• भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने श्रेयस अय्यर की सफलता के पीछे के कारणों का खुलासा किया है।

  • अय्यर आईसीसी पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक थे और वर्तमान में आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स का नेतृत्व कर रहे हैं।

रवि शास्त्री ने श्रेयस अय्यर की धमाकेदार फॉर्म का बताया राज
रवि शास्त्री ने श्रेयस अय्यर की सफलता का राज बताया (फोटो: X)

सफेद गेंद क्रिकेट में श्रेयस अय्यर की शानदार वापसी ने सबका ध्यान खींचा है। भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि अय्यर की इस सफलता का राज उनकी बैटिंग तकनीक में किए गए बड़े बदलाव हैं।

अय्यर ने ICC पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन किया, जहाँ उन्होंने 48.60 की औसत से 243 रन बनाए और टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। इस समय वे IPL 2025 में पंजाब किंग्स (PBKS) की कप्तानी कर रहे हैं। उनके इस शानदार फॉर्म ने उन्हें 2024/25 के लिए भारत के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में भी जगह दिला दी है। ‘ICC रिव्यू’ में संजना गणेशन से बात करते हुए रवि शास्त्री ने बताया कि अय्यर ने अपनी तकनीक में कौन-कौन से बदलाव किए, जिनकी वजह से उनका खेल इतना निखर कर सामने आया।

रवि शास्त्री ने श्रेयस अय्यर की सफलता के लिए अपनाए गए तकनीकी बदलावों के बारे में बताया

शास्त्री के मुताबिक, अय्यर की बल्लेबाजी में सबसे बड़ा सुधार उनकी क्रीज पर खड़े होने की स्थिति में आया है। यह छोटा सा बदलाव उनके खेल पर बड़ा असर डाल रहा है। शास्त्री ने बताया कि अब अय्यर का बल्ला उसी समय उठता है जब वो अपनी स्थिति में आगे बढ़ते हैं, जिससे उन्हें हर तरह के शॉट खेलने में आसानी हो रही है।

चाहे गेंद शॉर्ट हो और उसे पुल करना हो, या फिर ऑफ स्टंप के बाहर हो और उसे कट करना हो – अय्यर अब दोनों तरह की गेंदों से निपटने में बेहतर नजर आते हैं।

शास्त्री ने कहा, “पहले वह बहुत ज्यादा साइड ऑन (किनारे की तरफ) और बैक फुट पर रहते थे, जिससे वह लेग साइड की तरफ झुके रहते थे। लेकिन अब वह ज्यादा सीधे खड़े होते हैं और गेंद का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। जब वह पीछे हटते हैं, तो उनका बल्ला भी साथ में उठता है, जिससे उन्हें दोनों तरफ शॉट खेलने की आज़ादी मिलती है। अगर गेंद शॉर्ट होती है, तो वह उसे पुल या हुक कर सकते हैं, और अगर गेंद ऑफ स्टंप के बाहर होती है, तो वह कट शॉट भी आसानी से लगा सकते हैं।”

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शास्त्री ने बताया कि कैसे संतुलित रुख ने अय्यर की पूरी क्षमता को उजागर किया

काफ़ी समय तक, शॉर्ट-पिच गेंदों के खिलाफ अय्यर के संघर्ष को उनके खेल की एक कमजोरी माना जाता था। शास्त्री ने बताया कि अय्यर की पुरानी आदत थी कि वह बहुत ज्यादा लेग-साइड की तरफ झुके रहते थे, जिससे उन्हें बॉडी-लाइन गेंदों के खिलाफ मुश्किल होती थी, खासकर पसलियों के पास। इस कारण उनके पास स्कोरिंग के सीमित विकल्प थे और वे पैंतरेबाजी भी नहीं कर पाते थे।

लेकिन अब, अपनी नई संतुलित स्थिति और क्रीज पर बेहतर मूवमेंट के साथ, अय्यर ने दोनों तरफ़ शॉट खेलने की जगह बना ली है। शास्त्री के मुताबिक, इस बदलाव ने अय्यर को अपनी स्वाभाविक टाइमिंग और तेज़ हाथों का सही इस्तेमाल करने में मदद दी है। अब वह जल्दी अपनी स्थिति में आकर अपने शॉट्स की पूरी रेंज दिखा सकते हैं, जिससे वह और भी ख़तरनाक बल्लेबाज बन गए हैं।

शास्त्री ने कहा, “अब अय्यर के पास दोनों तरफ़ शॉट्स खेलने की जगह है। पहले वह बहुत ज़्यादा लेग-साइड रहते थे, जिससे उन्हें पसलियों के पास गेंद खेलने में परेशानी होती थी। लेकिन अब वह गेंद को अच्छी तरह से टाइम करते हैं और जल्दी अपनी स्थिति में आ जाते हैं, जिससे वह बल्लेबाजी करते हुए और भी प्रभावी हो गए हैं।”

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