ओवल में चल रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के तीसरे दिन भारत ने शानदार बल्लेबाज़ी करके मैच पर अपनी मज़बूत पकड़ बना ली। दूसरे दिन के तेज़ खेल को आगे बढ़ाते हुए, भारतीय बल्लेबाज़ों ने पूरे दिन शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, इंग्लैंड को पहली पारी में 23 रनों की हल्की बढ़त मिली थी, लेकिन यशस्वी जायसवाल के शानदार शतक और नाइटवॉचमैन आकाश दीप के अहम अर्धशतक ने भारत को फिर से मैच में आगे कर दिया। दिन के अंत तक भारत ने न सिर्फ बढ़त बना ली थी, बल्कि इतना बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया था कि इंग्लैंड को अब चौथी पारी में एक बहुत मुश्किल और शायद रिकॉर्ड तोड़ने वाला लक्ष्य हासिल करना होगा।
यशस्वी जायसवाल के शानदार शतक ने भारत को बढ़त दिला दी
तीसरे दिन भारत की ओर से सबसे चमकते सितारे जायसवाल रहे। उन्होंने अपनी पिछली शानदार फॉर्म को बरकरार रखते हुए एक शानदार और अहम शतक लगाया। 51 रन से आगे खेलते हुए, इस युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाते हुए सिर्फ 127 गेंदों में अपना छठा टेस्ट शतक पूरा किया।
यह जायसवाल का इस सीरीज़ में दूसरा और इंग्लैंड के खिलाफ चौथा शतक था। इस उपलब्धि के साथ वह सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ी की बराबरी पर आ गए हैं, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज़्यादा शतक लगाए हैं। जायसवाल ने आकाश दीप के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 107 रन की अहम साझेदारी की, जिससे भारत मैच में पूरी तरह हावी हो गया।
जायसवाल की 118 रन की पारी डीप बैकवर्ड पॉइंट पर कैच आउट होकर खत्म हुई, लेकिन तब तक वे भारत को मज़बूत स्थिति में पहुँचा चुके थे। खास बात यह रही कि दूसरे दिन इंग्लैंड ने उन्हें दो बार जीवनदान दिया था, जिनका फायदा उन्होंने शानदार अंदाज़ में उठाया। आकाश दीप की बात करें, तो उन्होंने भी यादगार पारी खेली। नाइटवॉचमैन के रूप में बल्लेबाज़ी करने आए इस तेज़ गेंदबाज़ ने 94 गेंदों में 66 रन बनाए और अपना पहला टेस्ट अर्धशतक जमाया। उनका खेल साहसिक था, जिससे इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को काफी परेशानी हुई और भारत को बड़े स्कोर की तरफ़ बढ़ने में मदद मिली।
हालांकि इंग्लैंड को दूसरे सत्र में शुभमन गिल, करुण नायर और अंत में जायसवाल जैसे अहम विकेट मिले, लेकिन भारतीय निचले क्रम ने उन्हें राहत नहीं दी। रवींद्र जडेजा और ध्रुव जुरेल ने भी अच्छे रन जोड़े और चाय तक भारत की बढ़त 280 रन से ज्यादा हो गई। अब पिच पर उछाल भी अनियमित होता दिख रहा है, जिससे बल्लेबाज़ी और मुश्किल हो सकती है। ऐसे में इंग्लैंड की जीत की उम्मीद अब सिर्फ एक ऐतिहासिक और असाधारण चौथी पारी की बल्लेबाज़ी पर टिक गई है।
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ओवल में शीर्ष 5 सबसे सफल रन चेज़
लंदन का ओवल मैदान टेस्ट क्रिकेट में अपने लंबे और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है, लेकिन यह मैदान चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं बनाता। ओवल में अब तक बहुत ही कम बार ऐसा हुआ है जब किसी टीम ने 200 से ज़्यादा रनों का सफल पीछा किया हो। जो मौके सफल रहे, वे क्रिकेट के कुछ सबसे रोमांचक और यादगार टेस्ट मैचों में गिने जाते हैं। यहाँ ओवल मैदान पर हुई अब तक की पाँच सबसे बड़ी रन चेज़ पर एक नज़र डालते हैं:
5. श्रीलंका बनाम इंग्लैंड (2024)
इस सूची की सबसे नई एंट्री 2024 में हुई, जब श्रीलंका ने 219 रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड को आठ विकेट से हराया। इंग्लैंड की ओर से ओली पोप ने पहली पारी में शतक लगाया, लेकिन श्रीलंका ने मुकाबला बराबरी पर बनाए रखा। चौथी पारी में पथुम निसांका के शतक ने श्रीलंका को जीत दिलाई। यह जीत इंग्लैंड में किसी एशियाई टीम द्वारा सबसे बड़ी रन चेज़ बन गई और दिखाया कि आज के दौर में सही सोच और बल्लेबाज़ी के साथ मुश्किल लक्ष्य भी मुमकिन हैं।
4. वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड (1988)
1980 के दशक में वेस्टइंडीज की ताकत इस मैच में साफ नज़र आई। उन्होंने 226 रनों का लक्ष्य केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। पहली पारियों में दोनों टीमें कम स्कोर पर आउट हुई थीं, लेकिन इंग्लैंड की दूसरी पारी का 202 रन का स्कोर वेस्टइंडीज को रोक नहीं सका। गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स की ओपनिंग जोड़ी ने 131 रन की साझेदारी की और मैच को एकतरफा बना दिया।
3. ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड (1972)
1972 की एशेज सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 242 रन का पीछा करते हुए पांच विकेट से जीत दर्ज की। दोनों टीमों ने पहली पारी में 280 से ज़्यादा रन बनाए थे। इंग्लैंड की दूसरी पारी में 356 रन बनने के बाद, ऑस्ट्रेलिया के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। कीथ स्टैकपोल ने 79 रन बनाकर अच्छी शुरुआत दी, और फिर पॉल शीहान और रॉड मार्श (43 रन, 51 गेंदों में) के योगदान से ऑस्ट्रेलिया को जीत मिल गई। यह मैच ड्रॉ के रूप में सीरीज़ का नतीजा तय करता है।
2. वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड (1963)
इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 223 रन बनाए, जिससे वेस्टइंडीज को जीत के लिए चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिला। लेकिन सलामी बल्लेबाज़ विली रोड्रिगेज और कॉनराड हंट ने मिलकर 78 रनों की अच्छी शुरुआत दी। इसके बाद कॉनराड हंट ने एक शानदार नाबाद शतक लगाया और टीम को आठ विकेट से जीत दिलाई। उनकी पारी संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मेल थी।
1. इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया (1902)
यह मैच आज भी ओवल मैदान की सबसे बड़ी रन चेज़ के रूप में याद किया जाता है। इंग्लैंड को जीत के लिए 263 रन चाहिए थे और उन्होंने एक विकेट से यह मुकाबला जीत लिया। इस मैच में गिल्बर्ट जेसप ने केवल 77 गेंदों में तेज़ शतक जड़कर सबका दिल जीत लिया। उनके शतक और जॉर्ज हर्स्ट के नाबाद अर्धशतक ने इंग्लैंड को वो जीत दिलाई जो अब भी क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में गिनी जाती है।