लॉर्ड्स में इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए दूसरे महिला वनडे मैच के दौरान एक विवादास्पद पल सामने आया, जब इंग्लैंड की ओपनर टैमी ब्यूमोंट के खिलाफ ‘फील्ड में रुकावट’ की अपील की गई। हालांकि, अंपायर ने फैसला बल्लेबाज़ के पक्ष में दिया, लेकिन इस घटना ने महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नियमों की समझ और उनके इस्तेमाल को लेकर बहस शुरू कर दी है।
टैमी ब्यूमोंट की करीबी मुठभेड़ से विवाद खड़ा हो गया
इंग्लैंड की पारी के पांचवें ओवर में दीप्ति शर्मा की एक फुल लेंथ गेंद को ब्यूमोंट ने शॉर्ट मिडविकेट की ओर खेला, जहां जेमिमा रोड्रिग्स ने तेजी से फील्डिंग करते हुए विकेटकीपर ऋचा घोष की तरफ थ्रो फेंका। ब्यूमोंट एक रन लेने के बाद क्रीज की ओर लौट रही थीं। उन्होंने अपना बायां पैर क्रीज में रखा, लेकिन ऐसा लगा कि उन्होंने जानबूझकर अपना दायां पैर थ्रो की दिशा में घुमा लिया जैसे कि वह गेंद को रोकना चाह रही हों।
हालांकि, गेंद उनके पैर से नहीं टकराई, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने तुरंत ‘फील्ड में रुकावट’ की अपील की। उनका मानना था कि ब्यूमोंट ने जानबूझकर रास्ता रोका। अंपायरों ने थोड़ी चर्चा के बाद फैसला तीसरे अंपायर को सौंपा। तीसरे अंपायर ने वीडियो रीप्ले देखने के बाद ब्यूमोंट को ‘नॉट आउट’ करार दिया।
फील्ड में बाधा डालने के बारे में कानून क्या कहते हैं?
एमसीसी कानून 37.1.1 के अनुसार, अगर कोई बल्लेबाज़ जानबूझकर गेंदबाज़ी के दौरान फील्डिंग साइड को रोकने या परेशान करने की कोशिश करता है, तो उसे ‘फील्ड में रुकावट’ के तहत आउट दिया जा सकता है। हालांकि, नियम 37.2 के तहत कुछ खास हालातों में ये छूट दी गई है जैसे अगर टकराव आकस्मिक हो, खिलाड़ी खुद को चोट से बचा रहा हो, या वह अपने विकेट की सही तरीके से रक्षा कर रहा हो।
एक जरूरी बात यह है कि अगर बल्लेबाज़ क्रीज के अंदर भी हो और फिर जानबूझकर गेंद के रास्ते में हस्तक्षेप करे, तो उसे भी आउट दिया जा सकता है। टैमी ब्यूमोंट ने जब अपना पैर थ्रो की दिशा में घुमाया, तो ऐसा लगा कि वह गेंद को रोकना चाह रही हैं जिस वजह से भारतीय खिलाड़ियों ने अपील की। हालांकि, तीसरे अंपायर ने रीप्ले देखने के बाद ये माना कि ब्यूमोंट ने जानबूझकर कोई रुकावट नहीं डाली थी, इसलिए उन्हें ‘नॉट आउट’ करार दिया गया।
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इंग्लैंड ने शानदार जीत के साथ सीरीज बराबर की
घटना के समय ब्यूमोंट 25 रन पर खेल रही थीं और अच्छी लय में दिख रही थीं। हालांकि, 11वें ओवर में स्नेह राणा ने उन्हें 34 रन पर आउट कर दिया। इस फैसले से भारत को स्कोर के हिसाब से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ब्यूमोंट के इरादे को लेकर उठे सवालों ने यह बहस छेड़ दी कि क्या ऐसे मामलों में नियमों को और साफ तरीके से समझाने या लागू करने की जरूरत है।
विवाद के बावजूद, इंग्लैंड ने बारिश से प्रभावित मैच को आसानी से जीत लिया। उन्हें 29 ओवर में 115 रन का संशोधित लक्ष्य मिला था, जिसे उन्होंने आठ विकेट से हासिल कर लिया। इंग्लैंड की जीत की अगुवाई एमी जोन्स ने की, जिन्होंने नाबाद 46 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। भारत, जो पहले मैच में शानदार खेला था, इस मुकाबले में बल्लेबाज़ी में लड़खड़ा गया। टीम 143 रन पर 8 विकेट खोकर ही पारी खत्म कर सकी। मंधाना ने 42 रन बनाकर कुछ संघर्ष जरूर दिखाया, लेकिन बाकी बल्लेबाज़ कोई खास योगदान नहीं दे सके।