• सुनील गावस्कर के बेटे का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर बेहद फ्लॉप साबित हुआ है।

  • 1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे गावस्कर अब 75 साल के हो चुके हैं।

चले थे पिता सुनील गावस्कर की तरह नाम बनाने लेकिन हो गए फेल, भारतीय दिग्गज खिलाड़ी के बेटे का शुरू होते ही खत्म हो गया करियर
सुनील गावस्कर और रोहन गावस्कर (फोटो: ट्विटर)

1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे सुनील गावस्कर अब 75 साल के हो चुके हैं। गावस्कर के भारतीय क्रिकेट में दिए अहम योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। अपने समय में सफल ओपनर खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 51 की औसत से 10, 000 से ज्यादा रन बनाए हैं। इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 236 नाबाद है। जबकि, टीम इंडिया के लिए वह 100 से ज्यादा वनडे भी खेल चुके हैं। दिग्गज बल्लेबाज ने क्रिकेट से भले ही बतौर खिलाड़ी रिटायरमेंट सालों पहले ले लिया है, लेकिन आज भी वह इस खेल के साथ बतौर कमेंटेटर, एक्सपर्ट जुड़े हुए हैं।

दूसरी ओर, उनके बेटे रोहन गावस्कर भी एक क्रिकेटर रह चुके हैं, लेकिन वह अपने पिता की तरह सफल नहीं हो सके। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने जब भारत के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया तब किसे पता था कि वह इस गेम में इंटरनेशनल लेवल पर बढ़ने की बजाए पूरी तरह से फेल हो जाएंगे।

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बता दें कि रोहन ने मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कुल 117 मैचों में हिस्सा लिया जिसमें 44 की औसत से 6938 रन बनाए। घरेलू क्रिकेट में अच्छा खेलने का इनाम रोहन को साल 2004 में मिला जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए VB वनडे सीरीज में टीम इंडिया में जगह मिली। उनके साथ इस सीरीज में ही इरफान पठान ने भी डेब्यू किया था जिसमें सबसे ज्यादा विकेट लेने की बदौलत उनका करियर बन गया। इस दौरे पर गावस्कर के बेटे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महज 2 रन बनाए। हालांकि, एंड्रयू साइमंड्स के रूप में एक विकेट चटकाया।

Rohan Gavaskar
रोहन गावस्कर (फोटो: ट्विटर)

रोहन ने इस टूर पर जिम्बाब्वे के खिलाफ 54 रनों की पारी खेली थी जो पहली और अंतिम भी साबित हुई। इसके बाद उन्हें कुछ और मैचों में भी मौका दिया गया कि लेकिन वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। लिहाजा, महज एक साल में ही उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। साल 2007 में वह एक बड़ी कंट्रोवर्सी का हिस्सा बन गए जब उन्होंने ‘इंडियन क्रिकेट लीग’ में कोलकाता टाइगर्स का दामन थाम लिया।

चूंकि, बीसीसीआई इस लीग का विरोधी था, ऐसे में रोहन समेत लीग में हिस्सा लेने वाले कई खिलाड़ियों को टीम इंडिया से खेलने पर बैन लगा दिया। हालांकि, 2009 में क्रिकेट बोर्ड ने राहत देते हुए सुनील के बेटे समेत 71 खिलाड़ियों पर से बैन होने वाली लिस्ट से बाहर भी कर दिया। इसके बाद से तो वह क्रिकेट में नजर ही नहीं आए। हालांकि, वह बतौर कमेंटेटर काम कर चुके हैं।

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श्रेणी:: रोहन गावस्कर

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