अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत–पाकिस्तान (IND vs PAK) विश्व कप क्रिकेट मैच 2023 के बाद, तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री और वरिष्ठ द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन ने दर्शको द्वारा ‘जय श्री’ के नारे लगाने की कड़ी निंदा की है। श्री स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसा व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता ऐतिहासिक रूप से तीव्र भावनाओं और भावुक प्रशंसक जुड़ाव की विशेषता रही है, लेकिन इस मामले में धार्मिक नारों के जप ने खेल भावना और भावनाओं के ध्रुवीकरण की संभावना पर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
एक प्रमुख राजनीतिक शख्सियत और समावेशी और विविध मूल्यों के मुखर समर्थक उदयनिधि स्टालिन ने भीड़ के कार्यों के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि खेल को एकता और मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा का मंच बना रहना चाहिए, भले ही टीम किसी भी मूल की हो।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की घटना ने खेल आयोजनों की पवित्रता बनाए रखने में दर्शकों और खेल अधिकारियों दोनों की जिम्मेदारी के बारे में चर्चा छेड़ दी है। खिलाड़ियों और टीमों के साथ सम्मानजनक और निष्पक्ष व्यवहार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, कई लोगों ने किसी विभाजनकारी तत्व के बजाय खेल पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है।
ट्विटर (अब एक्स) पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में डीएमके नेता ने कहा, ‘‘भारत अपनी खेल भावना और आतिथ्य सत्कार के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य है। खेल को देशों के बीच एकजुट करने वाली शक्ति बनना चाहिए और सच्चे भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। नफरत फैलाने के लिए इसे एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना सही नहीं है।”
जाहिर है भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबला एक वैश्विक तमाशा बना हुआ है, इसलिए यह देखना बाकी है कि अधिकारी और क्रिकेट निकाय ऐसी घटनाओं को कैसे संबोधित करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मैदान पर और बाहर खेल भावना और आपसी सम्मान कायम रहे। उदयनिधि स्टालिन की आलोचना खेलों के प्रति एक अधिक समावेशी दृष्टिकोण की बढ़ती आवश्यकता को रेखांकित करती है जो सीमाओं से परे हो और राष्ट्रों के बीच सद्भावना को बढ़ावा दे।
देखें: विराट कोहली ने रोहित शर्मा की पत्नी रितिका को लगाया गले, अनुष्का का रिएक्शन हुआ वायरल