रशंसक। जुनूनी क्रिकेट राइटर जो दिलचस्प कंटेंट तैयार करने से पीछे नहीं हटते। पुलकित से संपर्क करने के लिए pulkittrigun@crickettimes.com पर मेल करें।