भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के साथ टेस्ट क्रिकेट का एक नया दौर शुरू हो रहा है। इसी बीच गुजरात टाइटन्स के ओपनर साई सुदर्शन का टीम में चयन चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि नए हेड कोच गौतम गंभीर और नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के बीच इस फैसले को लेकर मतभेद हैं। दोनों की सोच में फर्क और सुदर्शन को टीम में शामिल करने को लेकर पर्दे के पीछे खींचतान से भारतीय टीम में नेतृत्व को लेकर दिलचस्प माहौल बन गया है।
साई सुदर्शन के चयन को लेकर गौतम गंभीर और शुभमन गिल में मतभेद
इंग्लैंड दौरे से पहले टीम इंडिया की चयन बैठक काफी नाटकीय रही। इस मीटिंग में सुदर्शन के चयन को लेकर कोच गंभीर और कप्तान गिल के बीच मतभेद सामने आए। सुदर्शन ने आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने 150 की स्ट्राइक रेट से एक शतक और पांच अर्धशतकों सहित 650 से ज्यादा रन बनाए। इसके बावजूद गंभीर ने उनके चयन का विरोध किया, जिससे चयनकर्ता और टीम से जुड़े लोग हैरान रह गए। यह और भी चौंकाने वाली बात थी क्योंकि खुद गंभीर भी बाएं हाथ के ओपनर रह चुके हैं, ठीक वैसे ही जैसे सुदर्शन हैं।
गिल ने सुदर्शन को टीम में लेने के पक्ष में 30 मिनट तक समझाने की कोशिश की और उनके साथ गुजरात टाइटन्स में अपने अनुभव का ज़िक्र किया। आखिरकार गिल की दलीलें काम आईं और सुदर्शन को टीम में जगह मिली। इस पूरी घटना ने गंभीर और गिल की सोच में अंतर को उजागर कर दिया जहां गंभीर थोड़ा सतर्क नजर आए, वहीं गिल ने युवा प्रतिभा पर भरोसा जताया।
बीसीसीआई से जुड़े एक सूत्र ने क्रिकब्लॉगर को बताया, “गंभीर के फैसलों से चयनकर्ता भी हैरान थे। वह खुद बाएं हाथ के ओपनर रहे हैं, तो साई सुदर्शन का विरोध करना समझ से बाहर है।” यह मामला दिखाता है कि आगे चलकर गंभीर और गिल के काम करने के तरीकों में टकराव हो सकता है।
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सुदर्शन भारत के टेस्ट बल्लेबाजी क्रम में नए चेहरे के रूप में शामिल होंगे
सुदर्शन का टेस्ट टीम में चुना जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक अहम समय पर हुआ है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के रिटायरमेंट के बाद अब टीम के टॉप ऑर्डर में बदलाव हो रहा है। सिर्फ 23 साल के सुदर्शन में शांत स्वभाव और हालात के अनुसार खेलने की अच्छी क्षमता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट, आईपीएल और इंग्लैंड में सरे के लिए खेलते हुए यह साबित भी किया है। वह जरूरत पड़ने पर पारी संभाल सकते हैं और तेज भी खेल सकते हैं, जो इंग्लैंड की मुश्किल पिचों पर काफी काम आएगा।
अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति ने सुदर्शन की लगातार अच्छे प्रदर्शन और क्षमता को पहचानते हुए उन्हें टॉप तीन बल्लेबाजों में एक मजबूत विकल्प माना है। अब जब भारत 20 जून से लीड्स में पहला टेस्ट खेलने जा रहा है, सभी की नजरें इस पर होंगी कि सुदर्शन प्लेइंग-11 में जगह बना पाते हैं या नहीं। कप्तान और कोच की सोच सुदर्शन की प्रतिभा का सही इस्तेमाल करने में सफल रही तो यह न सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के नतीजे को बदल सकता है, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य की दिशा भी तय कर सकता है।