2025 की गर्मियों में IPL को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। इनमें सबसे बड़ी चर्चा राजस्थान रॉयल्स (RR) के कप्तान संजू सैमसन के चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) में जाने को लेकर है।
आईपीएल ट्रेड विंडो नियम: बीसीसीआई के नियम क्या कहते हैं?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खिलाड़ियों के ट्रेड के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। ट्रेड सिर्फ तयशुदा ट्रेड विंडो में ही किए जा सकते हैं और केवल वही खिलाड़ी इसके पात्र होते हैं जिन्हें उनकी फ्रेंचाइज़ी ने रिटेन किया हो—यानि जिन्हें पिछली नीलामी में नहीं खरीदा गया। यह मुख्य ट्रेड विंडो आमतौर पर एक सीज़न खत्म होने के बाद शुरू होती है और अगली नीलामी से लगभग एक हफ़्ता पहले तक चलती है।
संजू सैमसन जैसे हाई-वैल्यू रिटेन किए गए खिलाड़ी का ट्रेड इतना आसान नहीं है। इसके लिए दोनों फ्रेंचाइज़ियों की सहमति ज़रूरी होती है, खिलाड़ी की मंजूरी भी लेनी पड़ती है, और सबसे अहम—खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट, जो अक्सर कई साल तक चलते हैं, उन्हें बांधे रखते हैं। सैमसन के मामले में, वह 2027 तक राजस्थान रॉयल्स से जुड़े हुए हैं। जब तक फ्रेंचाइज़ी खुद उन्हें रिलीज़ न करे या ट्रेड विंडो के दौरान कोई बड़ी डील न हो, तब तक उनका CSK में जाना नामुमकिन है।
सैमसन से सीएसके का व्यापार एक लंबी प्रक्रिया क्यों है?
सैमसन का ₹18 करोड़ का भारी-भरकम वेतन उनके कद को दर्शाता है, लेकिन यह व्यापार को जटिल भी बनाता है। सीएसके को उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए, उनकी कीमत के बराबर कीमत चुकानी होगी—संभवतः बदले में एक या एक से ज़्यादा बड़े नामों की पेशकश करके—या फिर कोई दुर्लभ नकद-समतुल्य सौदा प्रस्तावित करना होगा। सीएसके का यह तरीका नहीं है। यह फ्रैंचाइज़ी स्थिरता के लिए जानी जाती है, जहाँ वह रवींद्र जडेजा और रुतुराज गायकवाड़ जैसे अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों को बरकरार रखती है। और दोनों टीमों को टीम संतुलन, वेतन सीमा और रिटेंशन रणनीतियों के बीच संतुलन बनाना है, ऐसे में सीधे अदला-बदली की संभावना बेहद कम लगती है। अगर ऐसा होता भी है, तो राजस्थान को एक और समस्या का सामना करना पड़ेगा—एक नया कप्तान और बल्लेबाजी एंकर ढूँढना, वह भी सीमा के भीतर रहते हुए और समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हुए।
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खिलाड़ी की पसंद: रिटेंशन बनाम नीलामी
आईपीएल के एक नए नियम के अनुसार, अगर खिलाड़ी बदलाव चाहते हैं, तो वे रिटेंशन से इनकार करके नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन इसमें एक पेंच है: वे किसी खास टीम में जाने की मांग नहीं कर सकते। अगर सैमसन यह रास्ता चुनते हैं, तो उन्हें सिर्फ़ चेन्नई सुपर किंग्स ही नहीं, बल्कि सभी फ़्रैंचाइज़ी ख़रीद सकती हैं। संक्षेप में, जब तक राजस्थान रॉयल्स सैमसन को रिलीज़ नहीं कर देती और 2026 की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स बाकियों से ज़्यादा बोली नहीं लगा लेती, तब तक उन्हें पीली जर्सी में देखने का सपना बस एक सपना ही रहेगा।