भारत के महान क्रिकेटर विराट कोहली ने 36 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। इससे टेस्ट क्रिकेट में उनके शानदार करियर का एक सुनहरा अध्याय खत्म हो गया। कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाए और कप्तान के तौर पर 68 मैचों में से 40 में भारत को जीत दिलाई। वह अपने पीछे एक शानदार विरासत छोड़कर जा रहे हैं।
उनकी इस घोषणा से क्रिकेट जगत में भावनाओं की लहर दौड़ गई। दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर आज की युवा पीढ़ी तक, सभी उनकी क्रिकेट यात्रा से प्रेरित हुए हैं। भारत और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) की खिलाड़ी श्रेयंका पाटिल ने भी इंस्टाग्राम पर कोहली को भावुक ट्रिब्यूट दी। उन्होंने बताया कि कोहली ने उनके क्रिकेट के सपनों को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है।
विराट कोहली: बचपन का आदर्श जीवन भर की प्रेरणा बन गया
श्रेयंका ने लिखा, “अब 24 घंटे हो गए हैं, और जब से मैंने लोगों को इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते देखा है, मैं और भावुक हो गई हूं। विराट कोहली को दोबारा सफेद जर्सी में ना देख पाना बहुत मुश्किल लग रहा है। मैं सच में शब्दों में नहीं बता सकती कि मैं क्या महसूस कर रही हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ़ एक क्रिकेटर का रिटायरमेंट नहीं है। उनके लिए और देश के कई लोगों के लिए, ये एक युग का अंत है — एक ऐसा दौर जो जोश, खूबसूरत कवर ड्राइव, मैदान पर गुस्से भरी मुट्ठियों और जज़्बे से भरा हुआ था। कोहली सिर्फ़ एक खिलाड़ी नहीं थे — वे कई लोगों के लिए खुद क्रिकेट थे।
22 साल की श्रेयंका बोलीं, “मैं विराट कोहली को देखकर ही बड़ी हुई हूं। मैदान पर उनका जुनून, कभी हार न मानने वाला रवैया, और इंग्लैंड सीरीज के दौरान उनके बोले गए मशहूर शब्द ’60 ओवर ऑफ हेल’ — इन सबने मुझे अंदर से प्रेरित किया। वो सिर्फ क्रिकेट नहीं खेलते थे, वो हमें क्रिकेट को महसूस कराते थे।”
उन्होंने कहा कि बात सिर्फ़ रनों या शतकों की नहीं है, बात थी उनके दिल से खेलने के तरीके की। कोहली की मौजूदगी सिर्फ स्कोरकार्ड तक सीमित नहीं रहती थी, बल्कि वो हर तालियों, कैमरे के हर पैन और हर युवा खिलाड़ी के सपनों में होती थी।
श्रेयंका ने भावुक होकर कहा, “विकेट के बाद उनका जश्न, आउट होने पर उनका यकीन न कर पाना, उनके गुस्से वाले लुक्स और स्लेजिंग — ये सब सिर्फ प्रतिक्रियाएं नहीं थीं, बल्कि इतिहास बन चुके लम्हे हैं। विराट कोहली के बिना टेस्ट क्रिकेट बहुत सूना लगेगा। मैं उनके शानदार कवर ड्राइव, मिडविकेट के ऊपर के फ्लिक, पुल शॉट्स और विकेटों के बीच की उनकी दौड़ को बहुत मिस करूंगी।” उनके मुताबिक, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को एक महाकाव्य जैसा बना दिया।
यह भी पढ़ें: आईपीएल एंकरों ने विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर दिया ट्रिब्यूट
श्रेयस पाटिल ने भारत के लिए सफ़ेद ओवरों में कोहली के जादू को साझा किया
श्रेयंका मुताबिक, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में वो जोश और जान फूंकी, जो टी20 के ज़माने में लोग भूलने लगे थे। उन्होंने सिर्फ़ टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला, बल्कि इसे फिर से एक अरब लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया। मैदान पर उनकी ऊर्जा और जुनून लोगों को अपनी ओर खींच लेते थे — चाहे वो लॉर्ड्स में भीड़ को जोश से भर देना हो या मोहम्मद शमी के विकेट पर ऐसा जश्न मनाना, जैसे उन्होंने खुद छक्का मारकर मैच जिताया हो।
श्रेयंका ने कहा, “सबसे खास बात ये रही कि उन्होंने इस टीम को एकजुट किया। उन्होंने अपने तेज़ गेंदबाज़ों पर भरोसा दिखाया और भारतीय गेंदबाज़ी को एक खतरनाक हथियार बना दिया। उन्होंने विदेशों में जीत को बहुत गंभीरता से लिया और भारत को हर हाल में जीत दिलाने की कोशिश की। विराट सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ या कप्तान नहीं थे, उन्होंने पूरी टीम की सोच और संस्कृति को बदल दिया।”
उनके मुताबिक, कोहली का नेतृत्व सिर्फ उनके मजबूत इरादों या अपने साथियों पर विश्वास तक सीमित नहीं था। उन्होंने टीम को ऐसा आत्मविश्वास दिया कि भारत कहीं भी, किसी के भी खिलाफ जीतने का सपना देखने लगा। श्रेयंका बोलीं, “हर बार जब वो आउट होते थे, तो मैं चाहती थी कि वो एक बड़ा स्कोर बनाएं। मैं उनके जश्न, उनकी दहाड़, उनकी छलांग और चमक का इंतजार करती थी… और जब वो मिल जाता, तो चैन से सो सकती थी।”
आखिर में उन्होंने कहा, “अभी भी बहुत कुछ कहने को बाकी है, लेकिन मैं बस बहुत दुखी हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि विराट को इतनी जल्दी सफेद जर्सी में खेलते देखना बंद हो जाएगा। मुझे उनकी स्टंप के पीछे की आवाज़, उनका जोश और हार मानने से इनकार करने वाला रवैया हमेशा याद रहेगा। शुक्रिया, किंग। आप हमारे लिए सब कुछ रहे हैं।”