इंग्लैंड के टेस्ट टीम के करिश्माई कप्तान बेन स्टोक्स अपने साहसी फैसलों के लिए मशहूर हैं, चाहे वो मैदान पर हों या बाहर। हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी हैमस्ट्रिंग चोट से जल्दी ठीक होने के लिए 2 जनवरी 2025 से शराब पीना पूरी तरह छोड़ दिया है। यह सिर्फ़ उनकी निजी पसंद नहीं, बल्कि उनके करियर, सेहत और बेहतर प्रदर्शन के प्रति गंभीरता को दिखाता है।
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले बेन स्टोक्स ने शराब पीने से मना किया
स्टोक्स ने शराब छोड़ने का फैसला सोच-समझकर लिया था। दिसंबर 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान उन्हें बाएं पैर की हैमस्ट्रिंग में चोट लग गई थी। इस चोट की वजह से उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और लंबा रिहैब करना पड़ा।
स्टोक्स ने ‘अनटैप्ड’ पॉडकास्ट पर बताया कि पहले वो शराब को लेकर काफी लापरवाह थे — या तो सब कुछ पीते थे या कुछ भी नहीं। उन्होंने सोचना शुरू किया कि क्या उनकी जीवनशैली उनकी रिकवरी में रुकावट बन रही है। उन्होंने कहा, “पहली बड़ी चोट के बाद मैं सोच में पड़ गया था… क्या कुछ दिन पहले पी गई शराब की वजह से ये हुआ?”
यही सोच उन्हें एक बड़े फैसले पर ले आई जब तक वे पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते और मैदान पर नहीं लौटते, तब तक वे शराब नहीं पीएंगे। स्टोक्स ने यह भी कहा, “अब हर काम मुश्किल लगने लगा है। इसलिए मुझे मैदान के बाहर, जिम में और बाकी कामों में ज़्यादा मेहनत करनी होगी, ताकि मैं जब खेलूं तो अपना बेस्ट दे सकूं।” उनका मकसद साफ़ है अपने करियर को लंबा करना और हर मौके पर शानदार प्रदर्शन करना।
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बेन स्टोक्स ने नए WTC चक्र की शुरुआत की
स्टोक्स की यह प्रतिबद्धता ऐसे समय पर आई है जब इंग्लैंड क्रिकेट टीम को उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। टीम को जिम्बाब्वे के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट, भारत के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ और ऑस्ट्रेलिया में एशेज जैसे बड़े मुकाबले खेलने हैं। ऐसे में इंग्लैंड को अपने कप्तान का पूरी तरह फिट और तैयार रहना बेहद ज़रूरी है।
स्टोक्स का शराब छोड़ना और अपनी सेहत को प्राथमिकता देना, उनके साथी खिलाड़ियों और फैंस के लिए एक मजबूत संदेश है – कि टॉप लेवल पर खेलने के लिए समर्पण कितना ज़रूरी होता है। दिसंबर 2024 से वो प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर थे, जिससे उनकी फिटनेस को लेकर कुछ चिंताएं थीं, लेकिन अब वह जिम्बाब्वे के खिलाफ वापसी को तैयार हैं। एक बेहतर और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर स्टोक्स ने न केवल खुद को फिट किया है, बल्कि इंग्लैंड की गर्मियों की कठिन चुनौती के लिए टीम को एक मज़बूत बढ़त देने का संकल्प भी लिया है। उनके इस फैसले से साफ है कि वह अपने करियर को लंबा चलाना चाहते हैं और साथ ही टीम में अनुशासन और मेहनत की मिसाल भी बन रहे हैं।