• सौरव गांगुली ने नासिर हुसैन के उस बयान पर कड़ा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दुबई में खेलने से भारत को फायदा हुआ।

  • गांगुली ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।

भारत को दुबई में फायदा मिलने की बात पर सौरव गांगुली ने नासिर हुसैन को दिया करारा जवाब
नासिर हुसैन पर सौरव गांगुली (फोटो: X)

भारत के 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद, उनके कथित “दुबई एडवांटेज” को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों और खिलाड़ियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इंग्लैंड के नासिर हुसैन और अन्य लोगों के दावों को सख्ती से खारिज किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने अपने मैच दुबई की बजाय पाकिस्तान में खेले होते, तो टीम का प्रदर्शन और भी बेहतर होता।

दुबई में भारत के मैचों पर विवाद

हंगामा तब शुरू हुआ जब इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर नासिर और माइकल एथरटन ने चैंपियंस ट्रॉफी के शेड्यूल पर सवाल उठाए। उन्होंने तर्क दिया कि रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम को अपने सभी मैच दुबई में खेलने का “स्पष्ट फायदा” मिला। अन्य टीमों को पाकिस्तान और यूएई के बीच सफर करना पड़ा, जबकि भारत का एक ही जगह ठहरना लोगों को हैरान कर गया। इंग्लैंड के जोस बटलर और दक्षिण अफ्रीका के रासी वैन डेर डूसन सहित कई खिलाड़ियों ने भी यही बात कही। उन्होंने माना कि कम यात्रा करने से भारत को स्थिरता और बेहतर तैयारी का लाभ मिला। जब भारत सेमीफाइनल में अपराजित रहा, तो इस मुद्दे पर बहस और तेज हो गई, जिससे टूर्नामेंट की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे।

सौरव गांगुली का धमाकेदार जवाब

रविवार को बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के एक कार्यक्रम के दौरान गांगुली ने इस बहस को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने किसी भी तरह के “फायदे” की बात को नकारते हुए कहा कि दुबई की पिचों ने भारत की रन बनाने की क्षमता को सीमित कर दिया। गांगुली ने कहा, “पाकिस्तान की पिचें ज्यादा बेहतर हैं। भारत वहां और ज्यादा रन बना सकता था।” उन्होंने दुबई की धीमी पिचों और पाकिस्तान की बल्लेबाजों के अनुकूल पिचों की तुलना करते हुए यह तर्क दिया कि भारत की सफलता उसकी परिस्थितियों की वजह से नहीं, बल्कि उसके कौशल का नतीजा है।

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गांगुली के पक्ष में आंकड़े

गांगुली के तर्क को आंकड़े भी समर्थन देते हैं। पाकिस्तान के तीन मेजबान शहर लाहौर, कराची और रावलपिंडी में खेले गए सात मैचों में बल्लेबाजों ने प्रति विकेट 34.96 रन का औसत बनाया है। इन मैचों में आठ शतक और 17 अर्धशतक बने, जिनमें से दो पारियां चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास की सबसे बड़ी पारियों में शामिल हैं। खास बात यह है कि पाकिस्तान में 14 में से छह पारियों में टीमों ने 300 से ज्यादा रन बनाए, जो वहां की बल्लेबाजों के अनुकूल पिचों को दर्शाता है।

इसके मुकाबले, दुबई में खेले गए तीन मैचों की छह पारियों में बल्लेबाजों का औसत सिर्फ 28 रन प्रति विकेट रहा। यहां केवल तीन शतक बने, और सबसे बड़ा टीम स्कोर भारत का 249/8 (न्यूजीलैंड के खिलाफ) था, जो पाकिस्तान में बने बड़े स्कोरों के सामने काफी छोटा लगता है।

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श्रेणी:: चैंपियंस ट्रॉफी भारत सौरव गांगुली

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