भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में 2024-25 सीजन के लिए अपनी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा जैसे बड़े खिलाड़ियों को फिर से ग्रेड A+ में रखा गया है, जिनके साथ उन्हें सबसे ऊंचा सालाना रिटेनर मिलेगा। लेकिन इस बार कुछ ऐसे नाम शामिल नहीं हैं, जिनके बाहर होने से काफी चर्चा हो रही है।
कुल 34 खिलाड़ियों को अनुबंध दिए गए हैं, लेकिन कुछ जाने-माने खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से यह साफ है कि बीसीसीआई की चयन सोच में बदलाव आया है। यह फैसला सिर्फ आँकड़ों के आधार पर नहीं लिया गया है, बल्कि फिटनेस, फॉर्म और भविष्य में खेलने की तैयारी जैसे पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है। बोर्ड अब खिलाड़ियों से लगातार अच्छा प्रदर्शन और घरेलू क्रिकेट में भागीदारी की उम्मीद करता है।
इस साल बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध से चूक गए खिलाड़ी
अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को इस बार BCCI की केंद्रीय अनुबंध सूची में जगह नहीं मिली, लेकिन यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं थी क्योंकि उन्होंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। एक समय भारत के सबसे भरोसेमंद स्पिनर रहे अश्विन की गैरमौजूदगी से यह साफ हो गया है कि चयनकर्ता अब भविष्य की योजनाओं और युवा स्पिनरों को मौका देने पर ध्यान दे रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में भले ही उनका योगदान शानदार रहा हो, लेकिन वनडे और टी20 में उनकी भूमिका धीरे-धीरे कम होती गई थी।
दूसरी ओर, शार्दुल ठाकुर जैसे अनुभवी ऑलराउंडर को भी इस बार लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने भले ही सभी फॉर्मेट में कुछ अच्छे पल दिए हों, लेकिन हाल के दिनों में उनका प्रदर्शन स्थिर नहीं रहा, जिससे उनका नाम छूट गया।
विकेटकीपर जितेश शर्मा और केएस भरत को भी जगह नहीं मिली, जबकि इन्हें भविष्य में टीम इंडिया के लिए स्टंप के पीछे संभावित विकल्प माना जा रहा था। यह दिखाता है कि चयनकर्ता अब लगातार प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
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युवा तेज गेंदबाज जैसे उमरान मलिक, आवेश खान, यश दयाल, विजयकुमार व्यशाक और विद्वाथ कवरप्पा, जिन्हें भारत के तेज गेंदबाजी का भविष्य समझा जा रहा था, उन्हें भी कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रखा गया है। इससे साफ है कि अब बीसीसीआई केवल प्रचार या नाम पर नहीं, बल्कि फिटनेस, फॉर्म और निरंतर प्रदर्शन को प्राथमिकता दे रहा है। ये फैसला खासकर उन खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा संकेत है जो टीम में वापसी की कोशिश कर रहे हैं – कि अब सिर्फ टैलेंट नहीं, बल्कि लगातार अच्छा खेल दिखाना ज़रूरी है।
बीसीसीआई की मंशा खिलाड़ियों के लिए केंद्रीय अनुबंध में झलकती है
केंद्रीय अनुबंधों की व्यवस्था – ग्रेड ए+ (₹7 करोड़), ग्रेड ए (₹5 करोड़), ग्रेड बी (₹3 करोड़) और ग्रेड सी (₹1 करोड़) – खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन और अहमियत के हिसाब से बांटती है। ये ग्रेड न सिर्फ खिलाड़ियों की सीनियरिटी या पहचान दिखाते हैं, बल्कि ये उनके खेल के स्तर का भी पैमाना बनते हैं। इन इनामों से खिलाड़ियों को हर फॉर्मेट में अच्छा खेलने के लिए और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।
लेकिन इस बार कुछ बड़े और मशहूर नामों को बाहर रखा गया है, जिससे साफ हो गया है कि अब सिर्फ नाम और पुरानी उपलब्धियों से काम नहीं चलेगा। बीसीसीआई का ये कदम बताता है कि अब लगातार अच्छा प्रदर्शन, घरेलू क्रिकेट में भागीदारी और फिटनेस को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। कुछ खिलाड़ियों को अनुबंध से बाहर करके बोर्ड ने अपने लंबे समय की योजना का संकेत दिया है। अब संदेश बिल्कुल साफ है – टीम इंडिया में बने रहने के लिए मेहनत, फिटनेस और फॉर्म ज़रूरी है, नाम या पुराना रिकॉर्ड नहीं।