टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत के जश्न की कड़ी आलोचना की है। बेंगलुरु में हुए इस जश्न के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह दुखद घटना बुधवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई। जिस समय यह हादसा हुआ, वो RCB और उसके फैंस के लिए खुशी का पल था, लेकिन इस घटना ने सबको हिला कर रख दिया और जश्न के माहौल को गम में बदल दिया।
आरसीबी की ऐतिहासिक आईपीएल जीत दुखद घटना से प्रभावित
आरसीबी ने 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार आईपीएल खिताब जीत लिया, जिसे पूरे देश में खुशी और जोश के साथ मनाया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस जीत का सम्मान करते हुए विधान सौध में एक खास कार्यक्रम रखा और शहर में खुली बस में जश्न की परेड आयोजित की गई। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। जैसे ही करीब 2.5 लाख लोग स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हुए, सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई। भीड़ बेकाबू हो गई और अफरातफरी मच गई, जिससे भयानक भगदड़ हुई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई युवा फैंस भी थे, और करीब 50 लोग घायल हो गए।
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गौतम गंभीर की तीखी प्रतिक्रिया
भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले पत्रकारों से बातचीत में टीम इंडिया के कोच गंभीर ने आरसीबी के रोड शो और जश्न को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने साफ कहा, “मैं कभी इस बात में विश्वास नहीं करता था कि रोड शो करना ज़रूरी है। 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी मैंने यही कहा था – लोगों की जान सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।” उनकी आवाज़ में चिंता साफ झलक रही थी।
गंभीर ने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी जश्न से पहले जनता की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, न कि दिखावे का। उन्होंने कहा कि ऐसे जश्न बंद स्टेडियम या सुरक्षित जगहों पर ही होने चाहिए ताकि किसी हादसे का खतरा न हो। उन्होंने कहा, “अगर हम रोड शो के लिए तैयार नहीं हैं, तो हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हम 11 लोगों की जान गंवाने का जोखिम नहीं ले सकते।”
गंभीर ने कार्यक्रम की तैयारी पर भी सवाल उठाए और आरसीबी, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। इन संस्थाओं पर अब कानूनी कार्रवाई की बात भी हो रही है। गंभीर ने दोहराया, “हमें ज़िम्मेदार नागरिक बनना होगा। अगर हम तैयार नहीं थे, तो ये रोड शो नहीं होना चाहिए था।” उनकी बात उन सभी लोगों की चिंता को आवाज़ देती है जो भारत जैसे भीड़भाड़ वाले देश में सुरक्षित आयोजनों की मांग कर रहे हैं।