घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले अभिमन्यु ईश्वरन पिछले कई सालों से भारतीय टेस्ट टीम में खेलने का इंतजार कर रहे हैं। उनके पास बेहतरीन फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड है और 2022 से अब तक उन्हें कई बार टीम में चुना भी गया, लेकिन अब तक उन्हें एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला है।
इस वक्त चल रही इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट सीरीज में भी वह सिर्फ बेंच पर बैठे हैं, जबकि कुछ नए खिलाड़ी डेब्यू कर चुके हैं और कुछ पुराने खिलाड़ी टीम में वापसी कर रहे हैं। इस बात से परेशान होकर अभिमन्यु के पिता, रंगनाथन ईश्वरन ने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। उन्होंने बीसीसीआई और चयनकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा कि टीम चुनने के तरीके में निष्पक्षता नहीं है और चयन के नियम भी साफ नहीं लगते। उनका यह बयान सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
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अभिमन्यु ईश्वरन के पिता ने भारतीय टीम प्रबंधन पर निशाना साधा
रंगनाथन , जो भारत के युवा बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन के पिता हैं, ने हाल ही में अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर की। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया और दूसरे मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका बेटा पिछले तीन साल से भारतीय टेस्ट टीम में मौका मिलने का इंतज़ार कर रहा है, लेकिन अब तक उसे डेब्यू करने नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, “मैं अब दिनों की नहीं, सालों की गिनती कर रहा हूँ।” उनका कहना है कि एक बल्लेबाज का काम रन बनाना होता है, और अभिमन्यु लगातार रन बना रहा है। उन्होंने 100 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैचों में 49 की औसत से 7800 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें 27 शतक शामिल हैं। रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी जैसे बड़े घरेलू टूर्नामेंटों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
फिर भी चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया है। रंगनाथन ने खासतौर पर करुण नायर का उदाहरण दिया, जिन्हें दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी में नहीं चुना गया था, फिर भी उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिल गई। उन्होंने कहा, “अगर आप पिछले एक साल में देखो तो अभिमन्यु ने लगभग 864 रन बनाए हैं। फिर तुलना कैसे हो रही है, ये समझ नहीं आता।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि टेस्ट टीम के लिए चयन करते समय कुछ खिलाड़ियों के आईपीएल प्रदर्शन को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जाता है, जबकि टेस्ट मैचों के लिए चयन का आधार प्रथम श्रेणी क्रिकेट होना चाहिए। उनके मुताबिक, टेस्ट एक अलग प्रारूप है, और इसमें लगातार घरेलू प्रदर्शन को अहमियत मिलनी चाहिए।