लगभग 20 साल के लंबे इंतजार और कई बार दिल टूटने के बाद, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आखिरकार नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल में पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रन से हराकर अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत ली। लेकिन इस जीत का सबसे खास पल मैदान पर बने स्कोर से नहीं, दिल से जुड़ा था। विराट कोहली जीत की खुशी में दौड़ते हुए अपने पूर्व कोच और गुरु रवि शास्त्री से जाकर गले लग गए। यह गले मिलना सिर्फ एक जश्न नहीं था, बल्कि 18 साल की मेहनत, संघर्ष और भरोसे का नतीजा था।
आईपीएल 2025 में जीत के बाद विराट कोहली रवि शास्त्री को गले लगाने के लिए आगे बढ़े
विराट का आरसीबी के साथ सफर किसी महान कहानी से कम नहीं रहा। 2008 में जब वह अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद पहली बार आरसीबी से जुड़े, तब वह एक युवा खिलाड़ी थे। लेकिन अगले 18 सालों में उन्होंने इस टीम को अपना सब कुछ दे दिया – दिल भी और मेहनत भी। चाहे टीम की हार हो या नए सिरे से शुरुआत करनी हो, कोहली हमेशा टीम की जान बने रहे और फैंस की उम्मीदों का सहारा बने रहे।
2025 के आईपीएल फाइनल में भी कोहली ने एक अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 35 गेंदों में 43 रन बनाकर आरसीबी को 190 रन के मजबूत स्कोर तक पहुँचाया। लेकिन इस रात की सबसे खास बात सिर्फ रन नहीं थे। असली भावनात्मक पल तब आया जब कोहली जीत के बाद अपने पुराने कोच शास्त्री से गले मिले। कोहली और शास्त्री का रिश्ता भारतीय टीम के समय से बना था। शास्त्री ने कोहली को एक जुनूनी युवा से लेकर एक सुपरस्टार बनते देखा था। जब जीत तय हो गई, कोहली सबसे पहले शास्त्री के पास गए, यह दिखाने के लिए कि कैसे भरोसे और साथ निभाने से सपने पूरे होते हैं। यह पल हमेशा याद रखा जाएगा।
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वीडियो यहां देखें:
Virat Kohli Hugging Ravi Shastri like a Baby 🥹❤️#IPLFinals #IPL2025 #ViratKohli𓃵 pic.twitter.com/98KmRf6ZsP
— Shivam Singh (@shivammm_) June 3, 2025
18 साल की मेहनत रंग लाई: कोहली ने जीत के साथ रचा इतिहास**
विराट के लिए यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उनकी सालों की मेहनत, जुनून और वफादारी का नतीजा थी। यह जीत उनके क्रिकेट सफर का सबसे खास पल बन गई। कोहली ने कहा, “यह जीत जितनी फैंस की है, उतनी ही हमारी टीम की भी है। 18 साल हो गए हैं। मैंने इस टीम को अपनी जवानी, अपना अनुभव और हर सीजन पूरी मेहनत दी है। आखिरकार इसे जीतना अविश्वसनीय है।”
आरसीबी के फैंस के लिए भी यह जीत एक सपने के सच होने जैसा था। इतने सालों की हार और निराशा के बाद, ये पल सबके लिए राहत और खुशी लेकर आया। स्टेडियम में चारों ओर जश्न का माहौल था – हर कोना लाल और सुनहरे रंगों से सजा था और कोहली की आंखों में जीत के आंसू साफ़ नजर आ रहे थे। शास्त्री से कोहली का गले मिलना सिर्फ एक निजी पल नहीं था, बल्कि यह उस टीम और उसके लाखों चाहने वालों के धैर्य और भरोसे की जीत का प्रतीक बन गया।