एशिया कप 2025 शुरू होने में एक महीने से भी कम समय बचा है, और राजनीतिक तनाव और जनता द्वारा बहिष्कार की मांग के बीच, इस हाई-वोल्टेज भारत-पाकिस्तान मुकाबले के भविष्य को लेकर अटकलें सुर्खियों और सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। इन चिंताओं को दूर करते हुए, एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के मुख्य परिचालन अधिकारी, सुभान अहमद ने प्रशंसकों को आश्वस्त किया है कि यह ऐतिहासिक मुकाबला 14 सितंबर को दुबई में अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।
एशिया कप 2025: राजनीतिक विवाद और बहिष्कार की मांग
इस विवाद की पृष्ठभूमि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे और जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके जवाब में, भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध तोड़ने की मांग की है। यह मामला तब और बिगड़ गया जब भारतीय चैंपियन टीम ने निजी तौर पर आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) के ग्रुप और सेमीफाइनल दोनों चरणों में पाकिस्तान चैंपियन टीम के साथ खेलने से इनकार कर दिया , जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि एशिया कप के ग्रुप-स्टेज मुकाबले पर भी खतरा मंडरा सकता है।
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यूएई क्रिकेट बोर्ड के सीओओ ने भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर स्थिति स्पष्ट की
पत्रकारों से बात करते हुए, सुभान अहमद ने साफ़ कहा कि एशिया कप—जो एसीसी और आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट है—की तुलना वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स जैसे निजी टूर्नामेंट से नहीं की जा सकती, जहाँ भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार किया था। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार भारत और पाकिस्तान के मैच न होने का कोई खतरा नहीं है, हालांकि यह तभी संभव होगा जब सभी देशों की सरकारों से पहले ही अनुमति मिल जाए।
बीसीसीआई पर आरोप लगे हैं कि उसने पहलगाम हमले के बावजूद मैच कराने का फ़ैसला लेकर राष्ट्रीय भावनाओं से ज़्यादा प्रसारण राजस्व और रेटिंग को अहमियत दी। लेकिन बोर्ड ने आईसीसी और एसीसी के नियमों का हवाला दिया, जिनके तहत भारत को सभी सदस्य देशों के खिलाफ खेलना होता है।
एशिया कप 9 से 28 सितंबर तक यूएई में होगा और भारत-पाकिस्तान का ग्रुप मैच 14 सितंबर को दुबई में खेला जाएगा। अगर दोनों टीमें आगे बढ़ीं, तो सुपर फ़ोर या फ़ाइनल में भी भिड़ंत हो सकती है। सुरक्षा के लिए कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। वहीं, कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तान भारत को बड़ी चुनौती नहीं दे पाएगा, जबकि भारत में इस बात पर बहस जारी है कि खेल राजनीति से ऊपर होना चाहिए या नहीं।