वेस्टइंडीज के महान ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज, जो क्रिकेट इतिहास के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं, ने हाल ही में उन मौजूदा खिलाड़ियों के बारे में बात की जिन्हें वे देखना पसंद करते हैं। वेस्टइंडीज के सुनहरे दौर में अपने ताकतवर शॉट्स और क्रीज़ पर मजबूत मौजूदगी के लिए मशहूर ग्रीनिज आमतौर पर नए खिलाड़ियों पर कम ही बात करते हैं। लेकिन एक ताज़ा इंटरव्यू में उन्होंने एक मौजूदा भारतीय खिलाड़ी को अपना पसंदीदा बताकर सभी को चौंका दिया।
गॉर्डन ग्रीनिज ने बताया वह भारतीय खिलाड़ी जिन्हें खेलते हुए देखना पसंद करते हैं
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में गॉर्डन ग्रीनिज से पूछा गया कि उन्होंने आखिरी बार किस क्रिकेटर का खेल देखा और उन्हें कौन पसंद है। इस पर उन्होंने विराट कोहली का नाम लिया और कहा कि उन्होंने ऋषभ पंत को भी देखा है, लेकिन सिर्फ़ हाइलाइट्स में। ग्रीनिज ने कहा, “विराट कोहली। मैंने पंत को भी देखा। लेकिन सिर्फ़ हाइलाइट्स ही देखे।”
विराट आज के दौर के सबसे बड़े क्रिकेट सितारों में से एक हैं। उन्होंने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है और एक साल पहले टी20 इंटरनेशनल से भी दूर हो गए थे, लेकिन उनके खेल का असर अब भी बहुत गहरा है। कोहली के नाम सभी फॉर्मेट में 26,000 से ज़्यादा रन और 80 से अधिक इंटरनेशनल शतक हैं, जो उनके शानदार करियर को दिखाता है।
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ग्रीनिज ने ऋषभ पंत की आक्रामक बल्लेबाजी शैली पर दी प्रतिक्रिया
इस बीच, जब गॉर्डन ग्रीनिज से टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत की आक्रामक बल्लेबाज़ी को लेकर होने वाली आलोचनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ़ कहा कि अगर पंत की ये शैली काम करती है, तो ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो पंत और उनकी टीम को ज़रूर निराशा होती होगी।
ग्रीनिज ने कहा कि पंत को इसी अंदाज़ में खेलने में मज़ा आता है और वे ऐसे ही खेलते हुए सबसे ज़्यादा सहज महसूस करते हैं। उन्होंने एक पल को याद किया जब हेडिंग्ले में एक टेस्ट मैच के दौरान पंत ने शून्य पर होने के बावजूद आगे बढ़कर बेन स्टोक्स की गेंद को सिर के ऊपर से मारा था। यह देख कमेंटेटर हैरान रह गए थे।
ग्रीनिज ने इसे पंत की बेखौफ खेलने की सोच का उदाहरण बताया और कहा कि कुछ खिलाड़ी बाकी लोगों से ज़्यादा साहसी होते हैं। उन्होंने कहा, “अगर ये तरीका काम कर जाए, तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर नहीं चला, तो पंत और बाकी टीम को ज़रूर निराशा होती है। वो वैसे ही खेलना पसंद करते हैं और उसी में सहज रहते हैं। जिस तरह उन्होंने शून्य पर उस गेंद को मारा, वह हैरान करने वाला था, लेकिन यही उनका अंदाज़ है।”