इंडियन प्रीमियर लीग (IP) दुनिया का सबसे बड़ा टी20 टूर्नामेंट बन चुका है, लेकिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि इसमें अभी और सुधार की गुंजाइश है। आईपीएल 2026 को ध्यान में रखते हुए, चोपड़ा ने पांच ऐसे नियम बदलने की सलाह दी है, जो इस खेल को और भी दिलचस्प, रणनीतिक और सभी के लिए ज्यादा निष्पक्ष बना सकते हैं। हर साल आईपीएल में दर्शकों का अनुभव बेहतर करने और मुकाबले को संतुलित बनाने के लिए कुछ नए बदलाव किए जाते हैं। चोपड़ा का कहना है कि अगर कुछ रणनीतिक नियमों में बदलाव किया जाए तो हर मैच में एक नया रोमांच जुड़ सकता है और टूर्नामेंट एक नए स्तर तक पहुंच सकता है।
आईपीएल 2026 के लिए आकाश चोपड़ा के पांच क्रांतिकारी प्रस्ताव
- प्रमुख जीत के लिए बोनस अंक प्रणाली
आकाश चोपड़ा का सबसे अहम सुझाव यह है कि आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाली टीमों को बोनस अंक दिए जाने चाहिए। अभी तक प्लेऑफ़ के लिए ज़्यादातर फैसले नेट रन रेट (NRR) पर होते हैं, जिससे टीम को बड़ी जीत के बाद भी तुरंत कोई फायदा नहीं मिलता। चोपड़ा की राय है कि अगर कोई टीम बहुत अच्छे अंतर से मैच जीतती है जैसे विरोधी टीम को 20% कम स्कोर पर रोकना या कम ओवरों में लक्ष्य हासिल करना तो उन्हें एक बोनस अंक मिलना चाहिए। जैसे अगर कोई टीम 200 रन बनाती है और सामने वाली टीम को 160 से कम पर आउट कर देती है, या 200 रन का पीछा सिर्फ 16 ओवर में कर लेती है, तो उन्हें बोनस अंक दिया जाए। उन्होंने कहा, “इससे टीमें विषम (odd) अंकों पर पहुंचेंगी और टूर्नामेंट और मज़ेदार हो जाएगा।” चोपड़ा मानते हैं कि इससे कमजोर टीमों को भी वापसी का मौका मिलेगा, क्योंकि लगातार कुछ बोनस अंक मिलने से पिछली हार की भरपाई हो सकती है।
- मस्तिष्काघात से परे चोट प्रतिस्थापन
आकाश चोपड़ा का कहना है कि आईपीएल में भी चोट लगने की स्थिति में खिलाड़ी को बदलने का नियम (जैसे कन्कशन सब्स्टीट्यूट) और मैचों में लागू किया जाना चाहिए। अभी बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट में ऐसा नियम इस्तेमाल करता है। चोपड़ा चाहते हैं कि आईपीएल भी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करे। उनका मानना है कि अगर किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगती है, तो उसे खेलने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। इस नियम से खिलाड़ी की सेहत और खेल की निष्पक्षता दोनों सुरक्षित रहेंगी। यह नया नियम कन्कशन सब्स्टीट्यूट जैसा ही होगा, जहाँ एक घायल खिलाड़ी की जगह एक वैसा ही खिलाड़ी मैदान में उतारा जा सकेगा।
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- उन्नत मध्य-सीजन स्थानांतरण तंत्र
आईपीएल में पहले से ही सीज़न के बीच खिलाड़ियों को दूसरी टीम में भेजने (ट्रांसफर) का नियम है, लेकिन आकाश चोपड़ा का मानना है कि इसका ठीक से इस्तेमाल नहीं होता। उनके सुझाव के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी पहले 8 मैचों तक अपनी टीम की 16 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं बनता है, तो उसे अपने आप ट्रांसफर के लिए उपलब्ध मान लिया जाए। हर टीम को ऐसे 3 खिलाड़ियों के नाम देने होंगे जो बहुत कम खेले हों। इससे उन खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिलेगा जो पूरे सीज़न बेंच पर बैठे रह जाते हैं। इससे टूर्नामेंट का स्तर भी बेहतर होगा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी कहीं और जाकर योगदान दे सकेंगे।
- परिष्कृत लेग-साइड वाइड नियम
चोपड़ा का चौथा सुझाव लेग-साइड वाइड गेंदों को लेकर है, जिन्हें कई लोग जरूरत से ज़्यादा सख्ती से दिया गया फैसला मानते हैं। अभी की व्यवस्था में लेग स्टंप के थोड़ा बाहर गई गेंद को भी वाइड दे दिया जाता है, जिससे गेंदबाज़ों को परेशानी होती है और मैच का बहाव रुकता है। चोपड़ा का कहना है कि मैदान पर एक तय लाइन होनी चाहिए, और सिर्फ उसी लाइन को साफ़ तौर पर पार करने वाली गेंद को ही वाइड माना जाए। इससे बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ दोनों के बीच सही संतुलन बना रहेगा और अंपायरों के फैसले भी ज़्यादा साफ और समान होंगे।
- बिग बैश लीग से पावर सर्ज नवाचार
आख़िर में, चोपड़ा ने बिग बैश लीग के “पावर सर्ज” नियम को आईपीएल में लाने का सुझाव दिया है। इस नियम में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को अपनी पारी के 10वें ओवर के बाद किसी भी समय दो ओवर का अतिरिक्त पावरप्ले लेने की छूट मिलती है। इससे टीमें ज़रूरत के हिसाब से रणनीति बना सकती हैं और उस वक्त ज्यादा रन बना सकती हैं जब उन्हें ज़रूरत हो। चोपड़ा मानते हैं कि यह नियम बल्लेबाज़ी में नई रणनीतिक सोच लाएगा। अगर इसे बोनस अंक प्रणाली के साथ जोड़ा जाए, तो टीमें पावर सर्ज का सही इस्तेमाल करके बड़ी जीत दर्ज कर सकती हैं और अतिरिक्त अंक भी हासिल कर सकती हैं।