भारत में तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। ड्रीम11, ज़ूपी, मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL), माय11सर्कल और प्रोबो जैसे बड़े फैंटेसी स्पोर्ट्स और स्किल गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने रियल-मनी गेम्स (RMG) या तो बंद कर दिए हैं या अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। यह फैसला तब आया जब संसद ने “ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025” पास किया। इस नए कानून के तहत सभी रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है और अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके लिए सख्त सज़ा का प्रावधान भी किया गया है।
उद्योग जगत के दिग्गजों को आरएमजी से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा
ड्रीम11, जो भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी खेल मंच है और राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का बड़ा प्रायोजक भी है, ने रियल-मनी गेमिंग (RMG) की गतिविधियां बंद करनी शुरू कर दी हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि ड्रीम11 की कुल कमाई का करीब 90% हिस्सा इसी से आता था। 20 अगस्त को एक अंदरूनी बैठक में, कंपनी के सीईओ हर्ष जैन ने बताया कि उनके ड्रीम पिक्स और ड्रीम प्ले ऐप पर पैसे वाली प्रतियोगिताएं पहले ही बंद कर दी गई हैं। अब ड्रीम11 ऐप भी जल्द ही बंद हो जाएगा, जब राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाएगी। कंपनी ने यूजर्स को भरोसा दिया है कि उनके वॉलेट में मौजूद पैसे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें निकाला भी जा सकता है। इसके अलावा, अन्य प्लेटफॉर्म जैसे एमपीएल, ज़ूपी, गेम्स24×7, गेम्सक्राफ्ट और प्रोबो ने भी पैसे वाले गेम बंद कर दिए हैं और अब केवल मुफ्त खेल उपलब्ध हैं।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन पैसे वाले गेम सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं और युवाओं की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सरकार ने वित्तीय नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे जैसे कारणों से इन खेलों पर प्रतिबंध लगाया है।
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रियल-मनी गेमिंग प्रतिबंध से गेमिंग इंडस्ट्री को 4,500 करोड़ का नुकसान
नई बंदिशों के चलते रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) प्लेटफॉर्म्स को करीब 4,500 करोड़ रुपये का बड़ा झटका लगने वाला है। ये प्लेटफॉर्म्स क्रिकेट लीग, क्षेत्रीय खेलों और प्राइमटाइम टीवी के बड़े विज्ञापनदाता हैं। इसका मतलब है कि प्रसारण कंपनियां और खेल फ्रेंचाइजी को भी भारी राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ), ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) जैसे उद्योग संगठन कड़े प्रतिबंधों की बजाय बेहतर और सटीक नियम बनाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कई कानूनी लड़ाइयां भी शुरू हो चुकी हैं। ड्रीम11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स अब गैर-आरएमजी बिजनेस जैसे फैनकोड (खेल मीडिया), ड्रीमसेटगो (खेल यात्रा) और ड्रीम गेम स्टूडियो पर ध्यान दे रही है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अवसर तलाश रही है।