• श्रीलंका और वेस्टइंडीज आईसीसी पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का हिस्सा नहीं हैं।

  • चैंपियंस ट्रॉफी से श्रीलंका और वेस्टइंडीज का बाहर होना न सिर्फ इन टीमों बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए बड़ा झटका है।

श्रीलंका और वेस्टइंडीज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में क्यों नहीं खेल रहे हैं? जानिए वजह
श्रीलंका और वेस्टइंडीज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में क्यों नहीं खेल रहे हैं? (फोटो: X)

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत के साथ ही क्रिकेट प्रशंसक आठ साल बाद इस बड़े टूर्नामेंट की वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं। हालांकि, इस बार के टूर्नामेंट में पूर्व चैंपियन श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ की गैरमौजूदगी ने सबका ध्यान खींचा है। उनके न होने से न केवल क्वालीफिकेशन प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं, बल्कि इन देशों में क्रिकेट की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा तेज हो गई है।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए योग्यता मानदंड

चैंपियंस ट्रॉफी में कुल आठ टीमें खेलेंगी: पाकिस्तान (मेजबान), भारत, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका। इस टूर्नामेंट के लिए योग्यता का आधार आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 में टीमों का प्रदर्शन था। पाकिस्तान को मेजबान होने के कारण सीधा प्रवेश मिला, जबकि बाकी सात टीमों ने विश्व कप में शीर्ष स्थान हासिल कर अपनी जगह पक्की की। दुर्भाग्य से, श्रीलंका और वेस्टइंडीज इस योग्यता मानदंड को पूरा नहीं कर सके। इसी कारण नीदरलैंड, जिम्बाब्वे और आयरलैंड जैसी टीमें भी टूर्नामेंट में जगह नहीं बना पाईं।

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श्रीलंका और वेस्टइंडीज की अनुपस्थिति: वैश्विक क्रिकेट पर प्रभाव

चैंपियंस ट्रॉफी से श्रीलंका और वेस्टइंडीज का बाहर होना न सिर्फ इन टीमों बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए बड़ा झटका है। दोनों देशों का क्रिकेट इतिहास गौरवशाली रहा है, और उनके पास बड़े प्रशंसक समूह भी हैं। उनकी गैरमौजूदगी से टूर्नामेंट की प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ सकता है और दर्शकों को उनके पसंदीदा खिलाड़ियों को देखने का मौका नहीं मिलेगा।

आगे बढ़ते हुए, श्रीलंका और वेस्टइंडीज को अपनी टीमों को फिर से मजबूत करने पर ध्यान देना होगा। श्रीलंका के लिए जरूरी है कि वह युवा खिलाड़ियों को तराशे और घरेलू क्रिकेट को मजबूत करे, जिससे भविष्य में टीम बेहतर प्रदर्शन कर सके। वहीं, वेस्टइंडीज को अपनी प्रशासनिक समस्याओं को हल करना होगा और खिलाड़ियों को टी20 लीग की जगह राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए प्रेरित करना होगा।

इस बीच, अफगानिस्तान जैसी नई टीमें तेजी से उभर रही हैं, जिससे पारंपरिक मजबूत टीमों के लिए खुद को बनाए रखना और भी जरूरी हो गया है। हालांकि इस साल के टूर्नामेंट में आठ मजबूत टीमें खेल रही हैं, लेकिन क्रिकेट प्रेमी भविष्य में श्रीलंका और वेस्टइंडीज को फिर से बड़े मंच पर देखने की उम्मीद जरूर करेंगे।

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श्रेणी:: चैंपियंस ट्रॉफी फीचर्ड वेस्टइंडीज श्रीलंका

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