ओवल में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पाँचवें और अंतिम टेस्ट मैच के दूसरे दिन केवल विकेटों और रनों की वजह से नहीं, बल्कि मैदान पर हुई तीखी बहसों के कारण भी जबरदस्त नाटकीयता देखने को मिली। मुख्य आकर्षण रहे भारत के साई सुदर्शन और इंग्लैंड के बेन डकेट, जब एक सामान्य आउट के बाद उनके बीच अप्रत्याशित बहस छिड़ गई। यह घटना पहले से ही तनावपूर्ण चल रही सीरीज़ में टकराव को और गहरा कर गई।
अंतिम सत्र में जब भावनाएं चरम पर थीं, तो टेस्ट मैच का संतुलन भी उतना ही अस्थिर नजर आ रहा था — जैसे खिलाड़ी ही नहीं, स्कोरकार्ड भी तनाव महसूस कर रहा हो। क्योंकि सीरीज़ अब निर्णायक मोड़ पर थी, हर पल भारी होता जा रहा था।
साई सुदर्शन और डकेट के बीच टकराव, दर्शकों ने देखा तनाव का चरम
सुदर्शन की पारी का अंत गस एटकिंसन की एक नीची और स्किड करती गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट के साथ हुआ। गेंद ने उनके पैड्स को निशाना बनाया और डीआरएस के तीनों पैरामीटर—पिचिंग, इम्पैक्ट और विकेट—तीन रेड संकेतों के साथ आउट को सही ठहराते नज़र आए।
नॉन-स्ट्राइकर यशस्वी जायसवाल के साथ एक संक्षिप्त लेकिन आशावादी बातचीत के बाद सुदर्शन ने रिव्यू लेने का फैसला किया, लेकिन तकनीक ने उनकी उम्मीदों को खारिज कर दिया। जैसे ही वे वापस पवेलियन की ओर बढ़ने लगे, माहौल अपेक्षाकृत शांत लग रहा था—लेकिन तभी बेन डकेट ने उनकी ओर तीखे शब्द कहे।
यह उकसावा काफी था सुदर्शन को रोकने और पलटकर प्रतिक्रिया देने के लिए। उनकी प्रतिक्रिया को “मुंहतोड़ जवाब” या “कड़ी चेतावनी” के रूप में वर्णित किया जा सकता है। दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ पलों तक तकरार चली, जिसने मैदान के तनाव को और बढ़ा दिया। दर्शकों ने दोनों को इस बहस में उलझे देखा, और यह साफ हो गया कि निर्णायक टेस्ट मैच का दबाव संयम पर भारी पड़ने लगा है।
वीडियो यहां देखें:
Some Heated words exchange with Ben Ducket and Sai Sudarshan, c'mon Sai perform and then speak.#INDvsENG #Saisudarshan #BenDuckett pic.twitter.com/OifqJhFxeL
— Pawan Mathur (@ImMathur03) August 1, 2025
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जब प्रतिस्पर्धा ने संयम को पछाड़ दिया — टेस्ट क्रिकेट का असली रंग
साई सुदर्शन और डकेट के बीच हुई तीखी बहस इस दिन का इकलौता गर्म क्षण नहीं था। इससे पहले जो रूट और भारत के प्रसिद्ध कृष्णा के बीच भी एक गरमागरम बहस हो चुकी थी, और आकाश दीप ने डकेट को आउट करने के बाद उन्हें कंधे पर हाथ रखकर विदाई दी थी, जिसे कुछ लोगों ने “उकसाने वाला इशारा” बताया।
मैदान पर भावनाएं लगातार सतह के ठीक नीचे खौल रही थीं—और यह टकराव इस बात का संकेत था कि दोनों टीमें सिर्फ स्कोर बोर्ड पर ही नहीं, मानसिक स्तर पर भी एक-दूसरे से लड़ रही थीं।
इन सबके बीच, खेल में भी रोमांच बना रहा। स्टंप्स तक भारत ने अपनी दूसरी पारी में 75/2 रन बना लिए थे और 52 रनों की बढ़त ले ली थी। यशस्वी जायसवाल 51* रन बनाकर क्रीज़ पर मजबूती से जमे हुए थे। इंग्लैंड, जिसने पहली पारी में 245 रन बनाकर 23 रनों की मामूली बढ़त ली थी, गस एटकिंसन की शानदार गेंदबाज़ी (5 विकेट) और पिच पर गति व मूवमेंट में हो रहे बदलावों के सहारे मैच में बना हुआ है।
यह टेस्ट मैच न केवल स्कोर के लिहाज से, बल्कि मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्तर पर भी चरम पर पहुँच चुका है।