क्रिकेट की दुनिया हाल ही में पूर्व भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह द्वारा आयोजित एक भव्य डिनर में जुटी, जो उनके यूवीकैन फाउंडेशन के लिए पैसे जुटाने का खास कार्यक्रम था। यह शाम शहर के एक बड़े होटल में हुई, जहां कई क्रिकेट के महान खिलाड़ी और वर्तमान सितारे शामिल हुए। पूरी भारतीय टीम, मुख्य कोच गौतम गंभीर और उनके स्टाफ के साथ, इस मौके को खास बनाया। इस कार्यक्रम में सचिन तेंदुलकर, क्रिस गेल, केविन पीटरसन, ब्रायन लारा और आशीष नेहरा जैसे दिग्गज भी आए। भारतीय टीम ने हल्के-फुल्के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और करीब एक घंटे तक मेहमानों से मिलकर बातचीत की, फिर शाम के मुख्य कार्यक्रम के लिए मंच तैयार किया।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर एक खुला खुलासा
शाम का मुख्य आकर्षण गौरव कपूर द्वारा होस्ट किया गया एक मज़ेदार और दिलचस्प चैट सेशन था। इस बातचीत में युवराज सिंह, रवि शास्त्री, क्रिस गेल, केविन पीटरसन और इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज़ डैरेन गॉफ जैसे दिग्गज शामिल थे। शुरुआत में विराट कोहली मंच पर नहीं थे, लेकिन गौरव और दर्शकों के ज़ोर देने पर वे भी मंच पर आ गए। उनके आते ही जोरदार तालियों से स्वागत हुआ और गेल के साथ उनकी दोस्ताना झप्पी ने माहौल और खुशनुमा बना दिया।
बातचीत के दौरान जब गौरव ने कहा कि लोग उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मिस कर रहे हैं, तो कोहली ने मज़ाक में जवाब दिया, “मैंने दो दिन पहले ही अपनी दाढ़ी रंगी है। जब आप हर चार दिन में दाढ़ी रंगते हैं, तब समझ आ जाता है कि अब समय आ गया है।” इस पर पूरा हॉल हँसी से गूंज उठा और रवि शास्त्री भी मुस्कुरा उठे। भले ही कोहली का जवाब हल्के अंदाज़ में था, लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट के मानसिक और शारीरिक दबावों की तरफ एक गहरा संकेत भी देता है।
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कोहली का रवि शास्त्री के साथ अटूट रिश्ता
बातचीत के दौरान जल्द ही बात विराट और शास्त्री के रिश्ते पर आ गई, जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सुनहरे दौर की नींव रहा है। कोहली ने खुलकर कहा कि अगर वो शास्त्री के साथ काम नहीं करते, तो टेस्ट क्रिकेट में जो कुछ भी हासिल हुआ, वह मुमकिन नहीं था।
उन्होंने कहा, “हमारे बीच जो साफ़-साफ़ बातचीत होती थी, वो बहुत ख़ास थी। क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए ऐसा रिश्ता मिलना बहुत मुश्किल होता है।”
कोहली ने याद किया कि जब टीम पर दबाव था, तब शास्त्री हमेशा सामने खड़े होते थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे खिलाड़ियों की बजाय खुद सवालों का जवाब देते और टीम को बचाते। कोहली ने भावुक होकर कहा, “अगर उन्होंने उस समय मेरा साथ नहीं दिया होता, तो चीज़ें बहुत अलग होतीं।” शास्त्री ने भी कोहली की तारीफ़ की और उनके नेतृत्व, मेहनत और टीम के प्रति जुनून की सराहना की। दोनों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनका रिश्ता आपसी विश्वास और भारतीय क्रिकेट को ऊँचाई पर ले जाने की सोच पर टिका था।