• सेंट्रल जोन ने एक दशक के इंतजार के बाद दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जीत हासिल की है।

  • बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित निर्णायक मैच में उन्होंने दक्षिण क्षेत्र को छह विकेट से हराया।

दलीप ट्रॉफी 2025 फाइनल: रजत पाटीदार की सेंट्रल जोन ने साउथ जोन को हराकर जीता खिताब, प्रशंसक खुशी से झूम उठे
दलीप ट्रॉफी (फोटो: X)

मध्य जोन ने दलीप ट्रॉफी 2025 के फाइनल में दस साल बाद खिताब जीत लिया। बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खेले गए इस निर्णायक मुकाबले में उन्होंने दक्षिण क्षेत्र को छह विकेट से हराया।

हालाँकि जीत के लिए सिर्फ़ 65 रनों का छोटा सा लक्ष्य था, लेकिन मैच में कई शानदार व्यक्तिगत प्रदर्शन देखने को मिले। दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों ने अपनी-अपनी छाप छोड़ी। आखिर में, खासकर पहली पारी में मध्य क्षेत्र का लगातार अच्छा खेल ही जीत का सबसे बड़ा कारण बना।

रजत पाटीदार की कप्तानी में सेंट्रल जोन ने दलीप ट्रॉफी का खिताब जीता

सेंट्रल ज़ोन की जीत कप्तान रजत पाटीदार के बेहतरीन नेतृत्व में हुई। उन्होंने रणनीति और अपनी बल्लेबाज़ी दोनों से टीम को आगे बढ़ाया और एक दशक बाद दलीप ट्रॉफी जीत दिलाई।

बादलों से ढकी पिच पर टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का उनका फैसला कमाल साबित हुआ, क्योंकि गेंदबाज़ों ने दक्षिण जोन को पहली पारी में सिर्फ़ 149 रनों पर रोक दिया। इसके बाद पाटीदार ने बल्ले से शानदार शतक (115 गेंदों पर 101 रन) जड़ा और यश राठौड़ के साथ 167 रनों की अहम साझेदारी की। उनकी पारी ने टीम को मज़बूती दी और यह दिखाया कि वे धैर्य के साथ खेलकर तेज़ी से रन बनाना भी जानते हैं। इसके अलावा, उनका शानदार डाइविंग कैच भी चर्चा में रहा। उनके हरफनमौला प्रदर्शन ने टीम को जीत की राह दिखाई।

यश राठौड़ के शतक से सेंट्रल जोन का दबदबा कायम

फाइनल में सेंट्रल ज़ोन ने पहली पारी से ही मैच पर मज़बूत पकड़ बना ली थी, और इसका बड़ा श्रेय बल्लेबाज़ यश राठौड़ की करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी को जाता है। उन्होंने 286 गेंदों पर 194 रन ठोके और सेंट्रल ज़ोन को 511 रनों का विशाल स्कोर बनाने में अहम भूमिका निभाई। यह राठौड़ का सातवाँ प्रथम श्रेणी शतक था और इसने लाल गेंद क्रिकेट में उनकी शानदार फ़ॉर्म को और पुख्ता किया। अभी तक 21 मैचों में उन्होंने 50 से ज़्यादा की औसत से 1,879 रन बनाए हैं। उनकी इस पारी ने सेंट्रल ज़ोन को पहली पारी में 362 रनों की भारी बढ़त दिला दी। कप्तान रजत पाटीदार ने खासकर विपक्षी स्पिनरों के खिलाफ राठौड़ के धैर्य और साफ़ खेल योजना की जमकर तारीफ़ की।

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दक्षिण जोन ने किया संघर्ष

पहली पारी में कम स्कोर और भारी पिछड़ने के बाद भी दक्षिण ज़ोन ने दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की। उन्होंने अहम साझेदारियों की मदद से 426 रन बनाए। सबसे बड़ी साझेदारी अंकित शर्मा और सी. आंद्रे सिद्धार्थ के बीच सातवें विकेट के लिए 192 रनों की रही।

अंकित शर्मा इस साझेदारी के हीरो रहे। उन्होंने 168 गेंदों पर 99 रन बनाए और शानदार बल्लेबाज़ी की, हालांकि वो अपने शतक से सिर्फ़ 1 रन से चूक गए। वहीं सिद्धार्थ ने 190 गेंदों पर नाबाद 84 रन बनाकर शानदार सहयोग दिया। इसके अलावा युवा स्मरण रविचंद्रन ने भी 67 रन की ठोस पारी खेली और टीम के लिए अहम योगदान दिया।

प्रशंसकों ने इस प्रकार प्रतिक्रिया व्यक्त की:

प्रतियोगिता में गेंदबाज़ों का भी शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। दक्षिण ज़ोन की ओर से गुरजपनीत सिंह सबसे प्रभावशाली रहे। उन्होंने पहली पारी में 4/124 और अंतिम पारी में 2/21 रन देकर महत्वपूर्ण विकेट लिए। यह दुलीप ट्रॉफी में उनका लगातार दूसरा चार विकेट लेने का कारनामा था।

ऑलराउंडर अंकित शर्मा ने भी गेंदबाज़ी में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पहली पारी में 4 विकेट और दूसरी पारी में 2 विकेट लिए। इसके बाद, दक्षिण ज़ोन की दूसरी पारी के बाद सेंट्रल ज़ोन को केवल 65 रन का छोटा लक्ष्य मिला।

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