लॉर्ड्स के मैदान पर रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के सामने, नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स ने तब बेहतरीन खेल दिखाया जब उन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। उन्होंने 31 अगस्त 2025 को साउदर्न ब्रेव को सात विकेट से हराकर द हंड्रेड महिला टूर्नामेंट का अपना पहला खिताब जीत लिया। यह जीत सुपरचार्जर्स के लिए एक तरह से पुरानी हार का बदला भी थी, क्योंकि 2023 के फाइनल में वे इसी टीम से हार गई थीं। इस बार उन्होंने न सिर्फ खिताब जीता, बल्कि साउदर्न ब्रेव की लगातार आठ मैचों की जीत की लकीर को भी तोड़ दिया और वो भी शानदार अंदाज़ में।
फाइनल में सदर्न ब्रेव की बल्लेबाजी दबाव में संघर्ष करती दिखी
साउदर्न ब्रेव, जो टूर्नामेंट में अब तक अपराजित रही थी, फाइनल में आते ही अपनी लय खो बैठी। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम कभी भी मजबूत स्थिति में नहीं दिखी। हालाँकि, शुरुआत तेज़ थी माइया बाउचियर ने एनाबेल सदरलैंड की गेंद पर फाइनल का पहला छक्का लगाया और डैनी व्याट-हॉज ने केट क्रॉस की गेंद पर एक और छक्का जड़ा – लेकिन इसके बाद पारी तेजी से बिखर गई।
केट क्रॉस ने शुरुआती झटके दिए। उन्होंने बाउचियर (13) को आउट किया और फिर अगली ही गेंद पर लौरा वोल्वार्ड्ट को गोल्डन डक पर बोल्ड कर दिया। इससे ब्रेव का स्कोर 28 रन पर दो विकेट हो गया। इसके बाद सदरलैंड ने खतरनाक डैनी व्याट-हॉज को 25 रन पर आउट कर दिया और स्कोर 43/3 हो गया। सोफी डिवाइन और फ्रेया केम्प ने पारी संभालने की कोशिश की। केम्प ने एक समय लगातार तीन चौके लगाकर वापसी का संकेत दिया, लेकिन वे 16 गेंदों पर 26 रन बनाकर सदरलैंड की गेंद पर मिडविकेट में निकोला कैरी को कैच दे बैठीं।
कप्तान जॉर्जिया एडम्स एक खराब रन-आउट का शिकार हुईं, जिससे टीम की स्थिति और बिगड़ गई। अंत में मैडी विलियर्स ने 11 गेंदों पर नाबाद 17 रन बनाए, लेकिन ब्रेव की टीम सिर्फ 6 विकेट पर 115 रन ही बना सकी। केट क्रॉस और एनाबेल सदरलैंड ने शानदार गेंदबाज़ी की और दोनों ने 2 विकेट लेकर 23 रन दिए, जिससे सुपरचार्जर्स ने ब्रेव को कम स्कोर पर रोकने में बड़ी भूमिका निभाई।
एनाबेल सदरलैंड और निकोला कैरी ने नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स को द हंड्रेड में पहली ट्रॉफी दिलाई
लक्ष्य का पीछा करते हुए लिचफील्ड की तूफानी पारी, सुपरचार्जर्स को दिलाई आसान जीत लक्ष्य का पीछा नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स की युवा बल्लेबाज़ डेविना पेरिन ने तेज शुरुआत के साथ किया। उन्होंने पैडल स्वीप से चौके लगाए और विकेटकीपर के ऊपर से रैंप शॉट भी मारा, जिससे वो काफी खतरनाक दिख रही थीं। लेकिन सोफी डिवाइन ने उन्हें 17 रन पर आउट कर दिया। इसके बाद टूर्नामेंट की एमवीपी (सबसे मूल्यवान खिलाड़ी) फिल लिचफील्ड मैदान पर उतरीं। उन्हें प्रतियोगिता में सबसे ज़्यादा रन बनाने के लिए सिर्फ 22 रनों की जरूरत थी और उन्होंने ये काम बेहद शानदार अंदाज़ में किया। लिचफील्ड ने सिर्फ 11 गेंदों में यह आंकड़ा पार कर लिया। उन्होंने मैडी विलियर्स की गेंदबाज़ी की धज्जियाँ उड़ाते हुए दो चौके और मिड ऑफ पर एक बड़ा छक्का लगाया, जिससे सुपरचार्जर्स ने लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।
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थोड़ी देर की बारिश के बाद मैच में डकवर्थ-लुईस नियम लागू हुआ, और सुपरचार्जर्स को इस गणना में अच्छी बढ़त मिल गई थी। इसी बीच क्लो ट्रायोन ने तेजी से खेलते हुए सिर्फ 13 गेंदों में 26 रन बनाए और लिचफील्ड को आउट कर साउदर्न ब्रेव को एक छोटी सी उम्मीद दी। लेकिन इसके बाद निकोला कैरी ने मोर्चा संभाला। वे सिर्फ दो हफ्ते पहले टीम में आई थीं, जब जॉर्जिया वेयरहैम चोट के कारण बाहर हुईं। कैरी ने मुश्किल समय में ज़िम्मेदारी से बल्लेबाज़ी करते हुए 25 गेंदों पर नाबाद 35 रन बनाए, जिसमें 5 चौके शामिल थे। उनकी इस पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
यह उनके लिए एक यादगार सफर था तस्मानिया की सर्दी से निकलकर द हंड्रेड की ट्रॉफी तक पहुँचने का। अंत में एनाबेल सदरलैंड ने मैच को शानदार अंदाज़ में खत्म किया। उन्होंने कप्तान एडम्स की गेंद पर एक ऊँचा छक्का लगाकर जीत दिलाई और खुद भी 25 गेंदों पर 28 रन बनाकर नाबाद रहीं। साथ ही, सदरलैंड ने पहले गेंदबाज़ी में भी शानदार प्रदर्शन किया था 23 रन देकर 2 विकेट लिए थे। उनके हरफनमौला प्रदर्शन ने दिखा दिया कि वह टीम के लिए कितनी अहम हैं। सुपरचार्जर्स ने यह मुकाबला 12 गेंद शेष रहते जीतकर इतिहास रच दिया और अपना पहला द हंड्रेड महिला खिताब अपने नाम किया।