भारतीय क्रिकेट के कोचिंग सिस्टम के लिए यह एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। बीसीसीआई (BCCI) ने अभिषेक नायर को टीम इंडिया के सहायक कोच पद से हटाने का फैसला किया है। उन्हें ये जिम्मेदारी अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ था। ESPNcricinfo की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला 2024 में भारत के खराब रेड-बॉल (टेस्ट) प्रदर्शन के चलते लिया गया है।
इस साल भारत को न्यूज़ीलैंड से अपने ही घर में 3-0 से हार झेलनी पड़ी, और फिर ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से गंवा दी। इन निराशाजनक नतीजों के बाद बीसीसीआई ने टेस्ट टीम के ढांचे की पूरी समीक्षा शुरू की है।
अब भारत का अगला टेस्ट चैलेंज जून 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ़ होगा, जहाँ टीम इंडिया 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने इंग्लैंड जाएगी। यह सीरीज़ दोनों टीमों के लिए काफी अहम होगी। पहला टेस्ट 20 जून से शुरू होगा और आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से।
भरोसेमंद साथी से बर्खास्तगी तक: अभिषेक नायर का अचानक पतन
अभिषेक नायर की विदाई कई लोगों के लिए चौंकाने वाली रही, क्योंकि उनका गौतम गंभीर के साथ गहरा पेशेवर रिश्ता था, जो इस समय भारत के सभी फॉर्मेट के मुख्य कोच हैं। आईपीएल 2024 के दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की खिताबी जीत में दोनों की अहम भूमिका रही थी। नायर की खिलाड़ियों की मानसिकता को समझने, उन्हें व्यक्तिगत सलाह देने और रणनीति बनाने की क्षमता ने उन्हें गंभीर के कोचिंग ग्रुप का अहम हिस्सा बना दिया था। जुलाई 2024 में जब गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच बनाया गया, तो उन्होंने नायर को भी अपने साथ जोड़ा। लेकिन इसके बावजूद, बीसीसीआई की आंतरिक समीक्षा में शायद यह पाया गया कि नायर की मौजूदगी से टीम के प्रदर्शन में कोई खास सुधार नहीं हुआ, जिसकी वजह से उन्हें हटाने का फैसला लिया गया।
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टीम इंडिया की फिटनेस में फिर आएगा नया जोश, एड्रियन ले रॉक्स की वापसी से बढ़ेंगी उम्मीदें
दक्षिण अफ्रीका के मशहूर फिटनेस कोच एड्रियन ले रॉक्स एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम के साथ जुड़ने वाले हैं। वे टीम के नए ट्रेनर होंगे और सोहम देसाई की जगह लेंगे, जो 2019 से इस पद पर थे। ले रॉक्स इस समय आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने बीसीसीआई के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
यह पहली बार नहीं है जब ले रॉक्स भारत के साथ काम करेंगे। इससे पहले भी वे 2001 से 2003 तक टीम इंडिया के फिटनेस ट्रेनर रह चुके हैं। उस वक्त उन्होंने फिजियोथेरेपिस्ट एंड्रयू लीपस के साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट में फिटनेस को लेकर सोच और माहौल बदलने का काम किया था। उनका फोकस एथलेटिसिज्म, बॉडी की मूवमेंट और क्रिकेट के हिसाब से फिटनेस बढ़ाने पर रहा है। उनके योगदान से टीम का विदेशी दौरों पर प्रदर्शन बेहतर हुआ था। अब एक बार फिर उम्मीद की जा रही है कि वे भारत के फिटनेस मानकों को नई ऊंचाई देंगे।