इंग्लैंड ने शनिवार को लाहौर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले मैच के लिए आधिकारिक तौर पर अपनी प्लेइंग-XI टीम का खुलासा कर दिया है। जोस बटलर की अगुआई में इंग्लैंड ने कई अहम बदलाव किए हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य हाल ही में सफेद गेंद के अपने संघर्ष को पीछे छोड़ना है। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख तेज गेंदबाजों की अनुपस्थिति में, इंग्लैंड इस अवसर का फायदा उठाने और अपने अभियान की मज़बूत शुरुआत करने की कोशिश करेगा।
प्रमुख खिलाड़ी: जेमी स्मिथ विकेटकीपर के रूप में लौटे
इंग्लैंड ने जेमी स्मिथ को वापस टीम में शामिल किया है, जो नंबर 3 पर बल्लेबाजी करेंगे और विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। उनका चयन इंग्लैंड की बल्लेबाजी को मजबूत करने और स्टंप के पीछे एक भरोसेमंद विकल्प देने के इरादे को दिखाता है। स्मिथ की दोनों भूमिकाओं को अच्छे से निभाने की क्षमता इंग्लैंड के लिए खासकर ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ फायदेमंद होगी।
इसके अलावा, जोफ्रा आर्चर की वापसी इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती देगी। आर्चर अपनी तेज रफ्तार और अहम मौकों पर विकेट लेने की काबिलियत के लिए जाने जाते हैं। उनके साथ ब्रायडन कार्स और मार्क वुड भी होंगे। यह तिकड़ी तेज गेंद, उछाल और विविधता का अच्छा मिश्रण देगी, जो लाहौर की पिच पर फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर जब रोशनी में तेज गेंदबाजों को मदद मिलने लगेगी।
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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग-XI
फिल साल्ट, बेन डकेट, जेमी स्मिथ (विकेट कीपर), जो रूट, हैरी ब्रूक, जोस बटलर (कप्तान), लियाम लिविंगस्टोन, ब्राइडन कार्स, जोफ्रा आर्चर, आदिल राशिद, मार्क वुड।
2023 तक इंग्लैंड वनडे और टी20 दोनों में विश्व चैंपियन था, लेकिन अब चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी स्थिति अनिश्चित है। हाल के व्हाइट-बॉल मैचों में उनका प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। भारत दौरे पर इंग्लैंड ने अपने आखिरी आठ में से सात मैच गंवाए, जिसमें वनडे में 3-0 से वाइटवॉश और टी20 सीरीज में 4-1 से हार शामिल थी। इस दौरान उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों में बड़ी कमजोरियां दिखीं।
अहमदाबाद में खेले गए उनके अंतिम वनडे में उन्हें 142 रनों से करारी हार मिली, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। अब इंग्लैंड पर भारी दबाव है कि वे इस बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करें और अपनी काबिलियत साबित करें। हालांकि, यह उनके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के लिए खुद को साबित करने का भी एक अच्छा मौका है, क्योंकि हाल के मैचों में वे रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।