एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 को न सिर्फ़ इंग्लैंड में भारत की शानदार जीत के लिए याद किया जाएगा, बल्कि नए कप्तान शुभमन गिल की बेहतरीन बल्लेबाज़ी के लिए भी याद रखा जाएगा। कप्तान बनने के बाद अपनी पहली ही सीरीज़ में गिल ने जिम्मेदारी से आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व किया और दुनिया की सबसे मुश्किल गेंदबाज़ी टीमों में से एक के खिलाफ लगातार अच्छा खेल दिखाया।
शुभमन गिल की रिकॉर्ड तोड़ सीरीज़ उनकी बल्लेबाजी की महानता को परिभाषित करती है
गिल ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच टेस्ट मैचों में 83.78 की जबरदस्त औसत से कुल 754 रन बनाए। वह सीरीज़ के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। गिल ने 10 पारियों में चार शतक लगाए, जिससे वह अपनी पहली सीरीज़ में बतौर कप्तान चार शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए।
इस दौरान उन्होंने सुनील गावस्कर का 1978 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ बनाए गए 732 रनों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। गिल की बर्मिंघम में 269 रनों की बड़ी पारी और मैनचेस्टर में 103 रनों की अहम पारी भारत की वापसी में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाली पारियाँ थीं। भले ही लंदन टेस्ट में वह ज़्यादा रन नहीं बना पाए, लेकिन पूरी सीरीज़ में उनका दबदबा ऐसा रहा कि उन्होंने खुद को आधुनिक क्रिकेट के महान बल्लेबाज़ों की कतार में खड़ा कर दिया।
एक टेस्ट सीरीज में कप्तान के रूप में सर्वाधिक रन
डॉन ब्रैडमैन बनाम इंग्लैंड, 1936
महान डॉन ब्रैडमैन ने 1936 की एशेज सीरीज़ में एक ही सीरीज़ में 810 रन बनाकर अपना दबदबा कायम रखा। उनके दो दोहरे शतकों ने गेंदबाज़ी आक्रमण को ध्वस्त करने और आगे बढ़कर नेतृत्व करने की उनकी बेजोड़ क्षमता को दर्शाया।
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शुभमन गिल बनाम इंग्लैंड, 2025
कप्तान के रूप में गिल की पहली सीरीज़ किसी शानदार प्रदर्शन से कम नहीं थी। तकनीकी अनुशासन और निडर स्ट्रोक्स के उनके मिश्रण ने न केवल भारत को इंग्लैंड में सीरीज़ जीत दिलाई, बल्कि उन्हें टेस्ट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक के रूप में भी स्थापित किया।
ग्राहम गूच बनाम भारत, 1990
इंग्लैंड के ग्राहम गूच 1990 में भारत के खिलाफ अजेय रहे और उन्होंने 752 रन बनाए। लॉर्ड्स में उनकी 333 रनों की शानदार पारी खेल के इतिहास की सबसे बड़ी पारियों में से एक है, जिसने उस सीरीज़ में इंग्लैंड के दबदबे की नींव रखी।
सुनील गावस्कर बनाम वेस्टइंडीज, 1978
वेस्टइंडीज़ की ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ी का सामना करते हुए, सुनील गावस्कर ने अदम्य साहस और कौशल का परिचय देते हुए 1978 में 732 रन बनाए। लगातार तेज़ गेंदबाज़ी के सामने उनका धैर्य और बेदाग़ तकनीक भारतीय क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी उपलब्धियों में से एक है।