विराट कोहली को भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखे 17 साल पूरे हो गए हैं। उनका करियर कड़ी मेहनत, जबरदस्त जुनून और बेहतरीन खेल के प्रति समर्पण की मिसाल है, जिसने उन्हें क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक बना दिया है।
विराट कोहली का 17 साल का विजयी सफर और एशिया कप की विरासत
अपनी जबरदस्त प्रतिभा के साथ एक तेज़ और जोशीले युवा खिलाड़ी से लेकर 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले अनुभवी दिग्गज बनने तक, कोहली ने भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे दौर को जीता और गढ़ा है। उनकी क्रिकेट यात्रा लचीलापन और लगातार सीखने की बेहतरीन मिसाल रही है। उन्होंने अपने खेल को हर फॉर्मेट के लिए ढाला चाहे वह तेज़ रफ्तार टी20 हो या टेस्ट क्रिकेट की गंभीर परीक्षा। हालांकि, उन्होंने 2024 में भारत को टी20 वर्ल्ड कप जिताने के बाद टी20I क्रिकेट से शानदार अंदाज़ में संन्यास ले लिया, फिर भी सफेद गेंद के क्रिकेट में उनकी विरासत आज भी सबसे खास मानी जाती है।
इस साल होने वाला टी20 एशिया कप उनके टी20 करियर को याद करने का एक बेहतरीन मौका है। विराट की खासियत रही है मैच को अकेले दम पर पलटना, उनका जुनूनी खेलना और लक्ष्य का पीछा करते समय बिना गलती के खेल दिखाना इन्हीं खूबियों ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बना दिया। अपने शानदार करियर में कोहली की चमक एशियाई मंच पर सबसे ज़्यादा दिखी, खासकर उस टी20 फॉर्मेट में जिसे उन्होंने अपने खेल से खास बना दिया। आइए, नज़र डालते हैं एशिया कप में विराट कोहली की पांच सबसे बेहतरीन पारियों पर, एक ऐसा टूर्नामेंट जहां उन्होंने न सिर्फ बल्ले से बल्कि नेतृत्व से भी अपनी छाप छोड़ी।
एशिया कप में विराट कोहली की 5 यादगार पारियां, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके 17 साल पूरे
1) 183 बनाम पाकिस्तान, 2012: बादशाह का आगमन

यह पारी कोहली के करियर की एक यादगार और खास पारी है। जब भारत को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 330 रन का बड़ा लक्ष्य हासिल करना था, तो युवा भारतीय टीम पर बहुत दबाव था। शुरुआती विकेट गिरने के बाद, कोहली क्रीज पर आए और अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबको हैरान कर दिया।
उन्होंने रोहित शर्मा के साथ मिलकर 172 रन की बेहतरीन साझेदारी की और पाकिस्तान की ताकतवर गेंदबाजी को हराया। कोहली ने सिर्फ 148 गेंदों में 22 चौके और एक छक्का लगाकर 183 रन बनाए, जो उनका अब तक का सबसे बड़ा वनडे स्कोर है। यह पारी उनकी ताकत और निडर खेल का बेहतरीन उदाहरण थी, जिसने अकेले ही भारत को इतिहास की सबसे बड़ी जीत में पहुंचाया और पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया।
2) 122 नाबाद बनाम अफगानिस्तान, 2022: शानदार वापसी

यह पारी सिर्फ एक शतक नहीं थी, बल्कि कोहली की मुश्किलों के बाद जीत की वापसी थी। करीब 1,000 दिनों तक कोहली से तीन अंकों का स्कोर नहीं आया था और क्रिकेट की दुनिया उन्हें उस शानदार पारी का इंतजार कर रही थी। उन्होंने इस सूखे को खत्म करने के लिए एशिया कप के बड़े मैच को चुना और अफगानिस्तान के खिलाफ सिर्फ 61 गेंदों में नाबाद 122 रन बनाए। 12 चौके और 6 छक्के लगाकर उन्होंने बहुत दमदार बल्लेबाजी की। इस पारी ने न सिर्फ उनका पहला टी20 शतक बनाया, बल्कि उन सभी आलोचकों को भी जवाब दिया जिन्होंने उनके खेल पर सवाल उठाए थे। यह पारी उनके जुझारूपन और मजबूत इरादों की याद दिलाती है और दिखाती है कि विराट कोहली फिर से मैदान पर लौट आए हैं।
यह भी पढ़ें: जसप्रीत बुमराह ने भारत के एशिया कप अभियान में भाग लेने की घोषणा की – रिपोर्ट
3) 136 बनाम बांग्लादेश, 2014: कप्तान की पारी

धोनी के ना होने पर, एक युवा विराट कोहली ने टीम की कप्तानी संभाली और भारत को शानदार शतक की मदद से जीत दिलाई। भारत को 280 रनों का कठिन लक्ष्य पूरा करना था, लेकिन शुरुआत में सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए थे, जिससे टीम कमजोर लग रही थी। कोहली ने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 213 रन की बहुत बड़ी साझेदारी की। कोहली ने 122 गेंदों में 16 चौके और 2 छक्के लगाकर 136 रन बनाए। उनकी यह पारी बहुत सोच-समझकर और आक्रामक तरीके से खेली गई, जिसने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। इस पारी ने उनकी बल्लेबाजी की समझदारी और नेतृत्व कौशल दोनों को दिखाया और कप्तानी के लिए एक नया उदाहरण बनाया।
4) 49 बनाम पाकिस्तान, 2016: इच्छाशक्ति की एक कठिन लड़ाई

कुछ साल पहले कोहली ने खुद इस पारी को अपनी ‘सर्वश्रेष्ठ टी20 पारी’ बताया था। इसमें उन्होंने तेज़ खेलने की बजाय समझदारी और धैर्य दिखाया। एक मुश्किल पिच पर, जब मोहम्मद आमिर की तेज गेंदबाजी ने जल्दी-जल्दी विकेट लिए और भारत का स्कोर 8 रन पर 3 विकेट हो गया था, तब भारत के लिए 84 रनों का पीछा करना बहुत मुश्किल लग रहा था।
कोहली ने उस समय एक रक्षक की तरह खेलते हुए झटके सहे, परिस्थिति को समझा और बिना ज्यादा जोखिम लिए बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। उन्होंने 51 गेंदों में 49 रन बनाए। यह पारी उनकी मानसिक मजबूती और अच्छी तकनीक को दिखाती है, क्योंकि उन्होंने बहुत तेज और कड़े गेंदबाजी वाले आमिर के खिलाफ यह पारी खेली। कोहली की इस बल्लेबाजी ने अकेले भारत को मुश्किल हालात से निकालकर जीत दिलाई।

एक शानदार प्रदर्शन में, जो अक्सर पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 183 रनों की पारी से overshadowed था, कोहली ने एक बेहतरीन शतक जड़ा जो उनकी स्थिरता और शानदार खेल दिखाता है। टूर्नामेंट के दूसरे मैच में, भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा था और श्रीलंका की मजबूत गेंदबाजी का सामना कर रहा था। जब सचिन तेंदुलकर जल्दी आउट हो गए, तो कोहली ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 205 रन की बड़ी साझेदारी की, जो एक रिकॉर्ड था। कोहली ने 120 गेंदों में 7 चौके लगाकर 108 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी सोच-समझकर आक्रामक और बेहतरीन टाइमिंग वाली थी, जिससे भारत ने कुल 304 रन बनाए। यह शतक बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि इसने भारत के पूरे अभियान की दिशा तय की और दिखाया कि कोहली लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।