• साइमन डूल ने आईपीएल 2025 में दिग्वेश राठी के हल्के-फुल्के 'नोटबुक' सेलिब्रेशन पर बीसीसीआई की सख्ती की आलोचना की है।

  • राठी के जश्न को लेकर उठे विवाद ने असंगत अनुशासनात्मक मानकों पर बढ़ती चिंताओं को उजागर किया।

साइमन डूल ने आईपीएल 2025 में दिग्वेश राठी के ‘नोटबुक’ जश्न विवाद के बीच बीसीसीआई पर साधा निशाना
Simon Doull slams BCCI’s double standards after Digvesh Rathi's 'Notebook' celebration controversy draws heat again in IPL 2025 (Image source: X)

आईपीएल 2025 के जोश से भरे माहौल में जहां हर छोटी बात बड़ी बन जाती है, लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के युवा स्पिनर दिग्वेश राठी एक खास वजह से सुर्खियों में आ गए हैं। राठी अपने अनोखे ‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ के लिए जाने जाते हैं – जिसमें वो बल्लेबाज को आउट करने के बाद नोट लिखने की एक्टिंग करते हैं।

हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ मैच में उन्होंने अपने आइडियल सुनील नरेन को आउट करने के बाद वही सेलिब्रेशन दोहराया, लेकिन थोड़ा हल्के अंदाज में। उनके इस जश्न पर एक बार फिर पेनल्टी का खतरा मंडराने लगा, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।

इस मामले पर न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज़ और क्रिकेट एक्सपर्ट साइमन डूल ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि बोर्ड दोहरे मापदंड अपना रहा है – यानी एक जैसे मामलों में अलग-अलग फैसले ले रहा है। राठी का प्रदर्शन शानदार रहा, लेकिन उनका सेलिब्रेशन विवाद का कारण बन गया।

दिग्वेश राठी का नोटबुक उत्सव फिर से एक ट्विस्ट के साथ लौटा

‘नोटबुक सेलिब्रेशन’ की शुरुआत तब हुई थी जब दिग्वेश ने विकेट लेने के बाद अपनी हथेली पर कुछ लिखने का नाटक किया था। यह अंदाज मजेदार और अलग था, जिसने फैन्स का खूब ध्यान खींचा। पहली बार उन्होंने ये सेलिब्रेशन अपने दोस्त प्रियांश आर्य को आउट करने के बाद किया था, और उस वक्त इसे एक मस्ती भरे मजाक के तौर पर देखा गया। लेकिन मैच अधिकारियों को यह ठीक नहीं लगा, और उन्होंने इसे जरूरत से ज्यादा दिखावा मानते हुए राठी पर जुर्माना लगा दिया।

हाल ही में एलएसजी और केकेआर के बीच मुकाबले में राठी ने इस सेलिब्रेशन का नया तरीका अपनाया। इस बार उन्होंने अपनी हथेली की बजाय मैदान की जमीन पर कुछ लिखने का इशारा किया। जब उन्होंने अपने पसंदीदा खिलाड़ी सुनील नरेन को आउट किया, तब ये सेलिब्रेशन दोहराया।हालांकि ये बहुत हल्का और शांत इशारा था, फिर भी लोगों की नजरों से बच नहीं सका। इस बार रेफरी ने कोई जुर्माना नहीं लगाया, लेकिन चर्चा फिर भी होती रही। इन सबके बीच राठी का शानदार खेल सब पर भारी रहा।

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लखनऊ सुपर जायंट्स अपने स्पिनर के साथ

राठी को इस विवाद का अकेले सामना नहीं करना पड़ा। उनके टीम के साथियों ने खुलकर उनका समर्थन किया और बताया कि उनका सेलिब्रेशन सिर्फ मज़ाक और मस्ती के इरादे से था।

मैच से पहले एलएसजी के एक सोशल मीडिया वीडियो में खिलाड़ी शाहबाज अहमद ने भी इस बारे में बात की। उन्होंने कहा, “प्रियांश आर्य उनके बहुत अच्छे दोस्त हैं… उन्होंने ये सब दोस्ती में मज़ाक के तौर पर किया था। लेकिन अब चूंकि वो सस्पेंशन के करीब हैं, तो मुझे उम्मीद है कि वो इसे फिर से नहीं करेंगे।” शाहबाज की ये बात टीम में आपसी समझ और मस्ती भरे माहौल को दिखाती है। लेकिन इसके साथ ही ये सवाल भी उठता है – क्या एक युवा खिलाड़ी को नियमों के दबाव में अपनी भावनाएं और अंदाज दबाने पड़ते हैं?

साइमन डूल ने इस मामले पर अपनी बेबाक राय दी है

क्रिकबज पर डूल की भावुक टिप्पणियों ने इस पूरे विवाद को और हवा दे दी। अपनी बेबाक राय के लिए पहचाने जाने वाले डूल ने साफ कहा, “टीम को उसका जुर्माना भरना चाहिए। मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं आया। मुझे जश्न मनाना अच्छा लगता है, और मुझे नहीं लगता कि राठी ने कुछ गलत किया है।”

डूल ने बीसीसीआई पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई सीनियर भारतीय खिलाड़ी मैदान पर इससे भी ज्यादा आक्रामक व्यवहार करते हैं, फिर भी उन्हें कोई चेतावनी या सज़ा नहीं मिलती। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या वो एक युवा खिलाड़ी को सिर्फ इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि वो अपनी ‘नोटबुक’ में कुछ लिखने का नाटक कर रहा था?”

उनका ये तर्क सीधे कई फैन्स और एक्सपर्ट्स के दिल को छू गया। आज के दौर में जश्न मनाना क्रिकेट का अहम हिस्सा बन चुका है। ऐसे में अगर किसी खिलाड़ी की भावनाएं सिर्फ इसलिए दबाई जाएं कि वो बड़ा नाम नहीं है, तो ये खेल की आत्मा के खिलाफ जाता है।

बीसीसीआई का नियमों को लेकर हमेशा सख्त रवैया रहा है, लेकिन डूल ने इस बात को भी उठाया कि नियमों को हर बार एक जैसे नहीं लागू किया जाता। राठी का मामला इस बात की मिसाल है कि कैसे युवा और कम प्रसिद्ध खिलाड़ियों को ज़्यादा सख्ताई झेलनी पड़ती है, जबकि बड़े नाम आसानी से बच निकलते हैं। इस पूरे मामले ने क्रिकेट में अनुशासन और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बीच संतुलन पर एक नई बहस खड़ी कर दी है।

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श्रेणी:: आईपीएल दिग्वेश राठी फीचर्ड लखनऊ सुपर जायंट्स

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