पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के फैसलों पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट लगातार गलत फैसलों के कारण “आईसीयू” में पहुंच गया है। अफरीदी की यह प्रतिक्रिया तब आई जब ऑलराउंडर शादाब खान को न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी टी20 सीरीज के लिए चौंकाने वाले तरीके से टीम में वापस बुला लिया गया। उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान क्रिकेट में मौजूद गहरी समस्याओं को उजागर करती है, जिसमें निरंतरता की कमी, जवाबदेही की गैरमौजूदगी और व्यापक स्तर पर दोष देने की संस्कृति शामिल है।
शादाब खान की वापसी की आलोचना
अफरीदी की आलोचना शादाब के चयन पर केंद्रित है, जो पिछले टी20 विश्व कप के बाद से टीम से बाहर थे। शादाब को न्यूजीलैंड दौरे के लिए सलमान आगा की कप्तानी में उप-कप्तान बनाया गया है, और इस फैसले ने अफरीदी को चौंका दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान अफरीदी ने सवाल उठाया, “उन्हें किस आधार पर टीम में वापस बुलाया गया है? क्या उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है, या फिर किसी और कारण से उन्हें दोबारा मौका दिया गया है?”
शादाब का हालिया प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने टी20 विश्व कप 2024 के दौरान चार पारियों में सिर्फ 44 रन बनाए और एक भी विकेट नहीं ले सके। अपने पिछले 10 घरेलू मैचों में उन्होंने सिर्फ दो अर्धशतक लगाए और पांच विकेट लिए। शादाब के चयन को लेकर अफरीदी की शंका इस ओर इशारा करती है कि पीसीबी की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी हो सकती है। यह पाकिस्तान क्रिकेट में फैसले लेने की प्रणाली को लेकर गंभीर चिंताओं को उजागर करता है।
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निरंतरता और जवाबदेही का अभाव
अफरीदी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) में लगातार बदलाव और जवाबदेही की कमी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बार-बार कप्तान, कोच और खिलाड़ियों को बदलने से टीम अस्थिर हो गई है और प्रदर्शन भी खराब हो रहा है। अफरीदी ने कहा, “हम हमेशा तैयारी की बात करते हैं, लेकिन जब टूर्नामेंट आता है और हम हार जाते हैं, तो बदलाव की बात करने लगते हैं। सच यह है कि गलत फैसलों की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट ICU में पहुंच गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पीसीबी के फैसलों में कोई स्थिरता नहीं है। “हम बार-बार कप्तान, कोच और खिलाड़ियों को बदलते हैं, लेकिन बोर्ड के अधिकारी खुद को कभी ज़िम्मेदार नहीं मानते,” अफरीदी ने कहा। उन्होंने बताया कि टीम में एक-दूसरे पर दोष मढ़ने की आदत बढ़ गई है। कोच और प्रबंधन अपनी नौकरी बचाने के लिए खिलाड़ियों को दोषी ठहरा देते हैं। अफरीदी ने इस स्थिति को खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के आत्मविश्वास के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा, “अगर कप्तान और कोच हर समय अपनी जगह खोने के डर में रहेंगे, तो हमारा क्रिकेट कैसे आगे बढ़ेगा?”
पाकिस्तान क्रिकेट पर प्रभाव
अफरीदी की टिप्पणी पाकिस्तान क्रिकेट की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता दिखाती है। टीम को हाल के वर्षों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, जिसमें खराब प्रदर्शन और बार-बार कप्तान बदलना शामिल है। शादाब खान की कमजोर फॉर्म के बावजूद उनकी वापसी ने पीसीबी के चयन फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग यह सोच रहे हैं कि क्या खिलाड़ियों का चयन योग्यता के आधार पर हो रहा है या किसी और कारण से।
पाकिस्तान को अब न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज खेलनी है, लेकिन मैदान पर चुनौती के अलावा टीम के अंदर भी परेशानियां चल रही हैं। अफरीदी की बात पीसीबी के लिए एक चेतावनी की तरह है कि अब उन्हें अपनी रणनीतियों पर फिर से सोचना चाहिए और एक मजबूत और स्थिर टीम बनाने पर ध्यान देना चाहिए।