भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर चर्चा जारी है। इसी बीच पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने उनका खुलकर समर्थन किया है। भारत को साल के अंत में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की अहम सीरीज खेलनी है। सिद्धू का मानना है कि रोहित को ही कप्तान बने रहना चाहिए क्योंकि उनके पास अनुभव है और उनकी जगह कोई बेहतर विकल्प नहीं है।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर सिद्धू का जोरदार समर्थन
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट सीरीज हारने के बाद रोहित की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं। भारत पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल से बाहर हो गया है, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर चर्चा और तेज हो गई है। रोहित का हालिया फॉर्म भी खराब रहा है, उन्होंने 15 पारियों में सिर्फ 164 रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का मानना है कि उन्हें कप्तान बने रहना चाहिए।
सिद्धू का तर्क यह है कि रोहित की जगह लेने के लिए कोई उपयुक्त विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी अन्य खिलाड़ी ने अब तक कप्तानी के लिए जरूरी अनुभव या प्रदर्शन नहीं दिखाया है। साथ ही, रोहित का इंग्लैंड में अच्छा रिकॉर्ड भी उनकी दावेदारी को मजबूत बनाता है।
स्पोर्ट्स तक से बातचीत में सिद्धू ने कहा, “भारत में 10 लोग होंगे, तो 20 अलग-अलग राय होंगी। लेकिन आखिरी समय में टेस्ट कप्तान कौन बनेगा? आपके पास कोई विकल्प नहीं है। रोहित के पास अनुभव है और इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड शानदार है। आपको 2027 वर्ल्ड कप तक युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना होगा। रोहित ने दो वर्ल्ड कप जीते हैं, अब और कौन सी परीक्षा लेनी है?” सिद्धू ने साफ किया कि रोहित को कप्तान बनाए रखना ही टीम के लिए सही फैसला होगा।
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सिद्धू ने टीम में अनुभव और युवा जोश के संतुलन पर दिया जोर
सिद्धू का मानना है कि टीम में अनुभवी खिलाड़ियों और युवा प्रतिभाओं का सही संतुलन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम को स्थिरता और नेतृत्व देते हैं, जबकि नीतीश रेड्डी, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव जैसे युवा खिलाड़ी टीम में नई ऊर्जा और ताजगी लाते हैं।
सिद्धू ने कहा,“2027 के वर्ल्ड कप तक आपको अनुभव और युवा जोश का सही मिश्रण बनाना होगा। जब तक आप रोहित, विराट और राहुल के अनुभव को नीतीश रेड्डी, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव के जोश के साथ नहीं जोड़ते, तब तक एक मजबूत टीम तैयार नहीं कर सकते।” सिद्धू का मानना है कि टीम चयन में संतुलन जरूरी है, ताकि भारत सभी परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सके।