ज़िम्बाब्वे के बुलावायो में होने वाले दो टेस्ट मैचों के लिए न्यूज़ीलैंड की टीम में आखिरी वक्त पर बदलाव किया गया है। ऑलराउंडर ग्लेन फिलिप्स चोट की वजह से सीरीज़ से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह एक और अनुभवी ऑलराउंडर को टीम में शामिल किया गया है। यह खिलाड़ी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में माहिर है और उसके आने से न्यूज़ीलैंड की टीम को मजबूती मिलेगी। पहला टेस्ट मैच 30 जुलाई 2025 से बुलावायो में खेला जाएगा।
न्यूजीलैंड के सफेद गेंद के ऑलराउंडर की टेस्ट में वापसी
34 साल के माइकल ब्रेसवेल, जिन्होंने जून 2022 में न्यूजीलैंड के लिए टेस्ट डेब्यू किया था, मार्च 2023 के बाद अब फिर से टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 8 टेस्ट मैचों में 24 विकेट और 259 रन बनाए हैं, जिससे उनकी ऑलराउंडर क्षमता साफ दिखती है।
न्यूजीलैंड के मुख्य कोच रॉब वाल्टर ने कहा कि फिलिप्स की जगह ब्रेसवेल सबसे सही विकल्प हैं क्योंकि उनके पास अनुभव है और वो टीम के संतुलन में भी फिट बैठते हैं। शुरुआत में ब्रेसवेल द हंड्रेड टूर्नामेंट की वजह से टेस्ट टीम में नहीं चुने गए थे, लेकिन अब जब उनका शेड्यूल टेस्ट सीरीज़ से टकरा रहा है, तो उन्हें मौका मिल गया है। कोच वाल्टर ने यह भी बताया कि ब्रेसवेल पहले टेस्ट में खेलेंगे और फिर दूसरे मैच से पहले स्थिति के हिसाब से फैसला लिया जाएगा। ब्रेसवेल का टेस्ट डेब्यू शानदार रहा था और उन्होंने वनडे और टी20 में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें टीम में शामिल करने का यह फैसला इसलिए भी आसान था क्योंकि वे पहले से टी20 टीम के साथ मौजूद थे, जिससे उन्हें तुरंत टेस्ट टीम में जोड़ा जा सका। इससे टीम को मजबूती मिलेगी।
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बुलावायो में न्यूजीलैंड का सामना जिम्बाब्वे से होगा
जिम्बाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट मैच ब्लैक कैप्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये मैच टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पकड़ मजबूत करने और आने वाले बड़े टूर्नामेंट से पहले बेहतर बनाने का मौका देते हैं। पहला टेस्ट 30 जुलाई से 3 अगस्त तक और दूसरा 7 अगस्त से 11 अगस्त तक खेला जाएगा।
ब्लैक कैप्स जानते हैं कि हर मैच में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए जरूरी अंक मिलते हैं। इसलिए उन्होंने अनुभवी और बहुमुखी खिलाड़ी माइकल ब्रेसवेल को टीम में शामिल किया है, ताकि टीम का प्रदर्शन लगातार अच्छा बना रहे। फिलिप्स के न होने से योजना थोड़ी प्रभावित हुई है, लेकिन ब्रेसवेल के आने से टीम की ताकत और लचीलापन बढ़ा है। पहले टेस्ट के बाद कोच और टीम स्टाफ खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखेंगे और दूसरे टेस्ट के लिए जरूरत के हिसाब से टीम में बदलाव कर सकते हैं।